जानिये किस घातक कैंसर ने ली ऋषि कपूर की जान, क्या हैं इसके कारण, लक्षण, संकेत और बचाव के तरीके
By उस्मान | Published: April 30, 2020 11:24 AM2020-04-30T11:24:33+5:302020-04-30T11:24:33+5:30
ऋषि कपूर कैंसर को मात देकर वापस लौट आये थे फिर अचानक छह महीने बाद उनकी हालत इतनी गंभीर क्यों हो गई?
बॉलीवुड जगत को एक और बड़ा झटका लगा है। इरफान खाने के बुधवार को हुए निधन का गम लोग अभी भुला ही नहीं पाए थे कि गुरुवार को जाने-माने अभिनेता ऋषि कपूर का मुंबई के एक अस्पताल में बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह 67 वर्ष के थे।
उनके भाई एवं अभिनेता रणधीर कपूर ने कहा, 'वह नहीं रहे। उनका निधन हो गया है। कपूर लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। तबीयत बिगड़ने के बाद बुधवार को उन्हें एचएन रिलायंस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अमेरिका में करीब एक साल तक कैंसर का इलाज कराने के बाद वह पिछले साल सितम्बर में भारत लौटे थे। फरवरी में भी तबीयत खराब होने की वजह से उन्हें दो बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
पिछले साल सितम्बर से पहले तक वो न्यूयॉर्क में कैंसर का इलाज करा रहे थे। भारत लौटकर उन्होंने डेक्कन क्रॉनिकल को दिए एक इंटरव्यू में बताया, 'उनका चिकित्सा उपचार चल रहा था। उन्होंने कैंसर को हरा दिया। इस दौरान उन्हें अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण (bone marrow transplant) से गुजरना पड़ा था।
भारत लौटने के बाद खुद ऋषि कपूर ने भी ट्विटर पर अपने फैंस को इस बारे में जानकारी दी। ऋषि ने लिखा कि 11 महीने 11 दिन बाद घर वापसी हुई, आप सब का शुक्रिया।
BACK HOME!!!!!! 11 Months 11days! Thank you all!
— Rishi Kapoor (@chintskap) September 9, 2019
बोन मेरो ट्रांसप्लांट कराने से स्पष्ट होता है कि वो बोन मेरो कैंसर से जूझ रहे थे। चलिए जानते हैं कि यह खतरनाक किसे और क्यों होता है। इसके क्या लक्षण हैं और बोन मेरो ट्रांसप्लांट की क्यों जरूरत होती है।
बोन मैरो कैंसर क्या है (What Are Blood and Bone Marrow Cancers)
वेबएमडी के अनुसार, अस्थि मज्जा का कैंसर स्पंजी ऊतक (spongy tissue) में शुरू होता है, यह मज्जा आपकी हड्डियों के अंदर होती है। मज्जा का मुख्य काम रक्त कोशिकाओं को बनाना है। इस बीमारी के कई प्रकार होते हैं मल्टीपल मायलोमा, लिम्फोमा, ल्यूकेमिया और चाइल्डहुड ल्यूकेमिया शामिल हैं। इन सभी के कारण भी अलग-अलग होते हैं।
बोन मैरो कैंसर के कारण (Causes of Blood and Bone Marrow Cancers)
आमतौर इसके सभी प्रकार में समान कारण होते हैं। इनके मुख्य कारणों में किसी ऑयल फैक्ट्री में काम करना, मोटापा, कैंसर का इतिहास, ऑटोइम्यून कंडीशन जैसे रूमेटाइड गठिया या ल्युपस, एचआईवी या हेपेटाइटिस, स्मोकिंग, ब्लड डिसऑर्डर, रेडिएशन के संपर्क में आना, महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में होना आम है।
बोन मैरो कैंसर के लक्षण (Symptoms of Blood and Bone Marrow Cancers)
इसमें लाल रक्त कोशिकाओं की कमी के कारण कमजोरी और थकान (एनीमिया), कम रक्त प्लेटलेट्स (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया) के कारण रक्तस्राव, सफेद रक्त कोशिकाओं की कमी के कारण संक्रमण (ल्यूकोपेनिया) होना, अत्यधिक प्यास लगना, लगातार पेशाब आना, डिहाइड्रेशन, पेट में दर्द और भूख में कमी आदि शामिल हैं।
बोन मैरो कैंसर का उपचार (Treatment of Blood and Bone Marrow Cancers)
डॉक्टर आपके अस्थि मज्जा की जांच कर सकते हैं यह जानने के लिए कि यह सामान्य मात्रा में रक्त कोशिकाएं बना रहा है। इसे बोन मैरो टेस्ट कहा जाता है। इसे बायोप्सी और एस्पिरेशन द्वारा जांचा जाता है।
आमतौर पर इसका उपचार इसके प्रकार पर निर्भर करता है। इसके उपचार में कीमोथेरेपी, इम्मुनोथेरेपी, थेरेपी ड्रग्स, रेडिएशन, स्टेम सेल ट्रांसप्लांट जिसे बॉन मेरो ट्रांसप्लांट भी कहा जाता है शामिल हैं। ऋषि कपूर के उपचार में भी बॉन मेरो ट्रांसप्लांट किया गया था।
बोन मैरो ट्रांसप्लांट की आवश्यकता कब होती है (When is Bone Marrow Transplant Needed)
हड्डियों में पाए जाने वाले टिश्यू बोन मेरो में स्टेम सेल्स होती हैं। ये स्टेम सेल लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स में विकसित हो सकते हैं। कुछ प्रकार की बीमारियां और चिकित्सा स्थिति इन कोशिकाओं के विकास को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे आगे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे मामलों में बोन मेरो ट्रांसप्लांट चिकित्सा का सहारा लिया जाता है जिसे रोगग्रस्त ऊतक को बदलने के लिए किया जा सकता है।