मोमोज के कारण चली गई एक शख्स की जान, खाते वक्त फंस गया सांस की नली में, जानिए बचाव के तरीके
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 15, 2022 05:34 PM2022-06-15T17:34:24+5:302022-06-15T17:37:25+5:30
दिल्ली के सबसे पॉपुलर स्ट्रीट फूड मोमोज के कारण एक शख्स की जान चली गई। जी हां, 50 साल के एक शख्स की जान केवल इसलिए चली गई क्योंकि मोमोज उसके आहार नाल में जाने की बजाय श्वसन नाल में चला गया, जिसके कारण दम घुटने से उसकी मौत हो गई।
दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में पॉपुलर स्ट्रीट फूड मोमोज के कारण एक शख्स की जान चली गई। जी हां, 50 साल के एक शख्स की जान केवल इसलिए चली गई क्योंकि मोमोज उसके आहार नाल में जाने की बजाय श्वसन नाल में चला गया और जिसके कारण उसका दम घुट गया और उसकी मौत हो गई।
मौत के बाद उस शख्स का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में पोस्टमार्टम हुआ, जब जाकर डॉक्टरों ने इस बात का खुलासा किया कि मोमोज के महज एक टुकड़े के कारण उसे अपनी जान गवांनी पड़ी।
समाचार वेबसाइट 'इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक एस्म के फोरेंसिक विभाग ने बताया कि किस तरह से दिल्ली के सबसे पॉपुलर स्ट्रीट फूड मोमोज के कारण एक 50 साल के आदमी की मौत हो गई क्योंकि उसने मोमोज को चबाकर खाने की बजाय उसे निगलने की भारी गलती की थी और उसका खामयाजा उसे जान देकर चुकानी पड़ी।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मे मौत का कारण बताते हुए डॉक्टरों ने जो लिखा है अगर उसे हम सरल भाषा में कहें तो मोमोज जब मृतक के गले से नीचे उतरा तो वो खाने की नली में जाने की बजाय सांस लेने की नली में चला गया। जिसके कारण उसकी सांस की नली जाम हो गई और दम घुटने के कारण उसकी मौत हो गई।
इस घटना के बाद एम्स के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, एंडोस्कोपिस्ट और हेपेटोलॉजिस्ट डॉक्टर तहसीन ए पेटीवाला ने बताया, "ऐसे मामलों में मौत तब होती है, जब फूड सामान्य परिस्थितियों से अलग फूड पाइप में जाने के बजाय गलती से विंडपाइप में चला जाता है।"
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि केवल मोमोज खाने के कारण ऐसा हो सकता है। अगर कोई दूसरे तरह का खाना खाना हो और खाते समय भोजन को अच्छे से चबाने की बजाय उसे निगलने की कोशिश करे तो ऐसी दुर्घटना हो सकती है।
डॉक्टर पेटीवाला ने कहा, “सामान्यतया यदि भोजन करते समय गलती से भोजन का अंश हमारे श्वांस नली में चला जाता है और सांस बाधित होती है तो हमें फौरन खांसी आती है। इसके कारण भोजन अंश श्वांस नली से निकल जाता है। लेकिन मोमोज, पॉपकॉर्न, नट्स, कैंडीज और च्यूइंग गम आदि जैसे खाद्य पदार्थ चिकने होते हैं और इस कारण उनमें चिपकने की प्रवृति पाई जाती है। इस कारण वो फूड या श्वांस नली में चिपक सकते हैं और खांसी के बाद भी आसानी से नली के बाहर नहीं आ पाते हैं।"
उन्होंने कहा, "अमूमन हम देखते हैं कि नवजात शिशुओं और छोटे बच्चे आहार को चबाने की बजाय उसे निगलने का प्रयास करते हैं, जिसके कारण उन्हें भोजन करते हुए कभी-कभी घुटन होती है। भोजन को ठीक से न चबाना या गलत तरीके से निगलने के कारण या भोजन के दौरान बात करने या फिर हंसने से भी ऐसी दुर्घटनाएं हो सकती हैं।"
एम्स की रिपोर्ट के अनुसार भोजन द्वारा श्वांस नली में रुकावट पैदा करने के कारण होने वाली अप्रत्याशित मौतें बहुत आम नहीं हैं। आंकड़ों के मुताबिक भोजन के श्वासा नली में फंसने के कारण हर साल आबादी के प्रति 1,00,000 में 0.66 लोगों की मौत हो जाती है।
इस मामले में मुंबई के अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के डॉक्टर जिनल पटेल ने कहा कि हम जब भी भोजन करते समय तो हमें ठीक पोजिशन में बैठना चाहिए। लेटकर या आड़े-तिरछे होकर खाना खाने से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा बच्चे जब भी भोजन कर रहे हों तो उन पर ध्यान देना चाहिए और बच्चों के भोजन को छोटे-छोटे बाइट में काटकर देना चाहिए ताकि उन्हें भोजन मुंह में लेने और उसे चबाने में आसानी हो।
वहीं डॉक्टर पेटीवाला ने कहा कि अगर भोजन करते समय खाना श्वांस नली में फंस जाए तो पैनिक करने की बजाय से खांसते हुए छोड़ देना चाहिए क्योंकि उसी खांसी से श्वांस नली में फंसा भोजन बाहर आ सकता है।
यदि खांसते हुए व्यक्ति बोलने में सक्षम हो तो इसे उतना गंभीर नहीं मानना चाहिए लेकिन उसे पानी देने की कोशिश न करें क्योंकि तरल पदार्थ भी श्वांस नली में हवा के प्रवाह को रोक सकता है और सकी परेशानी बढ़ सकती है।
हालांकि, अगर व्यक्ति खांसते हुए बोल नहीं पा रहा तो समझ लेना चाहिए कि उसकी पूरी श्वांस नली चोक हो चुकी है। ऐसे में आपातकालीन सहायता के लिए फौरन एम्बुलेंस बुलाना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।