Omicron virus update in India: भारत में ओमीक्रोन के मामले 100 के पार, विशेषज्ञों ने दी कम्युनिटी ट्रांसमिशन की चेतावनी
By उस्मान | Updated: December 18, 2021 09:23 IST2021-12-18T09:23:42+5:302021-12-18T09:23:42+5:30
संक्रमण के प्रसार के मद्देनजर लोगों को गैर-जरूरी यात्रा और सामूहिक समारोहों से बचने तथा बड़े स्तर पर नए साल का जश्न नहीं मनाने की सलाह

ओमीक्रोन अपडेट
भारत में एक दिन में ओमीक्रोन के सबसे ज्यादा 24 नए मामले आने के साथ कोरोना वायरस के नए स्वरूप से संक्रमितों की संख्या 100 पार कर गई। संक्रमण के प्रसार के मद्देनजर केंद्र ने लोगों को गैर-जरूरी यात्रा और सामूहिक समारोहों से बचने तथा बड़े स्तर पर नए साल का जश्न नहीं मनाने की सलाह दी है।
कर्नाटक में पहला मामला सामने आने के ठीक 15 दिन बाद 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ओमीक्रोन के मामलों की संख्या 111 हो गई है। महाराष्ट्र में 40 और दिल्ली में संक्रमितों की संख्या 22 हो गई है। तेलंगाना और केरल से दो-दो और मामले आने से संक्रमितों की संख्या क्रमश: आठ और सात हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के अनुसार पिछले 20 दिनों से कोविड संक्रमण के दैनिक मामले 10,000 से कम हैं, लेकिन ओमीक्रोन स्वरूप और अन्य देशों में बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्क रहने की आवश्यकता है।
आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, 'चूंकि ओमीक्रोन स्वरूप पूरे यूरोप और दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में बहुत तेजी से फैल रहा है, इसलिए गैर-जरूरी यात्रा और सामूहिक समारोहों से बचना चाहिए और उत्सवों को बड़े स्तर पर आयोजित नहीं करना चाहिए।'
अग्रवाल ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के हवाले से बताया कि ऐसी आशंका है कि जहां सामुदायिक प्रसार (कम्युनिटी ट्रांसमिशन) होता है, वहां ओमीक्रोन संक्रमण डेल्टा स्वरूप से आगे निकल जाएगा।
क्या ओमीक्रोन स्वरूप सामुदायिक प्रसार स्तर पर है, इस सवाल पर अग्रवाल ने कहा, 'हम इस बिंदु पर यह नहीं कह सकते हैं कि ओमीक्रोन स्वरूप भारत में व्यापक है। ओमीक्रोन के अधिकांश मामलों का एक यात्रा इतिहास होता है या उन लोगों के साथ संपर्क होता है जिनका यात्रा करने का इतिहास है।'
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और चिकित्सकों ने कहा कि लोगों को जमावड़े में जाने से बचना चाहिए और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो इस प्रकार के कोरोना वायरस की अत्यधिक संक्रामक प्रकृति को देखते हुए महामारी की स्थिति खराब हो सकती है।