मुंबई: कोरोना खतरे के बीच बीएमसी के अस्पतालों में ठप हो सकती है मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई, ठेकेदारों ने बकाया भुगतान में हो रही देरी को लेकर दी चेतावनी
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 6, 2022 06:25 PM2022-06-06T18:25:50+5:302022-06-06T18:33:06+5:30
हन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से संचालित होने वाले अस्पतालों में कोरोना इलाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित हो सकती है।
मुंबई: कोरोना के बढ़ते हुए मामलों के बीच बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से संचालित होने वाले अस्पतालों के सामने एक भारी चुनौती आ गई है। बताया जा रहा है कि कोरोना इलाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई बीएमसी के अस्पतालों में बाधित हो सकती है।
दरअसल यह समस्या इस इसलिए पैदा हो रही है क्योंकि बीएमसी के अस्पतालों को जिन प्राइवेट ठेकेदारों के जरिये मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई हो रही है, उन्होंने बीएमसी को चेतावनी दी है कि वो सप्लाई को बाधित कर सकते हैं क्योंकि बीएमसी उनके द्वारा पूर्व में की गई ऑक्सीजन सप्लाई के बकाये पैसे का भुगतान करने में देरी कर रहा है।
मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले ठेकेदारों ने इस मामले में बीएमसी को स्पष्ट चेतावनी जारी कर दी है कि वो बकाये के भुगतान में देरी करेंगे तो मेडिकल ऑक्सीजन, सुरक्षा उपकरण किट सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बंद कर देंगे।
ठेकेदारों का आरोप है कि वो अपने द्वारा सप्लाई किये सामानों के मद में पेश किये बिल का भुगतान कभी 2 महीनों में तो कभी ढाई महीनों में पा रहे हैं, लेकिन उन्हें भी होलसेलर्स के पास पैसों का भुगतान करना पड़ता है और बीएमसी की ओर से की जा रही लेट पेमेंट के कारण उसकी सप्लाई चेन टूट सकती है।
बताया जा रहा है कि अस गंभीर मसले पर बृहन्मुंबई नगर निगम के चिकित्सा अधिकारियों ने नगर प्रमुख आईएस चहल से बात भी की है। लेकिन ठेकेदारों का स्पष्ट कहना है कि अगर बीएमसी माल सप्लाई के बदले में 30 दिनों के भीतर बिल का भुगतान नहीं करती है को वो बीाएमसी को इस मामले में कोई सपोर्ट नहीं कर पाएंगे और इसका खामयाजा अस्पताल में भर्ती मरीजों को उठाना पड़ सकता है।
वहीं इस बदइंतजामी पर बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि बीएमसी ठेकेदारों से प्राप्त हुए बिल को 2-3 दिन के भीतर पास करने के लिए फाइनेंस डिपार्टमेंट में भेज द्ता है लेकिन वहां पर चलने वाली लंबी प्रक्रिया के कारण बिल को पास होने में करीब 2 से ढाई महीने तक लग जाते हैं।
बीएमसी अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि अगर ठेकेदारों के बिल का भुगतान नहीं किया जाता है औप वो जरूरी सामानों की सप्लाई रोक देते हैं तो सबसे ज्यादा असर कोरोना मरीजों पर पड़ेगा क्योंकि उनके इलाज के लिए मेडिकल ऑक्सीजन और पीपीई किट की सबसे ज्यादा जरूरत होती है।
समाचार वेबसाइट 'मिड डे' के मुताबिक बीएमसी का फाइनेंस डिपार्टमेंट कई बार छोटी-मोटी पूछताछ के लिए ठेकेदारों को बार-बार बुलाते रहते हैं और इस कारण उनके बील पास होने में देरी होती है।
मालूम हो कि कोरोना की दूसरी लहर में मुंबई में मेडिकल ऑक्सीजन की खपत लगभग 230 मीट्रिक टन रोजाना हो घई थी। जिसके कारण बीएमसी ने खुद कुछ अस्पतालों में अपना ऑक्सीजन प्लॉट लगा लिया था लेकिन उनसे बीएमसी के सारे अस्पतालों को ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं की जा सकती है।
बीएमसी की ओर से जारी की गई ताजा जानकारी के मुताबिक मौजूदा समय में कोरोना के करीब 4,294 सक्रिय मरीज हैं, जिनमें से फिलहाल चार वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं, 34 आईसीयू में हैं और 14 ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं।