Monkey B virus symptoms: बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द, ये हैं 'मंकी बी वायरस' के 5 गंभीर लक्षण
By उस्मान | Published: July 19, 2021 09:22 AM2021-07-19T09:22:37+5:302021-07-19T09:22:37+5:30
इस खतरनाक वायरस के लक्षण भी कोरोना वायरस की तरह एक से दो हफ्तों में नजर आते हैं
कोरोना वायरस महामारी के बीच एक नए खतरनाक मानव संक्रमण का पता चला है। इसे मंकी बी वायरस (Monkey B virus (BV) कहा जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसका पहला मामला कई महीने पहले चीन की राजधानी बीजिंग में पाया गया था और उस मरीज की मौत हो गई। अब इसका एक नया मामला अमेरिका के टेक्सास में मिला है। आम भाषा में इसे 'मंकीपॉक्स वायरस' कहा जा रहा है।
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने बताया कि एक 53 वर्षीय पशु चिकित्सक ने मार्च की शुरुआत में दो मृत बंदरों को काटने के एक महीने बाद मतली और उल्टी जैसे लक्षणों की शिकायत की थी। पशु चिकित्सक ने कई अस्पतालों में इलाज कराया और 27 मई को उसकी मृत्यु हो गई।
अमेरिका में जिस शख्स में मंकीपॉक्स का ताजा मामला सामने आया है, वो 8 जुलाई को फ्लाइट के जरिए नाइजीरिया से अटलांटा गया था। बाद में 9 जुलाई को डालास भी गया था। मरीज को डलास में एक अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है और उसकी हालत स्थिर है।
मंकीपॉक्स या मंकी बी वायरस क्या है?
सीडीसी के अनुसार, मंकीपॉक्स एक दुर्लभ लेकिन संभावित रूप से गंभीर वायरल बीमारी है, जो आम तौर पर फ्लू जैसी बीमारी और लिम्फ नोड्स की सूजन से शुरू होती है और चेहरे और शरीर पर व्यापक दाने के रूप में आगे बढ़ती है। अधिकांश संक्रमण 2-4 सप्ताह तक चलते हैं। मंकीपॉक्स, चेचक के समान विषाणुओं के परिवार में है, लेकिन यह एक मामूली संक्रमण का कारण बनता है।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स या मंकी बी वायरस
जानकारों के अनुसार मंकीपॉक्स भी एक शख्स से दूसरे शख्स में सांसों के जरिए या फिर शरीर में दिए गए किसी अन्य फ्लूइड के माध्यम से फैल सकता है।
हालांकि जानकारों के अनुसार अमेरिका में मिला मामला चिंता की बात इसलिए नहीं है क्योंकि मौजूदा गाइडलाइंस के अनुसार फ्लाइट में हर शख्स के लिए मास्क पहनना जरूरी है।
हालांकि, अमेरिका का सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन विभाग इस शख्स के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है ताकि उन्हें कोई खतरा नहीं हो।
मंकीपॉक्स या मंकी बी वायरस के लक्षण
स्मॉलपॉक्स और मंकीपॉक्स दोनों ही मामलों में शरीर पर धब्बे-चकते आदि हो जाते हैं और ये करीब एक महीने तक रहते हैं। शरीर में कई जगह चमड़े पर बड़े उभार भी नजर आते हैं। इसके अलावा इसमें बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, थकावट जैसे लक्षण नजर आते हैं।
कोरोना की तरह मंकीपॉक्स में भी लक्षण आने में लगता है 7 से 14 दिन का समय
हालांकि, मृत्यु दर स्मॉलपॉक्स में ज्यादा है। कोरोना की तरह मंकीपॉक्स में भी लक्षण सामने आने में 7 से 14 दिन का समय लगता है। इस वायरस का नाम मंकीपॉक्स इसलिए पड़ा क्योंकि ये सबसे पहले 1950 में बंदरों में पाए गए थे। इंसानों में इस वायरस के मिलने का पहला मामला 1970 में कांगो में सामने आया था।