क्या होते हैं गोल्डन सेकंड्स? हार्ट अटैक या कार्डिएक अरैस्ट आने पर कैसे करें इनका इस्तेमाल, जानें

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: August 27, 2018 11:10 IST2018-08-27T11:10:07+5:302018-08-27T11:10:07+5:30

जीवन बचाने के लिए उपलब्ध गोल्डन आवर और गोल्डन सैकंड्स के बीच का अंतर हार्टअटैक होने और किसी को अचानक कार्डिएक अरेस्ट होने के मामले में भी होता है।

Know what is golden hour and golden seconds for heart attack and cardiac arrest | क्या होते हैं गोल्डन सेकंड्स? हार्ट अटैक या कार्डिएक अरैस्ट आने पर कैसे करें इनका इस्तेमाल, जानें

क्या होते हैं गोल्डन सेकंड्स? हार्ट अटैक या कार्डिएक अरैस्ट आने पर कैसे करें इनका इस्तेमाल, जानें

हार्टअटैक में गोल्डन आवर

कार्डिएक अरेस्ट के मामले में जिंदगी और मौत के बीच सिर्फ कुछ सेकंड्स का फासला होता है। हार्टअटैक में भले ही किसी की जान बचाने के लिए घंटेभर की मोहलत मिल जाए लेकिन कार्डिएक अरेस्ट में तो गोल्डन सेकंड्स का ही नियम चलता है।

जब जीवन और मृत्यु का सवाल होता है तो हर एक सैकंड मायने रखता है। यही वह समय होता है जिसमें व्यक्ति को तय करना होता है कि उसे क्या कदम उठाना है। जब हमारे पास किसी मरीज के लिए बेहतरीन विकल्प चुनने के लिए एक घंटे का समय होता है तब हम बहुत कुछ कर सकते हैं, लेकिन जब किसी का जीवन बचाने के लिए सिर्फ कुछ सैकंड्स का समय बचा हो तब मामला अलग होता है।

इन दोनों ही स्थितियों में हमारे द्वारा उठाया गया कदम बेहद महत्त्वपूर्ण होता है। जीवन बचाने के लिए उपलब्ध गोल्डन आवर और गोल्डन सैकंड्स के बीच का अंतर हार्टअटैक होने और किसी को अचानक कार्डिएक अरेस्ट होने के मामले में भी होता है।

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इमरजेंसी में गोल्डन आवर

गोल्डन आवर का कॉन्सैप्ट उन मामलों में लागू होता है जिन में मरीज को गंभीर चोट आई हो या कोई अन्य मैडिकल इमरजेंसी हुई हो। इस के बाद का पहला एक घंटा बेहद महत्त्वपूर्ण होता है, जिस में सही इलाज और प्रबंधन से मरीज की जान या उस के शरीर के अंगों को खराब होने से बचाया जा सकता है।

हालांकि कोई भी कदम पत्थर की लकीर ही साबित हो, ऐसा नहीं कहा जा सकता है लेकिन ट्रॉमेटिक इवैंट के बाद पहले एक घंटे के भीतर मरीज को सही मैडिकल देखभाल मिल जाए तो उस की जान बचने के अवसर कई गुना बढ़ जाते हैं। हार्टअटैक के मामले में अकसर यह सलाह दी जाती है कि ऐसा होने के बाद पहले एक घंटे के भीतर मरीज को इमरजेंसी केयर मिलनी चाहिए। लेकिन कार्डिएक अरेस्ट के मामले में ऐसा नहीं कहा जा सकता है।

Web Title: Know what is golden hour and golden seconds for heart attack and cardiac arrest

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