स्वाइन फ्लू: पहचानें H1N1 के लक्षण, कपूर और लहसुन से इस तरह कर सकते हैं अपना बचाव

By मेघना वर्मा | Updated: January 10, 2018 18:32 IST2018-01-10T16:38:57+5:302018-01-10T18:32:48+5:30

नाक का लगातार बहना, छींक आना, कफ, कोल्ड आदि स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं।

know swine flu H1N1 symptoms and precautions | स्वाइन फ्लू: पहचानें H1N1 के लक्षण, कपूर और लहसुन से इस तरह कर सकते हैं अपना बचाव

स्वाइन फ्लू: पहचानें H1N1 के लक्षण, कपूर और लहसुन से इस तरह कर सकते हैं अपना बचाव

जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है वैसे-वैसे देश में स्वाइन फ्लू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अकेले राजस्थान में ही अब तक 12 लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है जबकी 230 मरीज इसके टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। दरअसल, स्वाइन फ्लू एक प्रकार का वायरल बुखार है, यानी ये वायरस से फैलता है। ठंड की वजह से स्वाइन फ्लू का वायरस और घातक हो जाता है। वातावरण में नमी बढ़ने के साथ ही ये ज्यादा तेजी से फैलने लगता है। यही वजह है कि मौसम के बदलने के साथ एकाएक इसके मामलों की बाढ़ सी आ गई है।

क्या है स्वाइन फ्लू

स्वाइन इन्फ्लूएंजा एक संक्रामक सांस की रोग है जो कि सामान्य रूप से केवल सूअरों को प्रभावित करती है। यह आमतौर पर स्वाइन इन्फ्लूएंजा ए वायरस के  H1N1 स्ट्रेंस के कारण होता है। हालांकि H1N2,H3N1 और H3N2 के रूप में अन्य सूअरों में मौजूद रहते हैं। हालांकि लोगों में स्वाइन फ्लू होना सामान्य नहीं है, मानवीय संक्रमण कभी-कभी होते हैं, मुख्यतः संक्रमित सूअरों के साथ निकट संपर्क में आने के बाद से यह हो सकता है। मौसम खराब होने के साथ स्वाइन फ्लू से होने वाली मौतें भी बढ़ रही हैं, लेकिन अगर इस बीमारी को अच्छी तरह से जान-समझ लिया जाए तो इसे पहचानना और इससे बचना भी आसान हो जाएगा। 

ये हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण 

स्वाइन फ्लू के लक्षण भी सामान्य एन्फ्लूएंजा जैसे ही होते हैं 
1. नाक का लगातार बहना, छींक आना
2. कफ, कोल्ड और लगातार खांसी 
3. मांसपेशियां में दर्द या अकड़न 
4. सिर में भयानक दर्द
5. नींद न आना, ज्यादा थकान 
6. दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढ़ना
7. गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना

स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से फैलता है। कई बार मरीज के आसपास रहने वाले लोगों को चपेट में ले लेता है। लिहाजा, किसी में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखें तो उससे कम से कम तीन फीट की दूरी बनाए रखना चाहिए, स्वाइन फ्लू का मरीज जिस चीज का इस्तेमाल करे, उसे भी नहीं छूना चाहिए।

ऐसे फैलता है स्वाइन फ्लू

1. स्वाइन फ्लू का वायरस हवा में ट्रांसफर होता है 
2. खांसने, छींकने, थूकने से वायरस सेहतमंद लोगों तक पहुंच जाता है

डॉक्टरों का ये भी कहना है कि अगर किसी घर में कोई शख्स स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गया तो, घर के बाकी लोगों को इससे बचने के लिए डॉक्टरी सलाह लेना चाहिए।  

आराम करना हो सकता है मददगार

स्वाइन फ्लू से बचाव इसे रोकना का बड़ा उपाय है, हालांकि इसका इलाज भी अब मौजूद है। आराम करना, खूब पानी पीना, शरीर में पानी की कमी न होने देना इसका सबसे बेहतर है। शुरुआत में पैरासीटमॉल जैसी दवाएं बुखार कम करने के लिए दी जाती हैं। बीमारी के बढ़ने पर एंटी वायरल दवा ओसेल्टामिविर (टैमी फ्लू) और जानामीविर (रेलेंजा) जैसी दवाओं से स्वाइन फ्लू का इलाज किया जाता है। लेकिन इन दवाओं को कभी भी खुद से नहीं लेना चाहिए। सर्दी-जुखाम जैसे लक्षणों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली तुलसी, गिलोए, कपूर, लहसुन, एलोवीरा, आंवला जैसी आयुर्वेदिक दवाईयों का भी स्वाइन फ्लू के इलाज में बेहतर असर देखा गया है। सर्दियों में इन्हें लेने से वैसे भी जुखाम तीन फिट की दूरी पर रहता है, और स्वाइन फ्लू के वायरस से बचने के लिए भी इतने ही फासले की जरूरत होती है। 

स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी की सलाह- स्वाइन फ्लू से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

1. बार-बार साबुन और पानी से अपने हाथ धोएं
2. जब खांसी या छींक आए तो अपने मुंह और नाक को एक टिश्यू से ढक लें 
3.  इस्तेमाल किए टिश्यू का तुरंत और सावधानी के साथ निपटान करें। उन्हें एक बैग में डाल कर फिर पात्र में फेंकें
4.  स्वच्छ कठोर सतहों (उदाहरण के लिए दरवाजे के हैंडल) को नियमित साफ रखें 
5.  सुनिश्चित करें कि बच्चे इस सलाह का पालन करें

Web Title: know swine flu H1N1 symptoms and precautions

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