कादर खान इस लाइलाज बीमारी से थे पीड़ित, जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज
By गुलनीत कौर | Published: January 1, 2019 11:11 AM2019-01-01T11:11:24+5:302019-01-01T11:11:24+5:30
Kader Khan Death know health issue causes progressive supranuclear palsy: प्रोग्रेसिव सुपरन्यूक्लियर पाल्सी एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति का शारीरिक संतुलन खोने लगता है। इसकी वजह से उठने, बैठने, चलने और बात करने में दिक्कत होती है। साथ ही व्यक्ति भूलने भी लगता है।
बॉलीवुड अभिनेता कादर खान का 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। इस दिग्गज कलाकार ने कनाडा में अपनी आख़िरी साँसे ली हैं। मीडिया ख़बरों के अनुसार कादर खान लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें प्रोग्रेसिव सुपरन्यूक्लियर पाल्सी नाम की एक गंभीर बीमारी थी जिसके कारण उनका सालों से इलाज भी चल रहा था और आखिरकार अपनी बीमारी से लड़ते लड़ते कादर खान दुनिया को अलविदा कहा गए।
क्या है प्रोग्रेसिव सुपरन्यूक्लियर पाल्सी?
प्रोग्रेसिव सुपरन्यूक्लियर पाल्सी एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति का शारीरिक संतुलन खोने लगता है। इसकी वजह से उठने, बैठने, चलने और बात करने में दिक्कत होती है। साथ ही व्यक्ति भूलने भी लगता है। इस बीमारी के कारण कादर खान के दिमाग ने काम करना भी बंद कर दिया था। वे किसी से बात नहीं करते थे और कई दफा लोगों को पहचानने से भी इनकार कर देते थे।
प्रोग्रेसिव सुपरन्यूक्लियर पाल्सी के कारण
प्रोग्रेसिव सुपरन्यूक्लियर पाल्सी एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से व्यक्ति को उठने, बैठें और यहां तक कि आखों को मूव करने में भी दिक्कत होती है। यह बीमारी सबसे पहले दिमाग की कोशिकाओं को अपना शिकार बनाती है। ये दिमाग की महत्वपूर्ण कोशिकाओं को डैमेज करती है जिसकी वजह से शरीर के विभिन्न अंग या तो काम करना बंद कर देते हैं या फिर ठीक से काम नहीं करते हैं।
डॉक्टरों की मानें तो इस बीमारी का कारण नेचुरल है। अचानक दिमाग की कोशिकाओं की ग्रोथ रुक जाना या उनका डैमेज होना, दोनों में से किसी भी वजह से यह गंभीर रोग व्यक्ति को जकड़ सकता है। इस बीमारी का इलाज ना हो तो यह बढ़ती चली जाती है। किन्तु इलाज के साथ भी इसके केवल उस स्टेज तक रोका जा सकता है। इस बीमारी को जड़ से ख़त्म करने का अभी तक कोई भी इलाज संभव नहीं हो पाया है।
प्रोग्रेसिव सुपरन्यूक्लियर पाल्सी के लक्षण
- बॉडी में अचानक जकड़न आना
- चलते चलते गिर जाना
- बात करने में दिक्कत होना
- खाना चबाने और निगलने में मुश्किल आना
- नींद में खलल पड़ना
- आंखों द्वारा रोशनी बर्दाश्त ना कर पाना
- बेवजह हँसना या रोना
- अवसाद
- बेचैनी
- चेहरे के हाव भाव का अचानक बदल जाना
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कादर खान को हो रही थीं ये तकलीफें
मीडिया ख़बरों के मुताबिक लंबे समय से कादर खान को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। हालत अधिक गंभीर हो जाने की बजह से पिछले दिनों उन्हें वेंटीलेटर (BIPAP) पर रखा गया था। पिछले काफी समय से उनका इलाज कनाडा के एक अस्पताल में चल रहा था। कादर खान को आखिरी बार 2015 में आई फिल्म 'दिमाग का दही' में देखा गया था।
पहले भी आई थी मौत की खबर
बता दें कि एक दिन पहले इनके मौत की खबर झूठी फैल गई थी। बाद में उनके बेटे ने इन खबरों का खंडन किया और बताया कि कादर खान गंभीर रूप से बीमार हैं। बता दें कि बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और लेखक कादर खान को कनाडा में अस्पताल में भर्ती थे।
कादर खान का परिचय
अभिनेता कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर, 1937 को काबुल में हुआ था। उन्होंने 1973 में ‘दाग’ फिल्म से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। जिसमें राजेश खन्ना मुख्य किरदार निभा रहे थे। एक पटकथा लेखक के तौर पर खान ने मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा के साथ कई फिल्में लिखी। कादर खान ने 300 से अधिक फिल्मों में काम किया है। उन्होंने 250 से ज्यादा फिल्मों के लिए संवाद लिखे हैं। अभिनेता बनने से पहले वह रणधीर कपूर और जया बच्चन की फिल्म ‘‘जवानी दीवानी’’ के लिए संवाद लिख चुके थे।
पटकथा लेखक के तौर पर खान ने मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा के साथ कई फिल्मों में काम किया। देसाई के साथ उन्होंने "धर्म वीर", "गंगा जमुना सरस्वती", "कुली", "देश प्रेम", "सुहाग", "परवरिश" और "अमर अकबर एंथनी" जैसी फिल्में कीं और मेहरा के साथ उन्होंने "ज्वालामुखी", "शराबी", "लावारिस", "मुकद्दर का सिकंदर" जैसी फिल्मों में काम किया है। 90 के दशक में उन्होंने गोविंदा के साथ कई हिट कॉमेडी फिल्मों में काम किया।
खान के साथ "दो और दो पाँच", "मुकद्दर का सिकंदर", "मिस्टर नटवरलाल", "सुहाग", "कुली’’ और "शहंशाह "जैसी फिल्मों में काम करने वाले महानायक अमिताभ बच्चन ने शुक्रवार को ट्विटर पर अनुभवी अभिनेता की सलामती और स्वस्थ होने की कामना की।