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COVID-19 vaccine: क्या प्रेगनेंसी, ब्रेस्टफीडिंग या पीरियड्स के दौरान कोरोना का टीका लगवाना चाहिए ?

By उस्मान | Updated: June 21, 2021 12:08 IST

आज से सभी के लिए फ्री वैक्सीन का कार्यक्रम शुरू हो रहा है और आपको इन सवालों का जवाब पता होना चाहिए

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ठळक मुद्देआज से शुरू हो रहा है फ्री वैक्सीन कार्यक्रममहिलाओं को जरूर जानना चाहिए इसका जवाबटीके को सुरक्षित मानते हैं एक्सपर्ट

कोरोना वायरस का प्रकोप थोड़ा कम हुआ है लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण जारी है और 21 जून से सभी लोगों को फ्री टीका लगने का कार्यक्रम भी शुरू हो गया है। वैक्सीन के कई छोटे-बड़े दुष्परिणाम भी सामने आते रहते हैं। यही वजह है कि प्रेगनेंसी या पीरियड्स के दिनों वैक्सीन लगवाने जैसे कई सवाल भी पैदा हुए हैं। 

क्या पीरियड्स के दौरान वैक्सीन लगवाना सुरक्षित है ?

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार बैंगलोर स्थित फोर्टिस अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के एसोसिएट निदेशक डॉ अरुणा मुरलीधर  के अनुसार, पीरियड्स या मासिक धर्म चक्र एक महिला के शरीर का एक मुख्य कार्य है। यह चक्र तभी शुरू होता है जब मासिक धर्म के लिए जिम्मेदार हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं।

ये हार्मोन मस्तिष्क के नीचे पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा निर्मित होते हैं जो बदले में डिम्बग्रंथि हार्मोन जैसे प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन को बढ़ावा देते हैं जो गर्भाशय की आंतरिक परत यानी एंडोमेट्रियम को तोड़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं। 

पूरा चक्र शरीर के अंदर 28-30 दिनों की अवधि में होता है और अंत में हम जो देखते हैं वह केवल वह अवधि होती है जो हमें दिखाई देती है। इसके अलावा, मासिक धर्म के दौरान बहुत सारी काम होते हैं जिससे तनाव, वजन घटाने, वजन बढ़ने, शारीरिक गतिविधि में बदलाव या यहां तक कि कुछ प्रकार के संक्रमणों के प्रति भी बहुत संवेदनशील होना आदि का खतरा होता है।

पीरियड्स और वैक्सीन के आपस में क्या लेना-देना है ?

एक टीका एक विशेष संक्रामक रोग से लड़ने के लिए महत्वपूर्ण जैविक तैयारी है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार शामिल है। टीके से बहुत सारे प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले एंटीबॉडी का उत्पादन होता है जो मासिक धर्म को प्रभावित कर सकता है। कुछ महिलाओं को हल्का या भारी पीरियड्स का अनुभव होता है। ऐसे मामले भी देखने को मिले हैं जिनमें टीकाकरण के कारण ओव्यूलेशन में थोड़ी देरी हुई है।  

टीका लगवाना क्यों जरूरी है?

स्त्री रोग विशेषज्ञ ने सिफारिश की कि जब भी अवसर मिले टीकाकरण करवाना बहुत जरूरी है। यद्यपि टीकों के डर से प्रेरित थोड़ी चिंता हो सकती है, इसके अलावा महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान टीकाकरण में देरी का कोई कारण नहीं है। गर्भ धारण करने की कोशिश कर रही महिला भी खुद को टीका लगवा सकती है क्योंकि इसका प्रजनन क्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

आपको कब चिंतित होना चाहिए?- अगर किसी महिला को सामान्य से ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है

- पीरियड्स में बहुत लंबी देरी

- दो से अधिक चक्रों के लिए पैटर्न में भारी परिवर्तन से गुजरना

- रजोनिवृत्त महिलाओं को रक्तस्राव का अनुभव होता है।

क्या गर्भावस्था में कोरोना का टीका लगवाना चाहिए ?

सीडीसी के अनुसार इस बारे में कई अलग-अलग मत हैं। यह समझना जरूरी है कि ये टीके शरीर में कैसे काम करते हैं। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि गर्भवती लोगों के लिए ये जोखिम पैदा करने की संभावना नहीं है। हालांकि वर्तमान में गर्भवती महिलाओं में कोरोना टीकों की सुरक्षा पर सीमित डेटा है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार,  जिन महिलाओं ने जन्म दिया है और जो अपने बच्चों को स्तनपान करा रही हैं, वे वैक्सीन ले सकती हैं। इसमें बिल्कुल भी खतरा नहीं है क्योंकि अभी जितने भी टीके लग रहे हैं, उनमें से किसी में भी जीवित वायरस नहीं है। और इसलिए स्तन के दूध के माध्यम से संचरण का कोई खतरा नहीं है। 

गर्भावस्था बहुत ही खास स्थिति है क्योंकि इसमें मां और अजन्मे बच्चे के स्वास्थ्य के का खास ध्यान रखना पड़ता है. गर्भावस्था के दौरान दी जाने वाली कोई भी दवा या टीका को लेकर विशेष ध्यान रखना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं को गंभीर कोरोना होने का खतरा अधिक होता है और समय से पहले बच्चे को जन्म देने का भी अधिक जोखिम होता है। संगठन का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को इसके लाभ और हानि बताना जरूरी है। टीका लगवाना उनका व्यक्तिगत फैसला होना चाहिए।

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