लाइव न्यूज़ :

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषदः भारत में 11.4 प्रतिशत मधुमेह और 35.5 प्रतिशत लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित, लांसेट अध्ययन बात सामने आई, देखें आंकड़े

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 9, 2023 17:30 IST

Indian Council of Medical Research: 2021 में भारत में 10.1 करोड़ लोग मधुमेह के शिकार थे, वहीं 13.6 करोड़ लोग पूर्व मधुमेह (डायबिटीज से पहले के स्तर) की चपेट में थे और 31.5 करोड़ लोग उच्च रक्तचाप से ग्रस्त थे।

Open in App
ठळक मुद्देलांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई।स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने वित्तपोषित किया है। भारत में 28.6 प्रतिशत लोग सामान्य मोटापे से ग्रस्त हैं, वहीं 39.5 प्रतिशत लोग पेट (तोंद) के मोटापे से ग्रस्त हैं।

नई दिल्लीः भारत में 11.4 प्रतिशत लोग मधुमेह (डायबिटीज) और 35.5 प्रतिशत लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं जबकि 15.3 प्रतिशत लोग पूर्व मधुमेह की स्थिति में हैं। लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई।

 

देश में मधुमेह और गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) पर हुए सबसे बड़े अध्ययन में आकलन किया गया है कि 2021 में भारत में 10.1 करोड़ लोग मधुमेह के शिकार थे, वहीं 13.6 करोड़ लोग पूर्व मधुमेह (डायबिटीज से पहले के स्तर) की चपेट में थे और 31.5 करोड़ लोग उच्च रक्तचाप से ग्रस्त थे।

मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन (एमडीआरएफ) ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर यह अध्ययन किया जिसे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने वित्तपोषित किया है। इसमें यह भी पाया गया कि भारत में 28.6 प्रतिशत लोग सामान्य मोटापे से ग्रस्त हैं, वहीं 39.5 प्रतिशत लोग पेट (तोंद) के मोटापे से ग्रस्त हैं।

अध्ययन में पाया गया कि 2017 में भारत में करीब 7.5 प्रतिशत लोगों को मधुमेह की समस्या थी। इसका मतलब हुआ कि तब से अब तक यह संख्या 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ गयी है। राज्यों की बात करें तो मधुमेह के सर्वाधिक मामले गोवा (26.4 प्रतिशत) में हैं, वहीं उत्तर प्रदेश में सबसे कम (4.8 प्रतिशत) मामले हैं।

उच्च रक्तचाप के सबसे अधिक रोगी पंजाब में (51.8 प्रतिशत) हैं। एमडीआरएफ की अध्यक्ष डॉ आर एम अंजना ने कहा, ‘‘गैर-संचारी रोगों में तेजी से वृद्धि के लिए सर्वाधिक रूप से आहार, शारीरिक गतिविधियों और तनाव के स्तर जैसी जीवनशैलियों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। अच्छी खबर यह है कि इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए हस्तक्षेप किये जा सकते हैं।

हमारे अध्ययन में भारत में स्वास्थ्य देखभाल की योजना और प्रावधान को लेकर अनेक निहितार्थ निकाले जा सकते हैं।’’ यह अध्ययन 2008 से 2020 के बीच देश के 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 1,13,043 लोगों पर किया गया जिनमें 33,537 शहरी और 79,506 ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी थे।

डॉ मोहन डायबिटीज स्पेशियलिटीज सेंटर के अध्यक्ष वी मोहन ने कहा, ‘‘भारत में राज्य सरकारों की रुचि विशेष रूप से इन एनसीडी पर विस्तृत राज्यस्तरीय आंकड़ों में होगी क्योंकि इससे वे एनसीडी को सफलतापूर्वक रोकने तथा उनकी जटिलताओं को संभालने के लिए साक्ष्य आधारित हस्तक्षेप विकसित कर सकेंगे।’’

अध्ययन दल में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नयी दिल्ली के अनुसंधानकर्ता भी शामिल थे। अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि भारत में मधुमेह और शारीरिक चयापचय से संबंधित अन्य गैर-संक्रामक रोगों के मामले पहले के अनुमान से अधिक हैं।

उन्होंने कहा कि जहां देश के अधिक विकसित राज्यों में मधुमेह को लेकर स्थिरता आ रही है, वहीं अन्य कई राज्यों में यह अब भी पैर पसार रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, भारत में तेजी से बढ़ते गैर-संक्रामक रोगों को रोकने के लिए तत्काल आधार पर राज्य-केंद्रित नीतियां और हस्तक्षेपों की जरूरत है।’’

टॅग्स :डायबिटीजHealth and Family Welfare Department
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

भारतशराब की लुभावनी पैकेजिंग के खतरे

भारतAyushman Card: घर बैठे बनवा सकते हैं आयुष्मान कार्ड, बस इन डॉक्यूमेंट की होगी जरूरत

विश्वअमेरिका डायबिटीज, मोटापा जैसी स्वास्थ्य समस्याओं वाले विदेशियों को वीज़ा देने से कर सकता है मना

स्वास्थ्यडायबिटीज की बढ़ती महामारी, भारत में 60 करोड़ लोग खतरे की दहलीज पर, बच्चों से लेकर वृद्धों तक स्थिति चिंताजनक

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

स्वास्थ्यक्या आपने कभी कुत्ते को कंबल के नीचे, सोफे के पीछे या घर के पिछले हिस्से में खोदे गए गड्ढे में पसंदीदा खाना छुपाते हुए देखा है?, आखिर क्या है वजह