लाइव न्यूज़ :

'फेफड़े के कैंसर' मामले में भारत चौथे नंबर पर पहुंचा, जानिए क्या होते हैं लक्षण? 

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: January 14, 2019 05:08 IST

सजिर्कल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख व संस्था के संचालक डॉ. अजय मेहता ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च इन्स्टीटय़ूट (एचसीजी एनएचआरआई) व विदर्भ चेस्ट एसोसिएशन के सहयोग से रविवार को फेफड़े के बीमारी के बारे में एक दिवसीय चर्चासत्र का आयोजन किया गया.

Open in App

वायु प्रदूषण और धूम्रपान की आदत के कारण फेफड़े की बीमारी का औसत बढ़ गया है.भारत में पहले फेफड़े का कैंसर आठवें स्थान पर था. अब वह चौथे स्थान पर पहुंच गया है. सबसे खतरनाक है कि 85 फीसदी मरीज फेफड़े के कैंसर के तीसरे और चौथे चरण पर पहुंचने से मृत्यु का औसत बढ़ गया है. 

सजिर्कल ऑन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख व संस्था के संचालक डॉ. अजय मेहता ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च इन्स्टीटय़ूट (एचसीजी एनएचआरआई) व विदर्भ चेस्ट एसोसिएशन के सहयोग से रविवार को फेफड़े के बीमारी के बारे में एक दिवसीय चर्चासत्र का आयोजन किया गया. इस मौके पर आयोजित पत्रपरिषद में वे बोल रहे थे. इस अवसर पर साइको ऑन्कोलॉजीस्ट व संस्था की संचालक डॉ. सुचित्र मेहता, डॉ. वैभव चौधरी, डॉ. मंगेश पाटिल, डॉ. पराग इंगले और डॉ. दीपक मुखर्जी उपस्थित थे.

डॉ. मेहता ने कहा कि फेफड़े में कैंसर की पेशियों  में वृद्धि होने पर फेफड़े का कार्य बाधित होता है. इससे शरीर के लिए आवश्यक प्राणवायु बनने में परेशानी होती है. खांसने के दौरान खून निकलना, छाती में दर्द, भूख कम होना, वजन कम होना, बार-बार सांस का फुलना, सांस अनियमित होना और आवाज कमजोर होना आदि इस कैंसर के लक्षण है. 

धूम्रपान के शौकिनों के लिए  ‘हाइरिस्क’डॉ. मेहता ने कहा कि फेफड़े के कैंसर में धूम्रपान के अलावा प्रदूषण का बड़ा हिस्सा है. इस बीमारी में धूम्रपान की लत वाले 40 से 45 की आयु समूह के लोग ‘हाइरिस्क’ में माने जाते है. फेफड़े के कैंसर के पहले चरण में निदान होने पर अविलंब आपरेशन किए जाने पर मरीज के बचने की 80-85 फीसदी संभावना होती है.  इस बीमारी के निदान के लिए संस्था में जल्द ही ‘डोज कॉम्प्यूटेड टोमोग्राफी’ जांच की सुविधा उपलब्ध होगी.

फेफड़े की बीमारी से भारत में सबसे ज्यादा मृत्यु

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में फेफड़े की बीमारी से भारत में सबसे ज्यादा लोगों की मृत्यु होती है. कैंसर के सौ मरीजों में तेरह मरीज फेफड़े के कैंसर से पीड़ित होते हैं. भारत में हरवर्ष फेफड़े के कैंसर के 70 हजार से अधिक मरीज पाए जाते हैं. इसीप्रकार 60 हजार से अधिक मरीजों की इस बीमारी से मृत्यु हो जाती है. महाराष्ट्र में भी इसका औसत ज्यादा है. अब विदर्भ में भी इसका औसत बढ़ने के मामले सामने आए हैं. विदर्भ में मौजूदा स्थिति में बिजली उत्पादन की 14 परियोजनाएं है. विशेषज्ञों का कहना है कि इन परियोजनाओं के परिसरों में सांस की बीमारी से मृत्यु का औसत बढ़ गया है.

तंबाकू पर प्रतिबंध क्यों नहीं?

फरीदाबाद स्थित सर्वोदय हॉस्पिटल के डॉ. दिनेश पेंढारकर ने कहा कि तंबाकू के कारण कैंसर होने का खतरा 40 फीसदी होता है. शासन की ओर से विविध विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को तंबाकू से दूर रहने की अपील की जाती है. इसके बाद भी तंबाकू की आदत पर कोई प्रतिबंध नहीं लग रहा है, यह एक पहेली है. विश्व में फेफड़े का कैंसर दूसरे क्रमांक पर है. इस कैंसर के मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. इसलिए इस बीमारी को गंभीरता से लेना आवश्यक है.

टॅग्स :महाराष्ट्रहेल्थ टिप्स
Open in App

संबंधित खबरें

भारतसंसदीय सुधारों के लिए याद रहेंगे शिवराज पाटिल

भारतमहाराष्ट्र निकाय चुनावः थोड़ा थका-थका सा दिख रहा है विपक्ष

भारतआखिर क्यों नगर निगम चुनाव में कर रहे गठजोड़?, अमित शाह से मिलने के बाद महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण बोले-अजित पवार और एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर लड़ेंगे

भारतनगर निगम चुनाव से पहले अमित शाह से मिले महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण, सीएम देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच चर्चा की जानकारी

भारतक्या करें, जब व्यवस्था ही बेशर्म हो जाए !

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्य"परदेश जाना पर एड्स ना लाना"?, 2025 में सर्वाधिक महिलाएं एचआईवी संक्रमित, सीतामढ़ी में 7400 से ज़्यादा संक्रमित

स्वास्थ्यबोतलबंद पानी पीने वाले हो जाएं अलर्ट?, शोध में खुलासा, माइक्रोप्लास्टिक्स, रासायनिक अवशेष और बैक्टीरिया शामिल, बॉडी को लेकर हानिकारक?

स्वास्थ्यगर्भवती महिलाओं के पीने के पानी में पीएफएएस की मौजूदगी उनके शिशुओं के लिए घातक: अध्ययन

स्वास्थ्यनागपुर विधानसभा सत्रः 176 खुदरा और 39 थोक विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द, मंत्री नरहरि जिरवाल ने कहा-खराब गुणवत्ता वाली दवाओं की बिक्री को लेकर एक्शन

स्वास्थ्यडॉ. रोहित माधव साने को “Personality of the Year 2025” का सम्मान