16-25 साल के सभी लड़के-लड़कियां हर हाल में करा लें ये 4 मेडिकल टेस्ट, वरना भुगतने पड़ सकते हैं बुरे परिणाम
By उस्मान | Published: November 16, 2018 12:58 PM2018-11-16T12:58:50+5:302018-11-16T12:58:50+5:30
यह सुनिश्चित करना हमेशा आवश्यक है कि आपका स्वास्थ्य अच्छा है या नहीं। लेकिन स्वस्थ रहने के लिए कुछ प्रयास करने बहुत जरूरी हैं और इन्हीं में एक स्क्रीनिंग टेस्ट भी है जिससे आपको अपने स्वास्थ्य के बारे में पता चल सकता है और समय रहते इलाज कराने में मदद मिल सकती है।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आपकी उम्र क्या है लेकिन हमेशा यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आप स्वस्थ हैं या नहीं। नेशनल सेंटर फॉर हेल्थ स्टैटिस्टिक्स के अनुसार अधिकतर युवाओं को स्वस्थ रहने के स्रोतों की जानकारी नहीं है। अगर आप युवा हैं और उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारियों के जोखिम को कम करना चाहते हैं तो आपको ये मेडिकल टेस्ट करा लेने चाहिए।
1) कोलेस्ट्रॉल टेस्ट
कोलेस्ट्रॉल को ब्लड टेस्ट द्वारा मापा जाता है और आपका डॉक्टर आपको 9 से 12 घंटे पहले कुछ नहीं खाने की सलाह देते हैं। आम तौर पर, कोलेस्ट्रॉल टेस्ट में अच्छे कोलेस्ट्रॉल, खराब कोलेस्ट्रॉल, और ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल की जांच की जाती है। आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल 200 मिलीग्राम / डीएल से कम होना चाहिए। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) के अनुसार, 35 वर्ष से अधिक उम्र के सभी वयस्कों को 5 साल में एक बार टेस्ट करना चाहिए।
2) डायबिटीज टेस्ट
सभी वयस्कों को साल में कम से कम 2 बार डायबिटीज की जांच करनी चाहिए क्योंकि इसका कम उम्र में कोई लक्षण नहीं दिखता है। लेकिन अगर आपको कभी-कभी ज्यादा प्यास लगना, हर समय थकान महसूस होना, खाने के बाद भी बहुत भूख लगना, धुंधली दृष्टि, सामान्य से अधिक बार पेशाब आना, घाव या कटने का जख्म ठीक नहीं होना जैसे लक्षण दिखते हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। ब्लड शुगर का 135/80 मिमी एचजी से अधिक डायबिटीज का लक्षण हो सकता है।
3) हेपेटाइटिस
हेपेटाइटिस लीवर की सूजन है। यह आमतौर पर वायरल संक्रमण के कारण होता है, लेकिन हेपेटाइटिस के अन्य संभावित कारण भी हैं। कई लोगों को लीवर की बीमारी बहुत धीमे से हो सकती है। यह आपके इम्युनिटी सिस्टम को कमजोर कर सकता है और अगर इलाज नहीं किया जाता है तो सिरोसिस या लीवर कैंसर हो सकता है। हेपेटाइटिस पांच प्रकार की होती है, हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी और हेपेटाइटिस ई। आप साल में कम से कम एक बार हेपेटाइटिस टेस्ट करा सकते हैं।
4) ब्लड कैंसर
ब्लड कैंसर या ल्यूकेमिया के प्रारंभिक लक्षणों का पता लगाने के लिए यह टेस्ट बहुत जरूरी है। ब्लड कैंसर 137 विभिन्न प्रकार के होते हैं लेकिन 3 मुख्य प्रकार ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, और माइलोमा हैं। ल्यूकेमिया और लिम्फोमा जैसे ब्लड कैंसर का निदान करने में सहायता के लिए पता लगाएं कि क्या कैंसर बोन मेरो में फैल गया है। यह निर्धारित करें कि एक व्यक्ति का शरीर कैंसर के उपचार को कैसे संभाला जा रहा है।
इस बात का रखें ध्यान
अगर आपको युवा उम्र में भी ऊपर बताए गए रोगों में किसी भी तरह के लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए और जरूरी टेस्ट कराना चाहिए।