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फ्लू, निमोनिया, मांसपेशियों की ऐंठन, दाद जैसी बीमारियों से बचने के लिए वयस्क जरूर लगवाएं ये 6 टीके

By उस्मान | Updated: March 13, 2020 11:16 IST

ऐसा माना जाता है कि टीके लगवाने से हर साल करीब 3 मिलियन लोगों की जान बच जाती है

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ठळक मुद्देसिर्फ बच्चों को नहीं बल्कि वयस्कों को भी टीके लगवाने चाहिएहर साल इसका टीका लगवाकर फ्लू बीमारी से बच सकते हैं।

सभी लोग अपने बच्चों को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए अलग-अलग टीके लगवाते हैं। क्या आप जानते हैं कि टीके सिर्फ बच्चों के लिए नहीं होते बल्कि वयस्कों को भी कई जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए समय-समय कई टीके लगवाने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि टीके लगवाने से हर साल करीब 3 मिलियन लोगों की जान बच जाती है। चलिए जानते हैं कि आपको कौन-कौन से जरूरी टीके लगवाने चाहिए और क्यों। 

इन्फ्लूएंजा (फ्लू) का टीका

इन्फ्लूएंजा वायरस बार-बार बदलता है, और कोई भी नहीं जाता है कि यह कितना घातक होगा। यही वजह है कि इसके लिए हर साल नए टीके तैयार किये जाते हैं। हर साल इसका टीका लगवाकर आप इस बीमारी से बच सकते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में खांसी, गले में खराश, बुखार, बहती नाक, सिरदर्द और थकान शामिल हैं। यह उन लोगों के लिए घातक हो सकता है जो फेफड़े की पुरानी बीमारी और डायबिटीज से पीड़ित हैं। गर्भवती महिलाओं और 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए भी फ्लू खतरनाक है।

एचपीवी का टीका

ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) सबसे आम यौन संचारित संक्रमणों में से एक है। यह गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के साथ-साथ अन्य प्रकार के कैंसर और जननांग मस्से को जन्म दे सकता है। इसका टीका 11 या 12 साल की उम्र में लगवाना जरूरी है। हालांकि, यदि आपकी उम्र अधिक है और आप यौन गतिविधियों में शामिल हैं, तो आपको भी यह टीका लगवाना चाहिए। 

न्यूमोकोकल

यह इन्फेक्शन निमोनिया, मैनिंजाइटिस और सेप्सिस का कारण बन सकता है। इन बीमारियों को रोकने के लिए 65 या उससे अधिक उम्र के लोगों को यह टीका जरूर लगवाना चाहिए। यदि आपकी उम्र 19 से 64 वर्ष के बीच है और आपको इन रोगों के लक्षण रहे हैं, तो आपको भी इस टीके पर विचार करना चाहिए। अगर आप कभी ऐसी पुरानी बीमारी से पीड़ित हैं या रहें हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती हैं, जैसे एचआईवी / एड्स और कैंसर और अस्थमा तो आपको यह टीका जरूर लगवाना चाहिए।

टेटनस, डिप्थीरिया, पर्टुसिस

टेटनस एक बीमारी है जो मांसपेशियों में ऐंठन का कारण बनती है और घातक हो सकती है। डिप्थीरिया से सांस लेने और दिल की समस्याएं और लकवा हो सकता है। पर्टुसिस, या काली खांसी, गंभीर खांसी का कारण बनता है जो हफ्तों तक रह सकता है जिससे पसलियों को नुकसान हो सकता है। अगर आपको बचपन में यह टीका नहीं लगा है, तो जरूर लगवा लें। इसके बाद, आपको प्रत्येक 10 वर्षों में टीडीपी बूस्टर वैक्सीन के आवश्यकता होती है। 

ज़ोस्टर (दाद)

दाद, या ज़ोस्टर त्वचा के दर्दनाक लाल चकत्ते है। यह 2 से 4 सप्ताह के बाद खत्म हो जाता है, लेकिन कुछ लोगों को महीनों या वर्षों तक रह सकता है। इस स्थिति को पोस्टहेरपेटिक न्यूराल्जिया (PHN) कहा जाता है। जैसे-जैसे आप बूढ़े होते हैं, ज़ोस्टर और PHN होने का खतरा बढ़ जाता है। यदि आपकी उम्र 50 या उससे अधिक है, तो आपको टीका लगवाना चाहिए। यह रोग एक से अधिक बार हो सकता है।

चिकनपॉक्स चिकनपॉक्स एक बहुत ही संक्रामक बीमारी है। इसकी जटिलताओं में निमोनिया, मस्तिष्क क्षति और त्वचा संक्रमण शामिल हो सकते हैं। यदि आपको कभी चिकनपॉक्स नहीं हुआ है, तो कभी टीका नहीं मिला, या केवल एक खुराक मिली, आपको चिकनपॉक्स वैक्सीन की 2 खुराक लेनी चाहिए। यह विशेष रूप से स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अक्सर बच्चों के संपर्क में आते हैं।

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