सांस फूलने का इलाज : अगर आपकी सांस भी जल्दी फूल जाती है तो आजमाएं ये 5 घरेलू उपाय, तुरंत मिल सकता है आराम
By उस्मान | Published: March 2, 2021 09:31 AM2021-03-02T09:31:37+5:302021-03-02T09:31:37+5:30
सांस फूलने की समस्या का घरेलू इलाज : आपको अपने मोटापे और प्रदूषण पर ध्यान देना चाहिए
सांस फूलना एक आम समस्या है। यह समस्या आमतौर पर फेफड़े या सांस से जुड़े किसी विकार से पीड़ितों को होती है। सांस फूलने की मुख्य वजह है शरीर को ऑक्सीजन ठीक से न मिल पाना जिस से फेफड़े पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। ऐसे में फेफड़े ऑक्सीजन पाने के लिए श्वसन क्रिया की गति को बढ़ा देते हैं। मेडिकल भाषा में इसे डिस्पेनिया (Dyspnea) कहते हैं।
सांस फूलने के कारण
सांस फूलने के दो मुख्य कारण हैं। एक तो ज्यादा मोटापा व दूसरा शरीर में खून यानी लाल कणों की कमी। अगर ऑक्सीजन को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने वाले रक्तकणों यानी हीमोग्लोबिन की कमी है तो ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होगी।
मोटापा
मोटापा सांस फूलने का एक बड़ा कारण है। अक्सर मोटे लोगों को यह शिकायत करते सुना जाता है कि जरा सी सीढ़ी चढ़ने में सांस फूलती है। मोटापे में जरूरी नहीं कि दिल की बीमारी ही हो। समय रहते यदि कुपोषण खत्म कर दिया जाए व मोटापे को नियंत्रित किया जाए तो सांस फूलने की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
फेफड़े का रोग
फेफड़े का इन्फेक्शन, जैसे निमोनिया व टीबी सांस फूलने का सब से बड़ा कारण हैं। श्वास नली व उस की शाखाओं में सूजन भी इस का एक कारण है जिसे मेडिकल भाषा में अस्थमैटिक ब्रांकाइटिस कहते हैं। कभी-कभी श्वास नली पर किसी गिल्टी या छाती में ट्यूमर का दबाव भी सांस फूलने का कारण बन सकता है।
अकसर दुर्घटना में छाती की चोट का सही इलाज न होने पर अंदर खून या मवाद जमा हो जाता है और उस से फेफड़ों पर दबाव बनता है। इस से अकसर सांस फूलने के साथसाथ खांसी की भी शिकायत रहती है।
दिल के रोग
यदि आप का दिल कमजोर है यानी पिछले हार्टअटैक के दौरान दिल का कोई हिस्सा बहुत कमजोर या नष्ट हो गया है तो ऐसा कमजोर दिल खून व पानी का साधारण भार भी नहीं उठा पाता और सांस फूलने का कारण बन जाता है। ऊपर से अगर मोटापा भी है, तो स्थिति और भी कष्टकारी हो जाती है।
दायीं तरफ का दिल गंदे खून का स्टोरहाउस है जो धड़कन के साथ शरीर के अंगों से आए गंदे खून को फेफड़े की तरफ शुद्धीकरण के लिए भेजता है और फिर यह खून दिल के बाएं हिस्से में इकट्ठा होता है और धड़कन के साथ शरीर के अन्य अंगों में जाता है।
अगर किसी को पैदाइशी दिल की बीमारी है और दिल के अंदर शुद्ध व अशुद्ध खून का आपस में सम्मिश्रण होता रहता है, तो जिस्म में नीलापन दिखता है विशेषकर उंगलियां व होंठ प्रभावित होते हैं और साथ ही, सांस फूलने की शिकायत रहती है।
सांस फूलने का इलाज
सांस फूलने के रोकने के दो उपाय हैं। एक, या तो शरीर की ऑक्सीजन की मांग पूरी करने के लिए बाहर से अतिरिक्त ऑक्सीजन दी जाए, दूसरे, शरीर की ऑक्सीजन की मांग को कम किया जाए।
होठों से सांस छोड़ना
सांस की तकलीफ को नियंत्रित करने का यह एक सरल तरीका है। यह आपकी सांस लेने की गति को तेजी से धीमा करने में मदद करता है। इसके लिए अपनी गर्दन और कंधे की मांसपेशियों को आराम दें। अपने मुंह को बंद रखते हुए दो नाक के लिए धीरे-धीरे अपनी नाक से सांस लें। अपने होठों को ऐसे दबाएं जैसे कि आप सीटी बजा रहे हों।
आगे झुककर बैठें
आगे झुककर बैठने से आपके शरीर को आराम मिल सकता है और सांस लेना आसान हो सकता है। फर्श पर पैरों को रखकर कुर्सी पर बैठें, अपनी छाती को थोड़ा आगे झुकाएं। धीरे से अपने कोहनी को अपने घुटनों पर आराम दें या अपने हाथों से अपनी ठोड़ी को पकड़ें। याद रखें अपनी गर्दन और कंधे की मांसपेशियों को रिलैक्स रखें।
दीवार के सहारे खड़े हों
दीवार के सहारे खड़े होने से आपके शरीर और वायुमार्ग को भी आराम मिलता है। दीवार के पास खड़े हों और दीवार पर अपने कूल्हों को टिकाएं। अपने पैरों को कंधे की चौड़ाई से अलग रखें और अपने हाथों को अपनी जांघों पर रखें। अपने कंधों को आराम से, थोड़ा आगे की ओर झुकें, और अपनी भुजाओं को अपने सामने रखें।
ठंडी हवा लें
एक अध्ययन में पाया गया कि ठंडी हवा सांस की तकलीफ को दूर करने में मदद कर सकती है। इसके लिए थोड़ी देर पंखे की ठंडी हवा लें। इससे लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
कॉफी पियें
एक अध्ययन में पाया गया है कि कैफीन अस्थमा वाले लोगों के वायुमार्ग में मांसपेशियों को आराम देता है। यह चार घंटे तक फेफड़ों के कार्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
आवश्यक जांच
वैसे तो अनगिनत जांचें हैं पर कुछ बहुत जरूरी जांचें सांस फूलने के कारण को समझने व उस के इलाज के लिए आवश्यक हैं, जैसे छाती का ऐक्सरे, छाती का एचआर, सीटी, पीएफटी, दिल के लिए डीएसई, खून की जांच जैसे विटामिन डी की मात्र व ब्लड गैस एनालिसिस आदि।
डॉक्टर के पास कब जाएं
उस अस्पताल में जाएं जहां आवश्यक जांचों की सुविधा हो। संबंधित जांचों के बाद अगर लगे कि सांस फूलने का कारण फेफड़ा है तो किसी छाती रोग विशेषज्ञ व थोरेसिक सर्जन से सलाह लें। अगर सांस फूलना दिल की वजह से है तो किसी हृदयरोग विशेषज्ञ से सलाह लें। किडनी विशेषज्ञ की राय भी लेनी पड़ती है अगर गुरदे के कारण सांस फूल रही है।