दिखते ही तोड़ लेना अर्जुन पेड़ की टहनियां, इसके इस्तेमाल से दूर हो सकते हैं डायबिटीज जैसे 6 रोग, बढ़ती है इम्यूनिटी
By उस्मान | Published: June 13, 2020 12:42 PM2020-06-13T12:42:58+5:302020-06-13T12:42:58+5:30
Home remedies for lifestyle disease: आयुर्वेद में इस पेड़ की छाल को औषधि माना जाता है
अर्जुन का पेड़ आपने जरूर देखा होगा लेकिन क्या आप इससे स्वास्थ्य को होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं ? आयुर्वेद में अर्जुन के पेड़ को कई औषधीय गुण से भरपूर बताया गया है। इस पेड़ की छाल के अनिगिनत फायदे हैं और छाल का पाउडर बनाकर इस्तेमाल किया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि इसमें इसमें बीटा-सिटोस्टेरोल, एलेजिक एसिड, ट्राई हाइड्रोक्सी ट्राइटर्पीन, मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड, अर्जुनिक एसिड आदि गुण पाए जाते हैं। यह पोटैशियम, कैल्शियम, मैगनिशियम, जिंक, कॉपर जैसे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों का भी भंडार है।
बताया जाता है कि स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हार्ट फेल जैसे हृदय से जुड़ी समस्याओं के अलावा क्षय, पित्त, कफ, सर्दी, खांसी, कोलेस्ट्रोल और मोटापे जैसे रोगों से बी बचने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा यह महिलाओं के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। खूबसूरती बढ़ाने वाली क्रीम के अलावा स्त्री रोगों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। चलिए जानते हैं इससे आपको क्या-क्या स्वास्थ्य फायदे होते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर
कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अर्जुन के पेड़ में कसुआरिनिन नाम का रासायनिक घटक पाया जाता है। इसके कारण शरीर में कैंसर की कोशिकाएं फैलने नहीं पाती है। विशेषकर स्तन कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में अर्जुन की छाल बड़े काम की है। यदि गर्म दूध में अर्जुन के पेड़ की छाल के बारीक पीसकर प्रतिदिन सेवन किया जाए तो स्तन कैंसर से बचा जा सकता है।
गैस्ट्रिक अल्सर
अर्जुन छाल में उपस्थित मेथनॉल हेलीकॉक्टर पिलोरी और लिपोपोलिसैक्साइड प्रेरित गैस्ट्रिक अल्सर को रोकने मदद करता है। इसके लिए अर्जुन छाल का एक टुकड़ा लें और इसे आठ घंटों तक पानी में भींगने दें। फिर इससे काढ़ा बना लें और ठंडा कर इसे नियमित रूप से सेवन करे यह आपके पेट के अल्सर को ठीक करने मे मदद करेगा और साथ ही पेट को स्वस्थ रखेगा।
हृदय रोग
ह्रदय रोगियों के लिए यह छाल किसी रामबाण औषधि से कम नहीं है। जिनका कोलेस्ट्रोल बढ़ा है और थोड़ा भी पैदल चलने पर सांस फूलने लगती है उन्हें अर्जुन की छाल की चाय जरूर पीनी चाहिए। अर्जुन की छाल धमनियों में जमने वाले कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करती है। इससे दिल को रक्त पहुंचाने वाली धमनिया सुचारू रूप से काम करने लगती है। इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि कोलेस्ट्रोल या ट्राइग्लिसराइड का ज्यादा बढ़ना दिल के लिए घातक हो जाता है। इससे कई बार हार्ट अटैक आने का भी खतरा रहता है।
इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाने में सहायक
अर्जुन छाल का उपयोग अधिक थकान और शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए किया जाता है। यह पुराने निम्न ग्रेड बुखार को कम करने में लाभकारी होता है। यह सीधे ही बुखार को कम नहीं करता पर यह बुखार में ली जाने वाली दवाओं की सहायता करता है। यह बुखार और उसके संक्रमण को दूर करने में मदद करता है। यह कमजोरी को दूर कर शरीर में ऊर्जा देता है।
डायबिटीज करता है कंट्रोल
अर्जुन की छाल एक साथ कई बीमारियों को दूर कर सकती है। कैंसर व दिल से संबंधित बीमारियों के अलावा डायबिटीज की बीमारी को भी नियंत्रित करने में अर्जुन की छाल बड़े काम की दवा है। लेकिन इसके लिए अर्जुन की छाल के साथ देसी जामुन को बराबर मात्रा में मिलाकर पीसकर चूर्ण बना लेना चाहिए। इस चूर्ण को प्रतिदिन सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ सेवन करना डायबिटीज मरीज के लिए काफी लाभदायक होता है।
मोटापे को काबू करने में मददगार
अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से मोटापे की बीमारी भी नहीं होती है क्योंकि पाचन तंत्र इसके लगातार सेवन से ठीक रहता है। यदि लगातार इसका सेवन किया जाए तो सिर्फ एक महीना के इसका असर देखा जा सकता है। अर्जुन की छाल इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती है। जिससे सर्दी, खासी जैसी बीमारियों से बचाव होता है।
माउथ अल्सर का इलाज
अर्जुन की छाल पेटसाफ करती है और इसकी तासीर भी ठंडी होती है। इसलिए भी इसका प्रतिदिन सेवन किया जाए तो कभी भी मुंह में छाले की समस्या नहीं होती है। इसके अलावा यह खून को बगैर दवा लिए प्राकृतिक रूप से पतला करने में भी अहम भूमिका निभाता है। इसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी उत्पन्न नहीं होती है।