खराब खान-पान और अनियमित जीवनशैली की वजह से दिल के रोगों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। दिल से जुड़े रोग दुनियाभर में होने वाली मौतों का एक बड़ा कारण भी हैं।
दिल के रोगों में कई विकार शामिल हैं जिनमें रक्त वाहिका रोग, जैसे कि कोरोनरी धमनी रोग,अनियमित दिल की धड़कन, हार्ट वाल्व डिजीज, हृदय की मांसपेशी का रोग और दिल का संक्रमण आदि।
दिल की बीमारी के लक्षण
धमनी रोग से जुड़े लक्षणदिल की बीमारी के लक्षण किस तरह का विकार है पर निर्भर करते हैं। इसके अलावा कोरोनरी धमनी रोग के लक्षण पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग हो सकते हैं।
उदाहरण के लिए, पुरुषों में सीने में दर्द होने की संभावना अधिक होती है। महिलाओं में सीने में तकलीफ के साथ अन्य लक्षण होने की संभावना होती है, जैसे कि सांस की तकलीफ, मतली और अत्यधिक थकान।
आमतौर पर दिल की बीमारियों के संकेत और लक्षणों में सीने में दर्द, सीने में जकड़न, सीने में दबाव और सीने में तकलीफ (एनजाइना), सांस की कमी शामिल हैं। यदि आपके शरीर के उन हिस्सों में रक्त वाहिकाएं संकुचित हों, तो आपके पैरों या हाथों में दर्द, सुन्नता, कमजोरी या ठंडक, गर्दन, जबड़े, गले, ऊपरी पेट या पीठ में दर्द हो सकता है।
अनियमित दिल की धड़कन में लक्षणइसमें छाती में फड़फड़ाहट, दिल की धड़कन बढ़ना, धीमी गति से धड़कन, सीने में दर्द या बेचैनी, सांस में कमी, चक्कर, सिर चकराना और बेहोशी शामिल है।
दिल में कोई नुकसान होने लक्षण पीला ग्रे या नीला त्वचा का रंग, पैरों, पेट या आंखों के आसपास के क्षेत्रों में सूजन, एक शिशु में, दूध पिलाने के दौरान सांस की तकलीफ, जिससे वजन कम होता है आदि शामिल हैं।
दिल में इन्फेक्शन के लक्षणबुखार, साँसों की कमी, कमजोरी या थकान, आपके पैरों या पेट में सूजन, आपके हृदय की लय में परिवर्तन, सूखी या लगातार खांसी, त्वचा पर चकत्ते या असामान्य धब्बे होना शामिल हैं।
हार्ट वाल्व के लक्षणथकान, साँसों की कमी, अनियमित दिल की धड़कन, सूजे हुए पैर या टखने, छाती में दर्द और बेहोशी शामिल है।
दिल की मांसपेशियों के लक्षणगतिविधि के साथ या आराम करने पर सांस फूलना, पैरों, टखनों और पैरों की सूजन, थकान, अनियमित दिल की धड़कन, चक्कर आना, आलस्य और बेहोशी शामिल है।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिएदिल से जुड़े किसी विकार में अगर आपको छाती में दर्द, सांस की कमी और बेहोशी महसूस होती है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत इमरजेंसी पर कॉल करनी चाहिए।
हृदय रोग के कारण
हृदय रोग का सबसे प्रमुख कारण धूम्रपान करना, पारिवार में किसी को इस बीमारी का होना, बहुत ज्यादा मोटापा, मधुमेह और उच्च रक्तचाप होना, सुस्त जीवनशैली का का होना, दैनिक जीवन में शारीरिक श्रम न करना, बहुत ज्यादा तनाव लेना और फास्टफूड का सेवन करना।
दिल की बीमारियों से बचने के तरीके
थोड़ी-थोड़ी दूरी के लिए बाइक ओर गाड़ी का उपयोग ना करें। -धूम्रपान ना करें। मदिरा यानी शराब का उपयोग भी आपको हृदय रोगों की तरफ थकेलता है। इसलिए इससे दूर रहें या इसके सेवन को सीमित करें।