Heart Attack treatment: वैज्ञानिकों ने बनाया खास सेंसर, 30 मिनट में हार्ट अटैक की पहचान करके मरीज को कर देगा आगाह
By उस्मान | Updated: October 6, 2021 08:54 IST2021-10-06T08:54:37+5:302021-10-06T08:54:37+5:30
इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पीड़ित व्यक्ति समय रहते बचाव व उपयुक्त इलाज के लिए उपाय कर लेगा

हार्ट अटैक का इलाज
दिल का दौरा (Heart attack) एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है जिसके लिए इमरजेंसी मेडिकल हेल्प की आवश्यकता होती है। इसमें जरा सी भी देरी मरीज की जान को खतरे में डाल सकती है। हालांकि, दिल के दौरे के लक्षणों का पहले से पता लगाना मुश्किल होता है क्योंकि वे हल्के होते हैं और अक्सर किसी का ध्यान नहीं जाता है।
इस समस्या को दूर करने और मरीजों की जान बचाने के लिए, शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक सेंसर विकसित किया है जो 30 मिनट से भी कम समय में दिल के दौरे का निदान कर सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि यह सेंसर लक्षणों को पहचानते हुए दिल का दौरा पड़ने से पहले ही मरीज को इससे आगाह कर सकता है। इससे पीड़ित व्यक्ति समय रहते बचाव व उपयुक्त इलाज के लिए उपाय कर लेगा।
नए शोध में बताया गया है कि माइक्रो आरएनए के तीन अलग प्रकारों की पहचान की गई है। एक नए सेंसर से यह पता किया जा सकेगा कि यह दिल का दौरा है या फिर उस जैसे लक्षण वाली कोई और बीमारी है, जैसे खून का बहाव मंद पड़ना या अन्य कोई परेशानी। इसकी पहचान करने के लिए परंपरागत विधियों से इसमें बेहद कम खून के परीक्षण की आवश्यकता पड़ती है।
यह सेंसर हार्ट अटैक की अवस्था में एक इकोकार्डियोग्राम की तरह काम करता है। लेकिन मरीज को हार्ट अटैक ही आया है, इसके लिए ब्लड सैंपल की आवश्यकता पड़ती है। इस प्रक्रिया में आठ घंटे लगते हैं।
हार्ट अटैक में पहला घंटा सबसे महत्वपूर्ण क्यों
स्थिति तब और भी बिगड़ जाती है जब मरीज को कई घंटे बीत जाने के बाद ही अस्पताल लाया जाता है। इसलिए, उनका इलाज करना बहुत मुश्किल हो जाता है। क्योंकि वे गोल्डन आवर उपचार से चूक जाते हैं – जो कि दिल का दौरा पड़ने के बाद पहला एक घंटा है। यह पहला घंटा, जटिलताओं को कम करने और मृत्यु दर में कमी लाने के लिए आदर्श है।
दिल का दौरा पड़ने के बाद, हृदय की मांसपेशियां एक घंटे से 90 मिनट के बाद मरने लगती हैं, क्योंकि उन्हें रक्त मिलना बंद हो जाता है। छह घंटे के बाद, हृदय के विभिन्न हिस्से गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं और ज्यादातर रोगियों को दूसरा मौका नहीं मिलता।
लोग समय पर दिल के दौरे के लक्षणों की पहचान करने या उचित चिकित्सा सहायता लेने में विफल रहते हैं। दिल के दौरे के रोगियों का समय पर इलाज करना बहुत महत्वपूर्ण है। यह जरूरी है कि कमर के स्तर से ऊपर किसी भी सीने में दर्द के लिए ईसीजी करवाया जाए और बिना किसी देरी के चिकित्सक द्वारा परामर्श किया जाए।
हार्ट अटैक से बचने के उपाय
असामान्य स्थानों पर दर्द, लगातार उल्टी आदि को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह दिल का दौरा हो सकता है। पहले ही निवारण करना हमेशा इलाज से बेहतर है। इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, स्वस्थ आहार लें और नियमित व्यायाम करें।
धूम्रपान, शराब और तंबाकू के सेवन से सख्ती से परहेज करें। अपने शरीर के वजन को नियंत्रित रखें और मोटापे को दूर रखें। जांच के लिए डॉक्टर से मिलें। अपने बीपी, ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच करें और उन्हें नियंत्रित करें- और अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें।