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Health Tips: जीवनशैली और खानपान के कारण मोटापे की समस्या!, कौन सी बीमारियों का खतरा?, लक्षण क्या है?, सावधानी बरतें

By सैयद मोबीन | Updated: January 13, 2024 15:38 IST

Health Tips: देश में बड़े पैमाने पर लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं. मोटापा अपने आप में तो एक बीमारी है ही, साथ ही साथ ये अनेक बीमारियों को न्योता भी है.

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ठळक मुद्देमोटापे की समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए. बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) ज्यादा है तो आपको सतर्क होने की जरूरत है.उपचार कराने के साथ ही जरूरी एहतियात बरतने पर ध्यान देना जरूरी है.

Health Tips: वर्तमान की बदलती जीवनशैली और बदलते खानपान के कारण मोटापे की समस्या बढ़ती ही जा रही है. हमारे देश में बड़े पैमाने पर लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं. मोटापा अपने आप में तो एक बीमारी है ही, साथ ही साथ ये अनेक बीमारियों को न्योता भी है.

इसलिए मोटापे की समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए. यदि आपका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) ज्यादा है तो आपको सतर्क होने की जरूरत है और इसका उपचार कराने के साथ ही जरूरी एहतियात बरतने पर ध्यान देना जरूरी है.

बीएमआई 25 से ज्यादा न हो

क्रिटिकल केयर फिजिशियन एवं लाइफस्टाइल डिसऑर्डर विशेषज्ञ डॉ. इमरान नूर मोहम्मद ने बताया कि बीएमआई एक स्क्रीनिंग टेस्ट है, जिससे मोटापे की तीव्रता का अंदाजा लगाया जा सकता है. स्वस्थ व्यक्ति का बीएमआई 25 से कम रहना चाहिए.

यदि यह 25 से 30 के बीच रहता है तो इसे मोटापा माना जाता है. बीएमआई 30 से 34 के बीच रहा तो यह ज्यादा मोटापे की श्रेणी में आता है. 35 और इससे ज्यादा बीएमआई को हम मॉर्बिड ओबेसिटी कहते हैं, जिसमें मोटापा विभिन्न बीमारियों का कारण बनता है.

मोटापाग्रस्त लोगों को कौनसी बीमारियों का खतरा?

डॉ. इमरान के मुताबिक मोटापे से हार्ट अटैक, डायबिटीज की आशंका बहुत बढ़ जाती है. इसके अलावा डिप्रेशन की समस्या हो सकती है और कामुत्तोजना में कमी भी आ सकती है. मोटापे को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है. वैसे बॉडी फैट परसेंटेज भी महत्वपूर्ण हैं.

नाॅर्मल बॉडी फैट परसेंटेज पुरुषों में 20 या इससे कम और महिलाओं में 25 या इससे कम होना अच्छी फिटनेस का प्रमाण है. भारत में प्रोटीन की कमी से कम मसल मास और फैट परसेंटेज ज्यादा रहता है, इसलिए डायबीटीज अर्थात मधुमेह का प्रमाण ज्यादा रहता है.

इसके लक्षण क्या है?

- सास फूलना

- बार-बार इन्फेक्शन होना

- पेशाब ज्यादा होना

- भूख ज्यादा लगना

क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

हमें डायट में कार्बोहाइड्रेट की काउंटिंग करके खाना चाहिए. इसमें प्रोटीन की मात्रा बढ़ानी चाहिए. रोजाना व्यायाम करना चाहिए, इसमें वॉकिंग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी कर सकते हैं. इसके अलावा हर साल अपनी स्वास्थ्य जांच करनी चाहिए.

नियमित व्यायाम, स्वास्थ्य जांच करें : डॉ. इमरान 

डॉ. इमरान ने बताया कि मोटापे को ज्यादातर लोग आमतौर पर हल्के में लेते हैं, लेकिन यह बीमारी धीरे-धीरे बड़ी समस्या में तब्दील हो जाती है. मोटापा अनेक बीमारियों की वजह बनता है. इसलिए मोटापे को समय रहते नियंत्रित करना जरूरी है. इसके लिए नियमित स्वास्थ्य जांच कराने, नियमित व्यायाम करने के साथ ही खानपान पर ध्यान देना चाहिए. फास्ट फूड व प्रोसेस्ड फूड से परहेज करना चाहिए.

टॅग्स :Health and Family Welfare DepartmentNagpur
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