योनि के यीस्ट इन्फेक्शन के अलावा कैंसर, डायबिटीज से बचाता है ये मसाला
By उस्मान | Updated: August 27, 2018 13:13 IST2018-08-27T13:13:07+5:302018-08-27T13:13:07+5:30
आपको जानकार हैरानी होगी कि यह मसाला खाने का स्वाद बढ़ाने के अलावा कई गंभीर बीमारियों का भी नाश कर सकता है।

फोटो- पिक्साबे
तारे की तरह दिखने वाला मसाले चक्र फूल (Star anise) का कई डिश में इस्तेमाल किया जाता है। इसके सुगंधित और हल्के मीठे स्वाद की वजह से इसका खाने की चीजों का फ्लेवर बढ़ाने में उपयोग किया जाता जाता है। लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि यह मसाला खाने का स्वाद बढ़ाने के अलावा कई गंभीर बीमारियों का भी नाश कर सकता है। हम आपको इसके कुछ स्वास्थ्य फायदे बता रहे हैं जिन्हें जानने के बाद आप अपनी सब्जी, चावल यहां तक कि चाय में भी इसमें शामिल करने लग जाएंगे।
सर्दी-खांसी को जड़ से करता है खत्म
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर चक्र फूल में इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने की क्षमता होती है जिससे आपको फ्री रैडिकल से लड़ने में मदद मिलती है। इसके अलावा इसमें एंटीफंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण होने के साथ-साथ विटामिन ए और सी होते हैं जिस वजह से इसके सेवन से आपको सर्दी-खांसी जैसी बीमारियों से बचने में मदद मिलती है। इससे आपको आपको अस्थमा और ब्रोंकाइटिस से निपटने में भी मदद मिलती है क्योंकि इसमें शिकीमिक एसिड होने की वजह से यह एंटीवायरल गुण देता है।
कैंसर और डायबिटीज के खतरे को कम करने में सहायक
स्कूल ऑफ बायोकैमिस्ट्री द्वारा कराए गए एक शोध के अनुसार, चक्र फूल में ट्यूमर के आकार को कम करने की क्षमता होती है। साथ ही यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है और इसलिए इसे एंटी-कैंसर के रूप में जाना जाता है। चक्र फूल में एंटीऑक्सीडेंट की उपस्थिति के कारण यह फ्री रैडिकल सेल्स को नुकसान पहुंचाने से रोकता है। इससे न केवल कैंसर बल्कि डायबिटीज और हार्ट डिजीज के खतरे को खतरा कम हो जाता है।
कैंडिडा और फंगल रोग
कई अध्ययनों से पता चला है कि चक्र फूल में एंटी फंगल गुण होते हैं जिस वजह से यह आपको कैंडिडा औए यीस्ट जैसे रोगों से बचाने में सहायक है। कोरियाई जर्नल ऑफ मेडिकल माइकोलॉजी का कहना है कि चक्र फूल मुंह और गले में संक्रमण को भी रोक सकता है।
दूध उत्पादन को बढ़ाने में सहायक
जर्नल नेचुरल प्रोडक्शन कम्युनिकेशंस में एक अध्ययन के मुताबिक चक्र फूल गैलेक्टैगॉग की तरह काम करता है जिस वजह से यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध उत्पादन को बढ़ावा देता है।


