दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का शनिवार की दोपहर दिल्ली के एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टिट्यूट में निधन हो गया। उनकी उम्र 81 वर्ष थी। शीला दीक्षित बीते काफी दिनों से बीमार चल रही थीं और आज सुबह दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में उन्हें भर्ती करवाया गया। उन्हें उलटी की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
बता दें कि शीला दीक्षित को एस्कॉर्ट अस्पताल के दिल के रोगों वाले डिपार्टमेंट में भारती किया गया था। जिससे यह साफ होता है कि उन्हें दिल से जुड़ा रोग था। इसी विभाग के वरिष्ट डॉक्टर अशोक सेठ ने ट्वीट कर बताया कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को जैसे ही अस्पताल लाया गया डॉक्टरों की टीम ने बाखूबी ढंग से उन्हें संभाला।
शीला दीक्षित को आया कार्डियक अरेस्ट
मगर 3:15 पर अचानक उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया था जिसके बाद परिस्थिति को नियत्रण में ला पाना मुश्किल हो गया। उन्हें फ़ौरन वेंटीलेटर सपोर्ट दिया गया मगर ठीक 3:55 पर उन्होंने आख़िरी श्वास लिए। कार्डियक अरेस्ट में रोगी की जान बचाने के लिए डॉक्टरों के हाथ कुछ ही लम्हें होते हैं। इन्हें गोल्डन मिनट्स भी कहा जाता है।
कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर
कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के बीच अंतर है। आपको बता दें कि कार्डिएक अरेस्ट हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक होता है। यह एक ऐसी गंभीर समस्या है, जिसका सही समय पर इलाज नहीं कराने से असामयिक मौत हो सकती है। हार्ट अटैक में धमनियों के ब्लॉक होने से दिल को पर्याप्त मात्रा में खून नहीं मिल पाता है। जबकि कार्डियक अरेस्ट में इलेक्ट्रिक इनबैलेंस की वजह से दिल धड़कना बंद कर देता है।
ये हैं महिलाओं में हृदय रोग होने के मुख्य कारण:
हृदय रोगों से गिरफ्त महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, उच्च रक्तचाप और मोटापा जैसे कारण शामिल होते हैं। इसके अलावा डायबिटीज, मेंटल स्ट्रेस, डिप्रेशन, स्मोकिंग, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, मेनोपॉज, ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम, कीमोथेरेपी की कुछ दवाएं, रेडिएशन थेरेपी, प्रेगनेंसी की कुछ जटिलताएं आदि शामिल हैं।
युवा लड़कियों को भी है हार्ट डिजीज का खतरा
एक्सपर्ट मानते हैं कि सिर्फ उम्रदराज महिलाओं को ही नहीं बल्कि सभी उम्र की महिलाओं को दिल की बीमारी को गंभीरता से लेना चाहिए। 65 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं, और विशेष रूप से हृदय रोग के पारिवारिक इतिहास वाले लोगों को, हृदय रोग के जोखिम वाले कारकों पर पूरा ध्यान देने की आवश्यकता है।
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हृदय रोग के जोखिम को ऐसे करें कम
महिलाएं हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए अपनी जीवनशैली में कई बदलाव कर सकती हैं, जिनमें नियमित रूप से व्यायाम करना, धूम्रपान छोड़ना, स्वस्थ वजन बनाए रखना, स्वस्थ आहार खाना जिसमें जिसमें साबुत अनाज, विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां, कम वसा वाले या वसा रहित डेयरी उत्पाद और लीन मीट शामिल हों। इसके अलावा ट्रांस फैट, शक्कर और उच्च मात्रा में नमक से बचें।