दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन, जानें क्या हुआ था?
By गुलनीत कौर | Published: July 20, 2019 04:43 PM2019-07-20T16:43:07+5:302019-07-20T16:43:07+5:30
शीला दीक्षित का 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. कांग्रेस की कद्दावर नेता रहीं शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था.
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और गांधी परिवार की करीबी रहीं शीला दीक्षित की दिल्ली में मृत्यु हो गई है। बीते काफी दिनों से बीमार चल रही थीं और आज सुबह दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में उन्हें भर्ती करवाया गया। उन्हें उलटी की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। शीला दीक्षित फिलहाल दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष थीं और उन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था।
एस्कॉर्ट अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर अशोक सेठ ने ट्वीट कर बताया कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को जैसे ही अस्पताल लाया गया डॉक्टरों की टीम ने बाखूबी ढंग से उन्हें संभाला। मगर 3:15 पर अचानक उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया था जिसके बाद परिस्थिति को नियत्रण में ला पाना मुश्किल हो गया। उन्हें फ़ौरन वेंटीलेटर सपोर्ट दिया गया मगर ठीक 3:55 पर उन्होंने आख़िरी श्वास लिए।
Dr Ashok Seth, Director, Escorts Fortis: #SheilaDikshit was managed well by a team of doctors. At 3:15 pm she again suffered a cardiac arrest. She was put on ventilator and at 3:55 pm she passed away peacefully
— ANI (@ANI) July 20, 2019
कार्डियक अरेस्ट क्या है?
कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के बीच अंतर है। आपको बता दें कि कार्डिएक अरेस्ट हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक होता है। यह एक ऐसी गंभीर समस्या है, जिसका सही समय पर इलाज नहीं कराने से असामयिक मौत हो सकती है। हार्ट अटैक में धमनियों के ब्लॉक होने से दिल को पर्याप्त मात्रा में खून नहीं मिल पाता है। जबकि कार्डियक अरेस्ट में इलेक्ट्रिक इनबैलेंस की वजह से दिल धड़कना बंद कर देता है।
दिल का सही तरह से काम ना करना अनियमित दिल की धड़कन का कारण बन सकता है, जिसमें व्यक्ति भावशून्य हो जाता है। इसमें व्यक्ति सांस नहीं ले पाता है और हांफने लगता है। इस स्थिति में आप इमरजेंसी कॉल कर सकते हैं या सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससाइटेशन) यानि मुंह से सांस देना या छाती को थपथपाना शुरू कर सकते हैं।
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कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
आमतौर पर कार्डियक अरेस्ट के चेतावनी या लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि इसके तीन मुख्य संकेत होते हैं, जिनके पहचानकर आप व्यक्ति की मदद कर सकते हैं।
1) व्यक्ति अचानक होश खो बैठता है। यही कारण है कि पीड़ित व्यक्ति अचानक गिर पड़ता है। इसके कंधों को थपथपाने पर भी मरीज कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है।
2) व्यक्ति नॉर्मल तरीके से सांस नहीं ले पाता है और दिल अचानक तेजी से धड़कना शुरू कर देता है।
3) पल्स और ब्लड प्रेशर थम जाते हैं और शरीर व दिमाग के अन्य हिस्सों में खून की आपूर्ति नहीं हो पाती है।
कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित की ऐसे करें मदद
ऐसी स्थिति में तुरंत आपातकालीन नंबर पर फोन करें या फिर सीपीआर शुरू करें। अगर सीपीआर को सही तरीके से किया जाए, तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। इस तकनीक से मेडिकल हेल्प नहीं मिलने तक बॉडी में ब्लड और ऑक्सीजन संचारित होता रहता है। इसके अलावा अगर आपके पास एम्ब्यूलेटरी एक्सटर्नल डीफाइब्रलेटर डिवाइस है, तो आपके पास रोगी की जान बचाने का सबसे अच्छा मौका है।