बर्डफ्लू H5N2 से हुई पहले इंसान की मौत, WHO ने की पुष्टि
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 6, 2024 12:35 IST2024-06-06T12:30:46+5:302024-06-06T12:35:47+5:30
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीते बुधवार को कहा कि मेक्सिको में एक व्यक्ति की मौत एच5एन2 नामक बर्ड फ्लू के कारण हुई, जो पहले कभी किसी इंसान में नहीं पाया गया था।

फाइल फोटो
जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीते बुधवार को कहा कि मेक्सिको में एक व्यक्ति की मौत एच5एन2 नामक बर्ड फ्लू के कारण हुई, जो पहले कभी किसी इंसान में नहीं पाया गया था। हालांकि, यूएन एजेंसी ने यह नहीं बताया कि वह शख्स कैसे संक्रमित हुआ।
समाचार वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार बर्ड फ्लू से पीड़ित 59 वर्षीय व्यक्ति की मेक्सिको सिटी अस्पताल में मौत हो गई। बीमार शख्स को 17 अप्रैल को बुखार, सांस लेने में तकलीफ और दस्त हुआ। इसके अलावा उसे क्रोनिक किडनी फेल्योर, मधुमेह और उच्च रक्तचाप सहित कई अन्य अंतर्निहित बीमारियाँ भी थीं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार H5N2 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस का एक उपप्रकार है, जो मुख्य रूप से पक्षियों, विशेषकर मुर्गीपालन को प्रभावित करता है। यह पक्षी प्रजातियों के बीच अत्यधिक संक्रामक होता है, जिसके कारण संक्रमित पक्षियों के झुंडों में गंभीर श्वसन बीमारी और उच्च मृत्यु दर होती है।
कभी-कभी H5N2 मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकता है, लेकिन ऐसे मामले दुर्लभ होते हैं और आमतौर पर संक्रमित पक्षियों या दूषित वातावरण के सीधे संपर्क के माध्यम से यह वायरस फैलता है।
इस वायरस को रोकने के लिए पोल्ट्री फार्मों में जैव सुरक्षा प्रथाएं, टीकाकरण कार्यक्रम और प्रकोप को रोकने के लिए पक्षियों की आबादी की निगरानी और नियंत्रण शामिल हैं। H5N2 के प्रसार को प्रबंधित करने और पक्षियों और मानव स्वास्थ्य दोनों पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए निरंतर निगरानी की आवश्यक होती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन बताता है कि इन्फ्लूएंजा वायरस आम तौर पर जानवरों में फैलता है लेकिन यह मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकता है। मनुष्यों में संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों या दूषित वातावरण के सीधे संपर्क के माध्यम से प्राप्त हुआ है।
मनुष्यों में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस संक्रमण से हल्के से लेकर गंभीर श्वसन संक्रमण हो सकते हैं।
मनुष्य मुख्य रूप से संक्रमित पक्षियों या दूषित वातावरण के सीधे संपर्क के माध्यम से बर्ड फ्लू से संक्रमित हो सकते हैं। यह आमतौर पर उन लोगों में होता है, जो मुर्गीपालन का काम करते हैं या संक्रमित पक्षियों के पास रहते हैं। मनुष्यों में लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश और कभी-कभी गंभीर श्वसन समस्याएं शामिल हैं। दुर्लभ होते हुए भी इसका मानव संक्रमण गंभीर और घातक हो सकता है।