करंट लगने पर घरेलू उपचार : अगर किसी को करंट लग जाए, तो तुरंत करें ये 5 काम, बच सकती है पीड़ित की जान
By उस्मान | Updated: June 28, 2021 10:45 IST2021-06-28T10:36:32+5:302021-06-28T10:45:57+5:30
जानिये करंट लगने के अलावा मिर्गी, जलने, कटने और बेहोश होने पर क्या करना चाहिए

हेल्थ टिप्स
करंट किसी को भी लग सकता है और यह एक जानलेवा दुर्घटना होती है। अक्सर देखा गया है कि इस स्थिति में लोग घबरा जाते हैं। अगर इस दौरान थोड़ी समझ से काम लिया जाए, तो पीड़ित की जान बच सकती है।
करंट लगाने पर क्या करें
जब पीड़ित किसी बिजली के उपकरण या तार के पास बेहोश लेटा हो, तो इसे पहचानना सामान्यत: आसान होता है। इलाज के लिए पीड़ित का स्पर्श करने से पहले बिजली की आपूर्ति को बंद करना याद रखें।
यदि पीड़ित सांस ले रहा हो, तो उसे रिकवरी पोजिशन में लिटाएं। यदि पीड़ित ने सांस लेना बंद कर दिया हा, तो उसे मुंह से सांस देना तुरंत शुरू करें और दिल पर बार-बार दबाव दें। डॉक्टरी सहायता के लिए एम्बुलेंस बुलाएं।
अन्य समस्याओं के लिए प्राथमिक उपचार
कटना, चोट लगना, जलना, बेहोशी या दम घुटना रोजमर्रा का हिस्सा हैं। जब कोई व्यक्ति घायल या अचानक बीमार पड़ जाता है, तो चिकित्सकीय मदद से पहले का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। यही वह समय होता है जब पीड़ित पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिये।
कटने पर प्राथमिक उपचार
पूरे भाग को साबुन तथा गुनगुने पानी से साफ करें ताकि धूल हट जाये। घाव पर सीधे तब तक दबाव डालें, जब तक खून का बहना बंद न हो जाये। घाव पर असंक्रामक पट्टी बांधें। यदि घाव गहरा हो तो जल्दी से चिकित्सक से संपर्क करें। छिलना या जख्म होने पर साबुन और गुनगुने पानी से धोयें। यदि खून बह रहा हो तो इसे संक्रमण से बचाने के लिए पट्टी से ढंक दें।
जलने पर प्राथमिक उपचार
घायल हिस्से पर ठंडा पानी डालें। यह बाल्टी या कटोरा या रसोई की सिंक का इस्तेमाल कर या सामान्य नल के नीचे जले हुए स्थान को रखकर किया जा सकता है । जले हुए हिस्से को कम से कम पन्द्रह मिनट तक ठंडे पानी में रखना चाहिए। यदि घायल हिस्से को पानी के नीचे लाना कठिन हो, तो साफ चाय के कपड़े या मुलायम कपड़े को ठंडे पानी में भिंगोएं और घायल हिस्से पर इसे रखें।
अंगूठी, हार, जूते और तेज फिटिंग वाले कपड़ों को जल्द से जल्द हटा दें क्योंकि बाद में सूजन बढ़ने के कारण उन्हें निकालना मुश्किल हो सकता है। जब दर्द बंद हो जाए तो जले हुए हिस्से को सावधानीपूर्वक कपड़े से कवर करें। बड़ा हिस्सा या गहरे जले को जब पानी से साफ कर दिया जाए तो उसे साफ हल्के कपड़े, हाल ही में लांडरी से साफ किए गए मुलायम कपड़े से ही ढंकें। डॉक्टर को बुलाएं या एम्बुलेंस के लिए कॉल करें।
बेहोश होने पर प्राथमिक उपचार
बेहोश खोने से पहले मरीज शिकायत कर सकता है। सिर का सुन्न होना, कमजोरी, मतली, त्वचा का रंग फीका पड़ना। यदि कोई व्यक्ति मूर्छित हो रहा हो, तो उसे आगे की ओर झुकना चाहिए और सिर को घुटनों में लेने की कोशिश करनी चाहिए। चूंकि सिर हृदय से नीचे हो जायेगा, इसलिए खून मस्तिष्क में जाएगा।
जब मरीज बेहोश हो जाये तो मरीज के सिर को नीचे और पैर को ऊपर की ओर रखें, तंग कपड़ों को ढीला कर दें, चेहरे और गर्दन पर ठंडा व भींगा कपड़ा रखें। अधिकांश मामलों में इस स्थिति में रखा गया मरीज कुछ देर बाद होश में आ जाता है। यह सुनिश्चित करें कि मरीज को पूरी तरह होश आ गया है। इसके लिए उससे सवाल करें और उसकी पहचान पूछें। किसी चिकित्सक से सलाह लेना हमेशा लाभकारी होता है।
मिर्गी के लिए प्राथमिक उपचार
मिर्गी या अचानक बीमार पड़ने के कारण यदि मरीज सांस लेना बंद कर दे, तो खतरनाक हो सकता है। इसके लक्षणों में मांसपेशियां सख्त होना, मरीज अपनी जीभ काट सकता है या सांस लेना बंद कर सकता है, चेहरा और जीभ का रंग नीला पड़ना, मुंह से बहुत अधिक झाग निकलने आदि हैं।
इस उपचार में आपको सबसे पहले आप मरीज के पास से ठोस चीजें हटा दें और उसके सिर के नीचे कोई नरम चीज रखें। दांतों के बीच या मरीज के मुंह में कुछ न रखें। मरीज को कोई तरल पदार्थ न पिलायें। यदि मरीज की सांस बंद हो, तो देखें की उसकी श्वास नली खुली है और उसे कृत्रिम सांस दें। शांत रहें और मदद आने तक मरीज को सुविधाजनक स्थिति में रखें। कंपकंपी के अधिकांश मामलों के बाद मरीज बेहोश हो जाता है या थोड़ी देर बाद फिर से कंपकपी शुरू हो जाती है।