ई-सिगरेट (E-cigarette) और ई-हुक्का (E-Hookahs)पीने वालों के लिए एक बुरी खबर आई है। भारत सरकार ने इलेक्ट्रानिक सिगरेट यानी ई- सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, भंडारण और आयात- निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया है। इसका उल्लंघन करने पर जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान किया गया है। पहली बार गुनाह पर एक साल की सजा या एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों है। जबकि बार बार गुनाह करने पर सजा 3 वर्ष होगी या 5 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों लगाये जा सकते हैं।
आजकल देखा गया है कि लोग आम सिगरेट की जगह ई-सिगरेट पीने लगे हैं। उनका मानना है कि धुंआ देने वाली सिगरेट की जगह यह इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट ज्यादा बेहतर है क्योंकि यह सेहत को कम नुकसान पहुंचाती है। पर असलियत इससे अलग है, ई-सिगरेट भी सेहत पर बुरा असर डालती है।
अमेरिका की नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के अनुसार, सिगरेट के धुएं में पाए जाने वाले जहरीले एल्डिहाइड की तरह ही ई-सिगरेट में मौजूद रसायनिक पदार्थ सिन्नामेल्डिहाइड का उपयोग सामान्य कोशिका को नुकसान पहुंचाता है। इससे सांस संबंधी बीमारियां विकसित तथा जटिल हो सकती है।
ई-सिगरेट क्या है (What is e-cigarette)
ई-सिगरेट बैटरी से चलने वाला एक ऐसा डिवाइस हैं जिनमें लिक्विड भरा रहता है। यह निकोटीन और दूसरे हानिकारक केमिकल्स का घोल होता है। जब आप कश खींचते हैं, तो हीटिंग डिवाइस इसे गर्म करके भाप में बदल देती है। इसीलिए स्मोकिंग की तर्ज पर वेपिंग (vaping) कहते हैं। इलेक्ट्रानिक सिगरेट को ई-सिगरेट भी बोला जाता है। इसे 2003 में चीनी फार्मासिस्ट होन लिक द्वारा ईजाद किया गया था और फिर उसके अलगे साल उसे बाजार में पेश किया गया।
ई-सिगरेट के दुष्प्रभाव (Side effects of e-cigarette)
1) निकोटीन की लत लगने का खतराई-सिगरेट में निकोटीन और दूसरे हानिकारक केमिकल का घोल होता है। एक्सपर्ट मानते हैं कि इससे आपको निकोटीन की लत लग सकती है।
2) कमजोर हो सकती हैं दिल की धमनियांवैज्ञानिक शोधों में यह कहा गया है कि नियमित रूप से ई-सिगरेट पीने से दिल की धमनियों के कमजोर होने का खतरा होता है।
3) अवसाद की समस्यानिकोटीन की लत लगना शरीर के सभी अंगों के लिए खतरनाक है। विशेषकर हृदय रोगियों को ई-सिगरेट से दूर रहना चाहिए। इसकी लत पड़ जाती है इसलिए इसे छोड़ने पर डिप्रेशन की समस्या हो सकती है।
4) गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाकगर्भवती महिलाओं के लिए वेपिंग बहुत खतरनाक है इससे उनके शिशु पर बुरा असर पड़ता है। छाटे बच्चों के आसपास इसे पीना ठीक नहीं क्योंकि हानिकारक भाप उनके दिमागी विकास पर असर डालती है।
5) कैंसर की आशंकाइसमें निकोटीन के अलावा जो खुशबूदार केमिकल भरा होता है वह गर्म होने पर सांस के साथ फेफड़ों में जाता है और फेफड़ों के कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।
6) फेफड़े हो सकते हैं खराबइसके नियमित सेवन से फेफड़े खराब हो सकते हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि वह व्यक्ति जो ई सिगरेट पीता है वह धूएं के बजाए भाप को अंदर लेता है, इससे फेफड़े सही तरीके से कार्य नहीं कर पाते हैं।
7) जानलेवा केमिकलई-सिगरेट का यह है कि इन सिगरेट में एंटी-फ्रीज तत्व हेाता है जिसे डाईथाइलीन ग्लाईकोल बोला जाता है। इसे अगर शरीर के अंदर लिया गया तो, यह मनुष्यों के लिये जानलेवा हो सकता है।