Diabetes Treatment In Ayurveda: मधुमेह में इन 5 आयुर्वदिक जड़ी-बूटियों का प्रयोग 'रामबाण' माना जाता है, जानिए शुगर के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 23, 2024 08:15 AM2024-02-23T08:15:02+5:302024-02-23T08:15:02+5:30

डायबिटीज, जिसे हम हिंदी में मधुमेह कहते हैं। आज एक बेहद आम बीमारी के तौर पर लोगों को तेजी से अपने गिरफ्त में ले रही है।

Diabetes Treatment In Ayurveda: Use of these 5 Ayurvedic herbs is considered a 'panacea' for diabetes, know about Ayurvedic treatment of sugar | Diabetes Treatment In Ayurveda: मधुमेह में इन 5 आयुर्वदिक जड़ी-बूटियों का प्रयोग 'रामबाण' माना जाता है, जानिए शुगर के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में

फाइल फोटो

Highlightsडायबिटीज बेहद आम बीमारी के तौर पर लोगों को तेजी से अपने गिरफ्त में ले रहा हैभारत ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर जिस तेजी से मधुमेह का प्रसार हुआ है, वह चिंता का सबब बन गया हैडायबिटीज कई बड़ी बीमारियों में बदल जाती है, जिसके कारण इसे ‘साइलेंट किलर‘ कहा जाता है

Diabetes Treatment In Ayurveda: डायबिटीज, जिसे हम हिंदी में मधुमेह कहते हैं। आज एक बेहद आम बीमारी के तौर पर लोगों को तेजी से अपने गिरफ्त में ले रहा है। हाल के वर्षों में न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर जितनी तेजी से मधुमेह का प्रसार हुआ है, वह वैश्विक स्वास्थ्य के लिए चिंता का सबब बन गया है।

शुरूआत में डायबिटीज खतरनाक बीमारी नहीं मानी जाती है लेकिन जब शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाती है, तो यह कई बड़ी बीमारियों के रूप में बदल जाती है। इसलिए डाइबिटीज को ‘साइलेंट किलर‘ भी कहा जाता है।

अब जब हम बात मधुमेह यानी डायबिटीज की कर रहे हैं तो उसके लिए आधुनिक एलोपैथी में कई दवाएं मौजूद हैं लेकिन उसके साथ ही भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में भी कई ऐसी जड़ी-बूटियों के बारे में बताया गया है, जो मधुमेह को कम करने में बेहद कारगर हैं।

आयुर्वेद में मधुमेह को 'मधुमेहा" कहा जाता है। जिसमें 'मधु' का अर्थ शहद होता है और 'मेहा' का अर्थ मूत्र है। आयुर्वेद में मधुमेहा को चयापचय विकार माना जाता है। आयुर्वेद मानता है कि शरीर में मधुमेह के असंतुलन का प्रमुख कारण कफ और वात में होने वाली विसंगती है। इसके अलावा बिगड़ी हुई पाचन क्रिया के परिणामस्वरूप मनुष्य के शरीर में मधुमेह का संतुलन बिगड़ जाता है।

मधुमेह के प्रकार (Types Of Diabetes):

कफज मधुमेह: इस प्रकार का मधुमेह कफ दोष के असंतुलन से होता है। यह अत्यधिक श्लेष्मा उत्पादन, मोटापा और सुस्ती इसका प्रमुख कारण है।

पित्तज मधुमेह: इस प्रकार के मधुमेह में पित्त दोष का असंतुलन प्रबल होता है। यह अत्यधिक प्यास, जलन और सूजन जैसे अन्य विकार के लक्षणों से जुड़ा होता है।

वातज मधुमेह: इस प्रकार में वात दोष असंतुलन प्रमुख है। यह अत्यधिक प्यास, सूखापन और तंत्रिका संबंधी जटिलताओं के कारण होता है।

सन्निपातिका मधुमेह: इसमें तीनों दोष वात, पित्त और कफ का संयुक्त असंतुलन होता है।

मधुमेह को कम या संतुलित करने की जड़ी-बूटियां (Herbs To Reduce Or Balance Diabetes)

तुलसी का पत्ता- तुलसी का पत्ता शुगर लेवेल को कम करने और मधुमेह की बीमारी को रोकने के लिए बहुत प्रभावी माना जाता है। इसके लिए दिन मे कम से कम दो या तीन तुलसी की पत्तिया को खाना चाहिए या इसका रस बनाकर खाली पेट पीना चाहिए क्योंकी तुलसी के पत्तो में एंटिऑक्सीडेंट होता है और तुलसी के पत्तों से यूजेनॉल, मिथाइल यूजेनॉल और कैरोफाइलीन मिलता है। इससे शरीर में मानसिक तनाव कम होता है, जिससे शुगर लेवल भी कम रहता है।

फलेक्स सिड्स- फलेक्स सिड्स को पीसकर पाउडर बना कर हर सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ लेने से डायबिटीज होता है। इससे 28 फीसदी तक शुगर कम किया जा सकता है लेकिन इसका ज्यादा उपयोग नही करना चाहिए क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है। फाइबर वाली खाद्य वस्तुओं में वसा व शुगर को कम करने मे क्षमता होती है।

दालचीनी- रोजाना एक चम्मच दालचीनी खाने में शामिल करने से खून में बढ़ी शुगर की मात्रा को कम किया जा सकता है। इसलिए दालचीनी शुगर मरीजों के लिए बहुत उपयोगी मानी जाती है।

नीम की पत्तिया- आयुर्वेद में शुगर को कम करने के लिए नीम को सबसे अच्छा साधन माना जाता है। मधुमेह रोगी नीम के पत्तों को पिसकर खाली पेट गोली बनाकर लें। इससे डायबिटीज में फौरन राहत मिलता है। नीम भारत में पाये जाने वाले प्रमुख ओषधियों पेड़ में गिना जाता है। नीम के कड़वे पत्तों में शुगर कम करने के अचूक ओषधियों का गुण होते हैं।

जामुन: जामुन का बीज शुगर कम करने में बेहद असरकारी माना जाता है। दरअसल जामुन के बीज में ग्लाइकोसाइड होता है, जो स्ट्राच को शुगर में बदलने से रोकता है। शुगर के अलावा जामुन के बीज का प्रयोग दिल के बीमारी के इलाज में भी किया जाता है। हर सुबह खाली पेट 5 से 6 जामुन रोजाना खाने से डायबिटीज को आसनी से कंट्रोल किया जा सकता है। आयुर्वेद में कहा जाता है कि जामुन के बीजो को पिसकर पाउडर बनाकर पानी या दूध के साथ पीने से मधुमेह को काफी हद तक कम किया जा सकता है। 

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