दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 'अत्यंत खराब' की श्रेणी में

By भाषा | Published: November 21, 2018 05:34 PM2018-11-21T17:34:53+5:302018-11-21T17:34:53+5:30

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार शहर में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 387 दर्ज किया गया जो 'अत्यंत खराब' की श्रेणी में आता है।

Delhi air pollution level today: AQI recorded in 'very poor' category | दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 'अत्यंत खराब' की श्रेणी में

फोटो- पिक्साबे

दिल्ली में हवा की गति कम होने के कारण बुधवार को वायु गुणवत्ता 'अत्यंत खराब' की श्रेणी में रही और कुछ इलाकों में प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' श्रेणी में चला गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार शहर में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 387 दर्ज किया गया जो 'अत्यंत खराब' की श्रेणी में आता है।

बोर्ड ने बताया कि दिल्ली के 13 इलाकों में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर पर दर्ज की गयी। वहीं, 23 क्षेत्रों में यह 'अत्यंत खराब' दर्ज की गयी। आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को पीएम 2.5 (हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के कणों) का स्तर हवा में 248 दर्ज किया गया और पीएम 10 का स्तर 402 रहा। 

वायु गुणवत्ता सूचकांक में शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को 'अच्छा', 51 से 100 तक 'संतोषजनक', 101 से 200 तक 'मध्यम व सामान्य', 201 से 300 के स्तर को 'खराब', 301 से 400 के स्तर को 'अत्यंत खराब' और 401 से 500 के स्तर को 'गंभीर' श्रेणी में रखा जाता है।

केंद्र संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) के अनुसार, हवा की गुणवत्ता अगले दो-तीन दिन अत्यंत खराब रहने की संभावना है। सफर ने एक रिपोर्ट में कहा कि इस समय हवाएं प्रतिकूल हैं और आर्द्रता का स्तर अधिक बने रहना भी प्रतिकूल है। पराली जलाने के मामलों में थोड़ी कमी आई है और इसका मामूली असर रहेगा।

अधिकारी प्रदूषण कम करने के लिए कृत्रिम वर्षा कराने पर विचार कर रहे हैं लेकिन इसके लिए जरूरी मौसम संबंधी परिस्थितियां भी अनुकूल नहीं हैं। 

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1) नाक को साफ करके दूषित हवा में शामिल प्रदूषकों के कारण होने वाली एलर्जी को रोका जा सकता है। रोजाना सुबह बादाम का तेल या गाय घी की दो बूंद नाक में डालकर साफ करें। इससे सांस के साथ जाने वाली प्रदूषक कणो को रोकने में मदद मिलती है। 

2) नाक ही हमारे शरीर का मात्र एक ऐसा अंग है जो हवा में मौजुद प्रदूषको को रोकने के लिए सबसे अधिक फिल्टर है। तिल के तेल को नाक के अंदर खींचने से आप कुछ देर तक इस स्थिति से बच सकते हैं। आपको लगभग 15 मिनट तक अपने मुंह में एक चम्मच तिल का तेल रख कर सांस अंदर बहार करने के बाद फिर उसे उगल देना है। इससे हानिकारक बैक्टीरिया साफ होता है। 

3) प्राणायाम करने से भी आपको फायदा मिल सकता है। पांच भागों में गई वायु पांच तरह से फायदा पहुंचाती है, लेकिन बहुत से लोग जो श्वास लेते हैं वह सभी अंगों को नहीं मिल पाने के कारण बीमार रहते हैं। प्राणायाम इसलिए किया जाता है ताकि सभी अंगों को भरपूर वायु मिल सके, जो कि बहुत जरूरी है।

4) आयुर्वेदिक मालिश से आपको तुरंत फायदा मिल सकता है। प्रत्येक मनुष्य को नियमित अभ्यंग आवश्यक है। हालांकि प्रतिदिन का स्व-अभ्यंग पर्याप्त है लेकिन सभी को समय समय पर एक अच्छी अभयंग मालिश लेनी चाहिए। अभ्यंग त्वचा को मुलायम बनाता है और वात के कारण त्वचा के रूखेपन को कम कर वात को नियंत्रित करने मदद मिलती है।

5) नीम का पानी एक ऐसा उपाय है जिसे पीने से आपकी आधी बीमारियां बिना दवा के ही ठीक हो सकती हैं। नीम ऐसा ही एक औषधीय पौधा है जिसके हर हिस्से से शरीर को कुछ न कुछ फायदे हैं। इससे आपको सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं दूर हो सकती हैं। 

Web Title: Delhi air pollution level today: AQI recorded in 'very poor' category

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