वैज्ञानिकों का दावा, रोजाना करें ये 2 काम, नाक-गले के जरिये शरीर के अंदर नहीं घुस पाएगा कोरोना वायरस

By भाषा | Published: May 8, 2020 09:07 AM2020-05-08T09:07:42+5:302020-05-08T09:23:10+5:30

Home remedies for Coronavirus: इसमें से एक काम इतना आसा है कि उसे छोटे बच्चे भी कर सकते हैं

Covid-19 home remedies and treatment: practice hypertonic saline nasal irrigation or jal neti and gargling to prevent coronavirus from entering the body | वैज्ञानिकों का दावा, रोजाना करें ये 2 काम, नाक-गले के जरिये शरीर के अंदर नहीं घुस पाएगा कोरोना वायरस

जल नेती

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने के नाम नहीं ले रहा है. इस खतरनाक वायरस की चपेट में दुनियाभर में अब तक 3,917,531 लोग आ चुके हैं जबकि 270,720 लोगों ने दम तोड़ दिया है। अगर बात करें भारत की तो यहां मामले बढ़कर 56,351 हो गए हैं जबकि मरने वालों की संख्या 1,889 हो गई है। 

कोरोना का कोई इलाज नहीं है। फिलहाल इससे बचने का एकमात्र तरीका संक्रमित व्यक्ति से दूर रहना है. हालांकि वैज्ञानिक दिन-रात इसके इलाज में जुटे हैं। इस बीच इससे बचने के लिए कई आयुर्वेदिक उपचारों को अपनाने की सलाह भी दी जा रही है. 

गुनगुने पानी के गरारे और जल नेती

बताया जा रहा है कि हाइपरटोनिक सेलिन वाले गुनगुने पानी के गरारे और जल नेती (नेजल वॉश) नियमित रूप से किया जाये तो यह कोरोन वायरस जैसे संक्रमण से लड़ने में मददगार हो सकता है। एक रपट के अनुसार इससे कोरोना वायरस सीओवी.2 का संक्रमण जो इंसान के मुंह और गले से होते हुए फेफड़ों तक पहुंचता है उस पर काबू पाने में मदद मिल सकती है।

मुंह और गले में ही रोका जा सकता है वायरस

अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका 'लंग इंडिया' ने अपने ताजा अंक में प्रकाशित शोध पत्र में कहा है कि नियमित रूप से हाइपरटोनिक सेलिन वाले गुनगुने पानी के गरारे और जल नेती करने से कोरोन वायरस जैसे संक्रमण को मुंह और गले से होते हुए फेफड़ों तक पहुंचने से रोक जा सकता है। यह इसमें मददगार साबित हो सकता है। 

इस अनुसंधान की प्रमुख वैज्ञानिक और सवाईमानसिंह चिकित्सालय की श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ शीतू सिंह ने बताया कि इस अध्ययन में सर्दी खांसी और बुखार के रूप में प्रकट होने वाले अपर रेसपीरेटरी वायरल संक्रमण की रोकथाम में गरारे और जल नेती के बारे में वैज्ञानिक प्रमाण का मूल्यांकन किया गया है। 

कोरोना जैसे बीमारियों के लिए कारगर थेरेपी

उन्होंने बताया कि इस प्रकार की चिकित्सा में कोरोना वायरस संक्रमण जैसी बीमारियों की रोकथाम में एक और थेरेपी की संभावना है। उन्होंने विशेषज्ञ की देखरेख में नेजल वाश का सही तरीका सिखाने पर भी जोर दिया है। 

उन्होंने बताया कि उनकी इस शोध के निष्कर्ष से पता चला है कि नाक और गले के माध्यम से प्रवेश करने वाले वायरल की रोकथाम में गरारे और जल नेती से मदद मिलती है। जिस तरह हाथा धोने से हाथ संक्रमण रहित होते है उसी तरह गरारे और नेजल वॉश से नाक और गले की धुलाई से वायरस संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है। 

लोगों की जिंदगी बचा सकती है थेरेपी

उन्होंने बताया कि नियमित गरारे और नेजल वाश दिनभर काम करने के बाद कोविड 19 रोग की रोकथाम में भी उपयोगी हो सकते है। रिपोर्ट के सह लेखक और जाने माने श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ विरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस तरह की प्रेक्टिस से लोगो की जिंदगी बचाई जा सकती है। 

उन्होंने बताया कि जापान में फेस मास्क और हाथ धोने को इंन्फ्लूएंजा नियंत्रण के राष्ट्रीय दिशा निर्देश की निवारक चिकित्सा में भी शामिल किया गया तथा इसी तर्ज पर गरारे और नेजल वाश इस संक्रमण महामारी में व्यक्तिगत पंसद के अनुसार भारत में भी प्रयोग किया जा सकता है। 

Web Title: Covid-19 home remedies and treatment: practice hypertonic saline nasal irrigation or jal neti and gargling to prevent coronavirus from entering the body

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