Covid-19: CDC का दावा, बंद जगहों में 6 फीट की दूरी तक फैल सकता है कोरोना, 4 तरीकों से करें बचाव

By उस्मान | Updated: October 6, 2020 11:20 IST2020-10-06T11:20:40+5:302020-10-06T11:20:40+5:30

कोरोना वायरस से बचने के उपाय : इससे पहले दुनियाभर के तमाम वैज्ञानिक भी इस बात को मान चुके हैं

Covid-19: CDC said people with COVID-19 possibly infected others who were more than 6 feet away, within enclosed spaces with poor ventilation | Covid-19: CDC का दावा, बंद जगहों में 6 फीट की दूरी तक फैल सकता है कोरोना, 4 तरीकों से करें बचाव

कोरोना वायरस से बचने के उपाय

Highlightsवायरस से 35,702,309 लोग संक्रमित हो गए हैं दूसरों को 6 फीट से अधिक की दूरी से भी संक्रमित कर सकते हैं मरीजकई वैज्ञानिक कर चुके हैं दावा

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकले इस खतरनाक वायरस से 35,702,309 लोग संक्रमित हो गए हैं और 1,045,955 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच दुनियाभर के तमाम स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बाद अब यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने भी माना है कि कोरोना वायरस हवा के जरिये फैल सकता है। 

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, संगठन के मानना है कि कई घंटों के लिए ही सही लेकिन वायरस हवा के जरिये फैल सकता है। अपने नए दिशा-निर्देशों में सीडीसी ने कहा है कि कोरोना से पीड़ित लोग संभवतः दूसरों को 6 फीट से अधिक की दूरी से भी संक्रमित कर सकते हैं। सीडीसी ने कहा कि मरीजों द्वारा बनने वाली छोटी बूंद या कण की मात्रा वायरस को फैलाने के लिए पर्याप्त होती हैं। 

सीडीसी ने हमेशा से हवा के माध्यम से फैलने वाली छोटी बूंदों के माध्यम से संचरण की चेतावनी दी है, जो आम तौर पर जमीन पर गिरती है। यह वजह है कि दिशा-निर्देशों में छह फीट की सामाजिक दूरी का नियम बनाया गया है।

अमेरिकी वैज्ञानिकों के एक समूह ने मेडिकल जर्नल साइंस में प्रकाशित एक खुले पत्र में चेतावनी दी है कि हवा में लिरोसेरिंग करने वाले एयरोसोल्स कोविड-19 ट्रांसमिशन का एक प्रमुख स्रोत हो सकते हैं।

बंद जगहों पर संक्रमण फैलने का खतरा

इसी साल जुलाई में दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि कोरोना वायरस हवा के जरिये भी फ़ैल रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि छींकने, खांसने या जोर से बोलने पर संक्रमित व्यक्ति के मुंह से निकली छोटी सूक्ष्म बूंदें कार्यालयों, घरों, शॉपिंग मॉलों और अस्पतालों आदि में हवा में काफी देर तक रह जाती हैं जिससे इनके संपर्क में आने वाले लोग संक्रमित हो सकते हैं।

घर के अंदर भी पहनें मास्क

उन्होंने कहा है कि अगर वाकई कोरोना वायरस का प्रसार हवा के जरिये हो रहा है, तो खराब वेंटिलेशन और भीड़ वाले स्थानों में इसकी रोकथाम के लिए बड़े कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा है कि इससे बचने के लिए घर के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना जरूरी हो जाएगा। 

Premium Photo | Asian woman wearing face mask working at home

डॉक्टरों को लगाना होगा एन-95 मास्क

वैज्ञानिकों ने कहा मेडिकल स्टाफ को एन-95 मास्क की आवश्यकता हो सकती है। इस तरह के मास्क कोरोना वायरस रोगियों के बोलने, खांसने और छींकने से निकलने वाली छोटी से छोटी श्वसन बूंदों को भी छान लेते हैं।

सभी जगहों पर वेंटिलेशन सिस्टम करना होगा मजबूत

उन्होंने सुझाव दिया है कि स्कूलों, नर्सिंग होम, घरों और व्यवसायों में वेंटिलेशन सिस्टम जगहों पर प्रसार को कम करने के लिए शक्तिशाली नए फिल्टर लगाने की आवश्यकता हो सकती है। छोटी बूंदों में घर के अंदर तैरने वाले वायरल कणों को मारने के लिए पराबैंगनी रोशनी की आवश्यकता हो सकती है।

भारत में कोरोना के मामले 66 लाख के पार

भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना से 61,267 नए मामले सामने आए हैं। साथ ही इसी अवधि में 884 लोगों की मौत भी देश में कोरोना से हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी अपडेट के अनुसार अब कुल संक्रमितों की संख्या देश में 66,85,083 हो गई है।

इन मामलों में एक्टिव मरीजों की संख्या 9,19,023 है जबकि 56,62,491 लोग बीमारी से ठीक हो चुके हैं। कोरोना से देश में अब तक कुल 1,03,569 लोगों की जान जा चुकी है। बता दें कि भारत में कोविड-19 के कुल मामले सोमवार को ही 66 लाख के पार हो गए थे। कोविड-19 से मृत्यु दर देश में 1.55 प्रतिशत है।

Web Title: Covid-19: CDC said people with COVID-19 possibly infected others who were more than 6 feet away, within enclosed spaces with poor ventilation

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