Coronavirus: वैज्ञानिकों का दावा, 4 दिन में कोरोना के मरीजों को सही कर रही है ये 2 अजीब दवाएं
By भाषा | Published: May 18, 2020 03:53 PM2020-05-18T15:53:24+5:302020-05-18T15:55:30+5:30
वैज्ञानिकों के इस दावे से दुनिया में कोरोना से निपटने के लिए एक नई उम्मीद जगी है
कोरोना वायरस का खतरा कम होता नहीं दिख रहा है। इस खतरनाक वायरस से दुनियाभर में अब तक 316,959 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 1,864,194 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। हालांकि तमाम वैज्ञानिक इसकी दवा खोजने में जुटे हैं। दुनिया के बड़े से बड़े देश इस वायरस का इलाज नहीं खोज पा रहे हैं।
अमेरिका, इंग्लैंड, चीन, जर्मनी जैसे बड़े देशों के बाद अब बांग्लादेश ने इस वायरस के खिलाफ प्रभावी दवा खोजने का दावा किया है। बांग्लादेश के डॉक्टरों की एक टीम ने दावा किया है कि व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली दो दवाओं ‘इवरमेक्टिन’ और एंटीबायोटिक दवा ‘डॉक्सीसाइक्लिन’ के मिश्रण से कोरोना वायरस के गंभीर लक्षण वाले रोगियों के उपचार में हैरान करने वाले रिजल्ट सामने आए हैं।
कोरोना वायरस विश्व में अब तक 316,959 से अधिक लोगों की जान ले चुका है। बांग्लादेश की इस अनुसंधान टीम में देश के प्रतिष्ठित डॉक्टर शामिल थे। यह दावा ऐसे समय किया गया है जब पूरी दुनिया कोविड-19 का तोड़ ढूंढ़ने में लगी है और अब तक सफलता न मिलने से विश्व के चिकित्सा विशेषज्ञ हताश हैं।
बांग्लादेश मेडिकल कॉलेज अस्पताल (बीएमसीएच) में मेडिसिन विभाग के प्रमुख, डॉक्टर मोहम्मद तारिक आलम ने कहा, ‘हमें शानदार परिणाम मिले हैं। कोविड-19 के 60 रोगियों को दो दवाओं का मिश्रण दिया गया और वे सभी ठीक हो गए।’
डॉक्टरों को मिले चमत्कारी परिणाम
आलम बांग्लादेश के जाने-माने चिकित्सक हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 रोगियों को आम तौर पर इस्तेमाल होने वाली प्रोटोजोआ रोधी दवा ‘इवरमेक्टिन’ की एक खुराक एंटीबायोटिक दवा ‘डॉक्सीसाइक्लिन’ के साथ देने के लगभग चमत्कारी परिणाम निकले।
आलम ने कहा, ‘मेरी टीम ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को सिर्फ दो दवाएं दीं जिनको शुरू में श्वसन से जुड़ी तथा अन्य संबंधित समस्याएं थीं और जो बाद में संक्रमण की पुष्टि हुयी।’
चार दिन में ठीक कर देती है
उन्होंने दावा किया कि उनकी टीम द्वारा विकसित दवा का प्रभाव इतना है कि रोगी चार दिन के भीतर ही ठीक हो गए और दवा का उन पर कोई दुष्प्रभाव नहीं हुआ।
आलम ने कहा, ‘हमने उनसे (रोगियों) पहले कोविड-19 की जांच कराने को कहा और संक्रमित पाए जाने पर हमने उन्हें दवाएं दीं।।। वे चार दिन के भीतर ठीक हो रहे हैं।’
कोई साइड इफेक्ट भी नहीं
उन्होंने कहा, ‘अनुसंधान के तहत सभी मामलों में प्रक्रिया के अनुरूप पुन: या दूसरे परीक्षण में रोगियों के कोरोनामुक्त होने की पुन: पुष्टि हुई। इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं हुआ। आलम ने कहा, ‘‘हम दवा के मिश्रण के प्रभाव के बारे में 100 प्रतिशत आशावान हैं।’
मान्यता मिलने का इंतजार
उन्होंने कहा कि वे संबंधित सरकारी नियामकों से संपर्क कर चुके हैं और अब कोविड-19 के उपचार के लिए दवा को मान्यता दिलाने के वास्ते अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं से संबंधित कार्य को अंजाम दे रहे हैं।
आलम ने कहा कि उनकी टीम एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका के लिए दवा के विकास पर एक पत्र तैयार कर रही है जो वैज्ञानिक समीक्षा और मान्यता के लिए आवश्यक है।
आलम के सहयोगी डॉ। रबिउल मुर्शीद ने कहा कि गैर कोविड-19 अस्पताल होने के बावजूद बीएमसीएच में सीधे और परोक्ष तरीके से बड़ी संख्या में रोगी आ रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन ये सभी उल्लेखनीय रूप से ठीक होकर चार दिन में कोरोनामुक्त हो रहे हैं और तीन दिन के भीतर उनके लक्षणों में 50 प्रतिशत की कमी आ रही है।’’ बांग्लादेश में अब तक कोरोना वायरस के 20,995 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 314 लोगों की मौत हुई है।