कोरोना वायरस का कोई स्थायी इलाज नहीं और न अभी तक कोई दवा या टीका बना है। इससे सिर्फ सुरक्षा ही बचाव है। यह वायरस प्रभावित व्यक्ति से खांसने या छींकने पर नाक और मुंह से निकलने वाली बूंदों से फैलता है। इससे फैलने से रोकने का सबसे बढ़िया तरीका यह है कि आप घर में रहें ताकि प्रभावित लोगों के संपर्क में आने से बचा जा सके।
यह भी कहा जा रहा है कि यह वायरस ऐसे लोगों को ज्यादा प्रभावित कर सकता है जिसका इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होता है यानी जिनके शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है। शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता स्मोकिंग, अन्हेल्दी डाइट, अल्कोहल और एक्सरसाइज नहीं करना आदि कारणों से कमजोर होती है। यही वजह है कि चिकित्सक इम्युनिटी मजबूत बनाने की सलाह देते हैं ताकि लोगों को रोगों से लड़ने में मदद मिल सके और वो जल्दी ठीक हो जाएं।
कोरोना से बचने के लिए एक्सपर्ट्स अपने-अपने तजुर्बे के हिसाब से सलाह, उपाय या दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं। हाल ही में भारत के आयुष मंत्रालय ने भी इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए कुछ कुछ उप-उपायों की घोषणा की थी ताकि कोरोना काल के इस संकट में लोगों को शरीर को मजबूत बनाने में मदद मिल सके।
बेशक इम्यून सिस्टम एक दिन में मजबूत नहीं होता है लेकिन आप रोनाजा कुछ उपायों के जरिये इसे मजबूत कर सकते हैं। भारत के आयुष मंत्रालय ने कोरोना वायरस के मद्देनजर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अपने दिशा-निर्देशों में रोजाना इस्तेमाल होने वाले किचन में मौजूद कुछ मसालों का जिक्र किया है।
इन मसालों में हल्दी, जीरा, धनिया, लहसुन, तुलसी, दाल चीनी, काली मिर्च, सूखा अदरक, नींबू, पुदीना और अजवाइन शामिल हैं। चलिए जानते हैं इन मसालों में ऐसी क्या खूबियां हैं जो शरीर को अन्दर से मजबूत बनाती हैं और बीमारियों से बचाती हैं।
हल्दीऐसा माना जाता है कि हल्दी में प्रोटीन, विटामिन ए, कार्बोहाईड्रेट, मिनरल्स और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। आयुर्वेद में तो हल्दी को बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि हल्दी खांसी, डायबिटीज कंट्रोल रखने, कैंसर से बचाव, खून साफ करने, शरीर की सूजन कम करने और शरीर की गंदगी को साफ करने में मददगार साबित हो सकती है।
जीरायह एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सिडेंट है और साथ ही यह सूजन को करने और मांसपेशियों को आराम पहुचांने में कारगर है। इसमें फाइबर भी पाया जाता है और यह आयरन, कॉपर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैगनीज, जिंक व मैगनीशियम जैसे मिनरल्स का अच्छा स्रोत भी है।
धनिया धनिये में कई तरह के औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। पारंपरिक उपचार और खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए विभिन्न सभ्यताओं के लोग धनिये का इस्तेमाल किया करते थे। इसमें मौजूद एंटी-सेप्टिक गुण मुंह के घाव को जल्दी भरने का काम करता है। नर्वस सिस्टम को सक्रिय बनाए रखने में भी धनिया की पत्ती काफी फायदेमंद है।
लहसुन लहसुन के बहुत सारे प्रभावी लाभ होते हैं। लहसुन में एलिकिन नामक औषधीय तत्व पाया जाता है। एलिकिन में एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं। खाली पेट कच्चा लहसुन खाना सेहत के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है।
तुलसी तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। तुलसी के फायदे सिर्फ सर्दी-जुकाम तक ही सीमित नहीं हैं। इसकी टहनी, फूल, बीज आदि सभी भागों को आयुर्वेद और नैचुरोपैथी में भी इलाज के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
दालचीनी वजन कम करना हो या सर्दी जुकाम से निजात पानी हो, इन सब के लिए दालचीनी का प्रयोग काफी फायदेमंद रहता है। दालचीनी गर्म होती है और वात एवं कफ दोष को संतुलित करती है जबकि इससे पित्त दोष बढ़ता है।
काली मिर्चकाली मिर्च में पिपराइन मौजूद होती है और उसमें एंटी-डिप्रेसेंट के गुण होते है। जिस कारण काली मिर्च लोगों की स्ट्रेस और डिप्रेशन को दूर करने में मदद करती है। काली मिर्च से मसूड़ों के दर्द में बहुत जल्दी आराम मिलता है।
अदरकअदरक में बहुत सारे विटामिन्स के साथ-साथ मैग्नीज और कॉपर भी पाए जाते हैं जिनकी शरीर को सुचारु रूप से चलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अदरक अपने एन्टी इंफ्लेमेटरी गुणों की वजह से जोड़ों में आई सूजन के साथ सूजन से होने वाली अन्य बीमारियों से भी आराम दिलाता है।
नींबूशरीर के पीएच लेवल को सही स्तर पर बनाए रखने में मददगार होता है। वहीं नींबू में आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, पोटैशियम और जिंक जैसे मिनरल होते हैं, जो शरीर की अलग-अलग जरूरतों को पूरा करते हैं। इसके साथ ही नींबू के सेवन से किडनी स्टोन बनने के खतरे को भी कम किया जा सकता है।
पुदीना पुदीना में कई औषधीय गुण हैं और आयुर्वेद में इसके कई फायदे बताये गए हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट, जीवाणुरोधी, एंटीवायरल आदि गुणों की वजह से भी जाना जाता है। स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए आप पुदीने से बनी चाय या फिर सूप-सलाद का भी सेवन आकर सकते हैं।