कल रात को लगेगा चंद्र ग्रहण, इन 4 बातों का रखें विशेष ध्यान, वरना भुगतना पड़ सकता है बुरा परिणाम, गर्भवती महिलाएं होशियार
By उस्मान | Published: January 9, 2020 11:36 AM2020-01-09T11:36:08+5:302020-01-09T11:36:08+5:30
ऐसा माना जाता है कि हर ग्रहण का व्यक्ति के जीवन और स्वास्थ्य पर अच्छा या बुरा प्रभाव जरूर पड़ता है। मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दौरा प्रदूषित किरणें स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालती है
साल 2020 का पहला चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को लगेगा। भारत के अलावा यह ग्रहण यूरोप, अफ्रीक, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में भी दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण 10 जनवरी रात 10:37 बजे से शुरू होकर अगले दिन 2:42 बजे सुबह तक चलेगा। यह चंद्र ग्रहण लगभग 4 घंटे 5 मिनट तक रहेगा। यह इस साल का पहला ग्रहण होगा और इसके बाद इस साल कुल मिलाकर चार चंद्र ग्रहण लगेंगे जो 5 जून, 5 जुलाई और 30 नवंबर को होंगे।
जब भी कोई ग्रहण दिखाई देता है, तो उसमें बहुत सारी सावधानियां बरतनी होती हैं। ऐसा माना जाता है कि हर ग्रहण का व्यक्ति के जीवन और स्वास्थ्य पर अच्छा या बुरा प्रभाव जरूर पड़ता है। मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दौरा प्रदूषित किरणें स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालती है इसलिए लोगों को इससे बचने की सलाह दी जाती है। इसमें भी चंद्र ग्रहण का सबसे ज्यादा खराब प्रभाव गर्भवती महिलाओं और गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है, जो बच्चे की शारीरिक और मानसिक सेहत को खराब कर सकता है। चलिए जानते हैं चंद्र ग्रहण के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं।
1) भोजन हो सकता है जहरीला
ऐसा माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसका कारण यह है कि ग्रहण मजबूत पराबैंगनी किरणों के उत्सर्जन की ओर जाता है, जो पके हुए भोजन को प्रभावित करता है क्योंकि यह पानी से तैयार होता है, जो उत्सर्जन को आकर्षित करता है, जो पके हुए भोजन को जहर में बदल देता है। ऐसा माना जाता है कि पके हुए भोजन पर एक पवित्र तुलसी का पत्ता डालने से भोजन को दूषित होने से बचाया जा सकता है, लेकिन यह तथ्य वैज्ञानिक रूप से मान्य नहीं है। यह सिर्फ एक विश्वास है।
इस दौरान भोजन नहीं करने का एक और प्रमुख कारण यह भी है कि ऐसा माना जाता है ग्रहण के दौरान विकिरण से कई सूक्ष्मजीवों की मृत्यु हो जाती है और यही कारण है कि इस दौरान कुछ जरूरी काम जैसे भोजन या स्नान नहीं करने का सुझाव दिया जाता है। हमेशा यह सलाह दी जाती है कि इस दौरान स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए और इस दौरान भोजन से बचना चाहिए।
2) आंखों पर प्रभाव
विशेषज्ञों के अनुसार, चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देखना पूरी तरह से सुरक्षित है। चंद्र ग्रहण के दो चरण होते हैं: आंशिक चरण, जिसमें चंद्रमा का हिस्सा पृथ्वी की छाया से गुजरता है, और कुल चंद्र ग्रहण, जिसमें पूरा चंद्रमा पृथ्वी की छाया से गुजरता है। विशेषज्ञों का कहना है कि चंद्र ग्रहण देखने के लिए किसी विशेष चश्मे की आवश्यकता नहीं होती है और चंद्र ग्रहण के सभी चरणों को देखना सुरक्षित है। हालांकि सूर्य ग्रहण का आंखों पर प्रभाव पड़ता है और यही वजह है कि सूर्य ग्रहण के दौरान विशेष चश्मा पहनने की सलाह दी जाती है।
3) बढ़ सकते हैं मानसिक लक्षण
यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (ncbi.nlm.nih.gov) नाम के एक अमेरिकी शोध संगठन ने 2006-07 में एक शोध किया है, जिसमें बताया गया कि चंद्र ग्रहण की वजह से नींद के पैटर्न में कुछ गड़बड़ी पैदा हो सकती है। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि ग्रहण मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोगों में लक्षणों को बढ़ा सकता है।
4) गर्भवती महिलाओं पर असर
यह भी माना जाता है कि चंद्र ग्रहण का मानव प्रजनन पर प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से प्रजनन क्षमता, मासिक धर्म, और जन्म दर पर। कई मिथक और अंधविश्वास हैं जो यह बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं को क्या करना है और क्या नहीं। उनमें से एक घर के अंदर रहना है और ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलना है। लेकिन कोई वैज्ञानिक अध्ययन इस दावे का समर्थन नहीं करता है।
इस बात का रखें ध्यान
किसी भी ग्रहण से कई सारी सच्ची-झूठी मान्यताएं जुड़ी होती हैं। कुछ को धार्मिक रूप से सही माना जाता है जबकि कई मान्यताओं के बारे में वैज्ञानिक केवल मिथक मानते हैं। इसलिए कोई भी कदम उठाने से पहले आपको अच्छी तरह विचार कर लेना चाहिए।