कंधे, गर्दन से आती है 'कड़क-कड़क' की आवाज? इस दर्दनाक रोग का है संकेत, हल्के में लेना पड़ेगा भारी
By उस्मान | Published: September 17, 2019 03:19 PM2019-09-17T15:19:51+5:302019-09-17T15:19:51+5:30
आमतौर पर शरीर की इन आवाजों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन एक्सपर्ट मानते हैं कि यह आवाजें कई गंभीर विकारों का संकेत हो सकती हैं।
उंगलियों से चटकने की आवाज, हड्डियों से कट-कट की आवाज, पेट से गुड-गुड की आवाज। शरीर के कई हिस्सों से इस तरह की आवाजें आती हैं। आमतौर पर शरीर की इन आवाजों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन एक्सपर्ट मानते हैं कि यह आवाजें कई गंभीर विकारों का संकेत हो सकती हैं। बेशक शरीर के अंगों से आने वाली आवाजों से आपको उस समय परेशानी न हो लेकिन इन्हें नजरअंदाज करने से धीरे-धीरे आपका शरीर किसी बड़े खतरे में पड़ सकता है।
कंधे से 'कड़क-कड़क' की आवाज
कई बार अंगड़ाई लेते समय या अचानक हाथ ऊपर उठाते समय अगर आपको कंधों से 'कड़क-कड़क' की आवाज आती है, तो आपके सावधान हो जाना चाहिए। इस तरह की आवाज अक्सर कंधे के जोड़ से आती है। एक्सपर्ट मानते हैं कि लंबे समय तक हाथों को उठाकर काम करने से बर्सा (bursa) में सूजन पैदा हो सकती है। यह रोटेटर कफ टेंडन और शोल्डर ब्लेड टिप के बीच द्रव से भरी थैली है और इसके कारण है ऐसी आवाज आती है।
आमतौर पर यह आवाज अपने आप खत्म हो जाती है। लेकिन अगर आपको इस आवाज के साथ कंधे में दर्द महसूस होता है, तो आपके लिए खतरे की बात है। दर्द होने का यह मतलब हो सकता है कि कंधे सॉकेट के कार्टिलेज में कुछ गड़बड़ है। अगर आपको अक्सर दर्द के साथ इस तरह का आवाज आती है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
गर्दन से टक-टक की आवाज
गर्दन से आने वाली आवाज का कतई यह मतलब नहीं है कि आपकी उम्र ज्यादा हो गई है। दरअसल गर्दन वाला हिस्सा कई जोड़ों से मिलकर बना है। गर्दन में कई जोड़ होते हैं जिसे फेसेट (facet) जोड़ कहते हैं। हर जोड़ में द्रव भरा है और एक कैप्सूल से घिरा हुआ है। गर्दन को मोड़ने से झिल्ली में खिंचाव होता है और उन जोड़ों में बदलाव होता है।
बुलबुले गिरने पर ध्वनि होती है, हालांकि कुछ लोग सोचते हैं कि बुलबुले बनने पर ध्वनि उत्पन्न होती है। जो भी कारण हो, गर्दन का फटना आमतौर पर हानिकारक नहीं होता है, लेकिन यदि आपको दर्द का अनुभव हो तो डॉक्टर से मिलें। यह नर्व रूट इम्पिंग्मेंट का संकेत हो सकता है, तंत्रिका जड़ का दबाव परिवर्तन जो पूरे अंग में दर्द का कारण बनता है।