Breast Cancer: स्तन कैंसर के खिलाफ उम्मीद की नई किरण जगी, ‘एचईआर-2 लो’ पर शोध, जानें पूरा मामला
By भाषा | Updated: June 5, 2022 21:28 IST2022-06-05T21:26:26+5:302022-06-05T21:28:57+5:30
Breast Cancer: वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह स्तन कैंसर का प्रभावी इलाज नहीं है, लेकिन ट्यूमर को निशाना बनाने की दिशा में मिली इस सफलता से हजारों मरीजों के लिए नयी उपचार पद्धतियां विकसित करने की उम्मीद जगी है।

अमेरिकी खाद्य एवं औषधि विभाग ने अप्रैल में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी।
Breast Cancer: स्तन कैंसर के खिलाफ जंग में उम्मीद की एक नयी किरण जगी है। वैज्ञानिकों ने स्तन कैंसर के बढ़ने के लिए जिम्मेदार प्रोटीन को लक्षित करने वाली दवा को पहली बार बहुत कम मात्रा के प्रोटीन वाले ट्यूमर के खिलाफ काम करते पाया है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह स्तन कैंसर का प्रभावी इलाज नहीं है, लेकिन ट्यूमर को निशाना बनाने की दिशा में मिली इस सफलता से हजारों मरीजों के लिए नयी उपचार पद्धतियां विकसित करने की उम्मीद जगी है। अभी तक स्तन कैंसर को या तो एचईआर-2 पॉजिटिव या फिर एचईआर-2 निगेटिव के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
एचईआर-2 पॉजिटिव श्रेणी के मरीजों में कैंसर कोशिकाओं में सामान्य से अधिक प्रोटीन होता है। रविवार को शोध के नतीजों के बारे में बताने वाले वैज्ञानिकों ने कहा कि यह स्तन कैंसर के उपचार की दिशा में ‘एचईआर-2 लो’ नाम की एक नयी श्रेणी पेश करेगा।
एनवाईयू लंगोन हेल्थ के वैज्ञानिकों ने कहा कि घातक स्तन कैंसर से जूझ रहे लगभग आधे मरीज, जिन्हें पहले एचईआर-2 निगेटिव के रूप में वर्गीकृत किया गया था, वास्तव में एचईआर-2 लो श्रेणी के हो सकते हैं। यानी वे एनहर्टू नाम की इस दवा को ले सकते हैं, जिसे अमेरिकी खाद्य एवं औषधि विभाग ने अप्रैल में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी।