रात में सोने से पहले देख रहे मोबाइल तो हो जाएं सावधान?, अनिद्रा का खतरा 60 प्रतिशत, नॉर्वे में 18-28 वर्ष की आयु के 45,000 से अधिक छात्रों पर रिसर्च
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 31, 2025 18:37 IST2025-03-31T18:36:44+5:302025-03-31T18:37:56+5:30
‘फ्रंटियर्स इन साइकियाट्री’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के मुख्य लेखक और नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के गनहिल्ड जॉन्सन हेटलैंड ने कहा, ‘‘स्क्रीन गतिविधि का प्रकार उतना मायने नहीं रखता जितना कि बिस्तर पर स्क्रीन का उपयोग करते हुए बिताया गया कुल समय।’’

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नई दिल्लीः सोने से एक घंटे पहले स्क्रीन का इस्तेमाल करने से अनिद्रा का खतरा लगभग 60 प्रतिशत बढ़ सकता है और नींद का समय लगभग आधे घंटे कम हो सकता है। यह बात एक अध्ययन में सामने आयी है। नॉर्वे में 18-28 वर्ष की आयु के 45,000 से अधिक छात्रों से उनके सोने के समय और आदतों के बारे में सवाल किया गया, जिसमें यह भी शामिल था कि वे सोने के बाद कितनी देर तक स्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं। इन छात्रों ने स्क्रीन के इस्तेमाल का उद्देश्य, जैसे कि फ़िल्में देखना या सोशल मीडिया देखना, भी बताया। ‘फ्रंटियर्स इन साइकियाट्री’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के मुख्य लेखक और नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के गनहिल्ड जॉन्सन हेटलैंड ने कहा, ‘‘स्क्रीन गतिविधि का प्रकार उतना मायने नहीं रखता जितना कि बिस्तर पर स्क्रीन का उपयोग करते हुए बिताया गया कुल समय।’’
हेटलैंड ने कहा, ‘‘हमने सोशल मीडिया और अन्य स्क्रीन गतिविधियों के बीच कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं पाया, जिससे पता चलता है कि स्क्रीन का उपयोग ही नींद में व्यवधान का मुख्य कारण है।’’ अनिद्रा को सोने में 30 मिनट से अधिक समय लगने के रूप में परिभाषित किया जाता है और इसमें रात के दौरान अक्सर नींद से जागना जैसी परेशानियां शामिल हो सकती हैं। नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है और इसलिए, दिन के दौरान नींद आ सकती है, जिससे गतिविधियों में बाधा आती है।