कोरोना खतरे के बीच अमेरिका में मिला मंकीपॉक्स से संक्रमित शख्स, जानें इस वायरस और इसके लक्षण के बारे में

By विनीत कुमार | Published: July 17, 2021 08:53 AM2021-07-17T08:53:24+5:302021-07-17T08:58:50+5:30

अमेरिका के टेक्सस राज्य में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है। वहीं, अमेरिका में 2003 के बाद इस वायरस से किसी इंसान के संक्रमित होने का पहला मामला सामने आया है।

America: Texax first Monkeypox case found in a resident amid coronavirus resurge | कोरोना खतरे के बीच अमेरिका में मिला मंकीपॉक्स से संक्रमित शख्स, जानें इस वायरस और इसके लक्षण के बारे में

अमेरिका में 2003 के बाद पहली बार मिला मंकीपॉक्स का मामला (फोटो- ट्विटर)

Highlightsअमेरिका के टेक्सस राज्य में मंकीपॉक्स संक्रमण का मामला सामने आया अमेरिका में इससे पहले आखिरी बार 2003 में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए थेस्मॉलपॉक्स यानी चेचक के वायरस से संबंधित है मंकीपॉक्स वायरस, नहीं है कोई इलाज

दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच अमेरिका के टेक्सस राज्य में एक शख्स में मंकीपॉक्स का मामला सामने आया है। पिछले करीब दो दशकों में अमेरिका में मंकीपॉक्स का ये पहला मामला है। आखिरी बार अमेरिका में 2003 में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए थे जब इस वायरस से 47 लोग संक्रमित मिले थे।

एनबीसी न्यूज के अनुसार जिस शख्स में मंकीपॉक्स का ताजा मामला सामने आया है, वो 8 जुलाई को फ्लाइट के जरिए नाइजीरिया से अटलांटा गया था। बाद में 9 जुलाई को डालास भी गया था। मरीज को डलास में एक अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है और उसकी हालत स्थिर है।

अमेरिका के टेक्सस में मंकीपॉक्स का ये पहला मामला है। इस बीच डालास काउंटी जज क्ले जेंकिंस ने कहा है, 'ये बहुत दुर्लभ मामला है लेकिन इसमें चिंता की बात नहीं है और हमें ऐसी आशंका नहीं है कि इससे आम लोगों को और ज्यादा खतरा होगा।'

मंकीपॉक्स: कैसे फैलता है ये वायरस

जानकारों के अनुसार मंकीपॉक्स भी एक शख्स से दूसरे शख्स में सांसों के जरिए या फिर शरीर में दिए गए किसी अन्य फ्लूइड के माध्यम से फैल सकता है।

हालांकि जानकारों के अनुसार अमेरिका में मिला मामला चिंता की बात इसलिए नहीं है क्योंकि मौजूदा गाइडलाइंस के अनुसार फ्लाइट में हर शख्स के लिए मास्क पहनना जरूरी है।

हालांकि, अमेरिका का सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन विभाग इस शख्स के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है ताकि उन्हें कोई खतरा नहीं हो।

स्मॉलपॉक्स से संबंधित है मंकीपॉक्स

मंकीपॉक्स वायरस का संबंध स्मॉलपॉक्स यानी चेचक से है, जिसका खात्मा वैक्सीन की वजह से 1980 के बाद दुनिया भर से हो गया था। स्मॉलपॉक्स और मंकीपॉक्स दोनों ही मामलों में शरीर पर धब्बे-चकते आदि हो जाते हैं और ये करीब एक महीने तक रहते हैं। शरीर में कई जगह चमड़े पर बड़े उभार भी नजर आते हैं। 

हालांकि, मृत्यु दर स्मॉलपॉक्स में ज्यादा है। कोरोना की तरह मंकीपॉक्स में भी लक्षण सामने आने में 7 से 14 दिन का समय लगता है। इसमें बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, थकावट जैसे लक्षण नजर आते हैं। इस वायरस का नाम मंकीपॉक्स इसलिए पड़ा क्योंकि ये सबसे पहले 1950 में बंदरों में पाए गए थे। इंसानों में इस वायरस के मिलने का पहला मामला 1970 में कांगो में सामने आया था।

मंकीपॉक्स के लिए फिलहाल कोई इलाज या वैक्सीन नहीं है। अमेरिका में जब 2003 में कई मामले सामने आए थे तब स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन से इसे रोकने में मदद मिली थी।

Web Title: America: Texax first Monkeypox case found in a resident amid coronavirus resurge

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