राजस्थान का स्वास्थ्य विभाग स्वाइन फ्लू के प्रकोप रोकने में फेल होता नजर आ रहा है। राज्य में इस साल यानी मात्र एक महीने बीस दिन में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या बढ़कर 88 तक पहुंच गई है। इतना ही नहीं एच1एन1 संक्रमण के अब तक 976 मामले पॉजिटिव सामने आए हैं। स्वाइन फ्लू के तेजी से बढ़ते मामलों से लोगों में भय का माहौल बना हुआ है।
खोखले साबित हुए स्वास्थ्य विभाग के दावे
हाल ही में राज्य के स्वास्थ्य निदेशक वीके सिंह माथुर ने कहा था कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू बहुत तेजी से फैल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में एक बैठक भी बुलाई थी और बीमारी को रोक पाने में असफल रहने के कारणों पर विचार-विमर्श किया था। रेड अलर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। लेकिन मौत की संख्या देखते हुए अंदाजा लगाया सकता है कि विभाग के सभी दावे खोखले साबित हुए हैं।
इससे पहले एच1एन1 के 400 पॉजिटिव मामले देखते हुए सरकार ने 3 जनवरी को रेड अलर्ट जारी कर दिया था. इसके तहत स्वाइन फ्लू प्रभावित राज्य के इलाकों में कई टीमें रवाना की गई हैं ताकि इस बीमारी पर काबू पाया जा सके। स्वास्थ्य कार्यकर्ता मरीजों के प्रभाव में आने वाले उन लोगों को भी दवाएं दे रहे हैं जिनके अंदर फ्लू के लक्षण हैं। स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए अस्पतालों में अलग से वार्ड बनाए गए हैं।
बता दें, जनवरी 2017 में राज्य में स्वाइन फ्लू से मौत का केवल एक मामला सामने आया था जबकि जनवरी 2016 में 19 लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2015 में स्वाइन फ्लू के कुल 173 मामले पॉजिटिव पाए गए थे और 43 लोगों की मौत हो गई थी।