लाइव न्यूज़ :

एग्जाम स्ट्रेस से बाहर आने के लिए बच्चे और उनके पेरेंट्स भी करें ये 6 काम

By गुलनीत कौर | Updated: April 20, 2018 11:26 IST

कोई करीबी दोस्त, भाई-बहन या जिस रिश्तेदार से आप हर बात सांझा कर लेते हों उससे बात करें।

Open in App

पहले एग्जाम और फिर एग्जाम के रिजल्ट की टेंशन। आजकल बच्चों की आधी जिंदगी तो पढ़ाई की टेंशन में ही निकल रही है। और दिन प्रतिदिन बढ़ता हुआ कम्पटीशन उन्हें और भी परेशान करता है। किसी भी पैरेंट को अपने बच्चे के 90 प्रतिशत से कम नंबर मंजूर नहीं है। क्योंकि इससे कम में आ अच्छा स्कूल मिलेगा, ना कॉलेज और फिर इसके बाद अच्छी जॉब भी नहीं मिलेगी। ये सभी कारण मिलकर बच्चों के ऊपर मानसिक दबाव बनाते हैं। 

साइकेट्रिस्ट डॉ. अभिनव मोंगा का कहना है कि एग्जाम के दिनों में और उसके बाद एग्जाम रिजल्ट का इन्तजार कर रहे विद्यार्थी तनाव का सामना करते हैं। पहले एग्जाम के लिए घंटों तक पढ़ाई करना, भरपूर नींद और डाइट ना लेना, आदि उनके शारीरिक और मानसिक विकास को रोकता है। और इसके बाद रिजल्ट का डर से वे मानसिक रूप से काफी परेशान रहने लगते हैं। बात सिर्फ इतनी ही नहीं है, उनके तनाव को और भी बढ़ाने के लिए उनके अपने पेरेंट्स ही जिम्मेदार होते हैं। बढ़ते कम्पटीशन का हवाला देना, दूसरे बच्चों से उनकी तुलना करना, कम नंबर आने पर बुरे अंजाम का डर उनके दिमाग में बिठाकर पेरेंट्स बच्चों का मनोबल तोड़ते हैं। लेकिन अगर चाहते हैं कि आपका बच्चा तनाव ना ले, तो पेरेंट्स और बच्चों दोनों को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। 

1. गहरी सांस लें: एग्जाम रिजल्ट पास आने लगे तो दोस्त, रिश्तेदार सभी तरह-तरह की बातें कर बच्चे के दिमाग में तनाव को बढाते हैं। ऐसे में एक गहरी सांस लें और 10 मिनट के लिए वॉक पर निकल जाएं। स्ट्रेस छूमंतर हो जायेगा।

2. खुद से बात करें: हमारी जिंदगी के अहम फैसले हमसे बेहतर कोई नहीं ले सकता है। और हम क्या सोचते हैं, क्या समझते हैं, इसे हमसे बेहतर कोई नहीं जान सकता है। इसलिए दुविधा में हमेशा खुद के अंतर्मन की सुननी चाहिए और खुद से अकेले में बात करनी चाहिए। हर समस्या का अहल निकल जाता है। 

3. अपनों से बात करें: कोई करीबी दोस्त, भाई-बहन या जिस रिश्तेदार से आप हर बात सांझा कर लेते हों उससे बात करें। उन्हें अपने दिमाग में चल रही हलचल से रूबरू कराएं। हो सकता है कोई बेहतर सुझाव मिल जाए।

यह भी पढ़ें: एग्जाम रिजल्ट बुरा आने पर भी बच्चों से ना कहें ये 5 बातें, अंजाम होगा बुरा

4. लिखें: लिखना स्ट्रेस को कम करने की एक अच्छी थेरेपी मानी जाती है। जब दिमाग में परेशानी का तूफ़ान चल रहा हो तो उस सब को पेपर पर लिख डालें। अच्छा महसूस करेंगे।

5. तनाव को बाहर निकालें: जब भी आप तनाव में हों तो ऐसा क्या है को आपको उससे बाहर आने में मदद करता है, उस काम को करें। कुछ लोग म्यूजिक सुनना पसंद करते हैं तो कुछ डांस या एक्सरसाइज करते हैं। वहीं कुछ लोगों की कहना है कि रोने से उनका मन हल्का हो जाता है और वे रिलैक्स फील करते हैं। 

6. पेरेंट्स करें ये: केवल बच्चे ही नहीं, अगर उनके पेरेंट्स कोशिश करें तो बच्चे तनाव से दूर रहेंगे। बच्चों पर नजर रखें, उनके बढ़ते तनाव पर एक्शन लें। उनके साथ बातें करें, उनके मन की बातों ओ बाहर निकालें और अगर वे प्रॉब्लम में दिखें तो उनकी मदद करें। भूल से भी उनकी तुलना दूसरे बच्चों से ना करें, उनकी कमियाँ ना निकालें। ऐसा करने से उनका मानसिक तनाव और बढ़ जायेगा। 

टॅग्स :बोर्ड परीक्षा 2018हेल्थ टिप्सरिलेशनशिप टिप्स
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत