जल्द ही दुनिया से खत्म हो जाएगी आपकी पसंदीदा चॉकलेट

By मेघना वर्मा | Updated: January 4, 2018 14:06 IST2018-01-04T11:35:29+5:302018-01-04T14:06:33+5:30

आज भी कोको की 90 फीसदी खेती पुरानी तकनीक से की जाती है। जिसकी वजह से पैदावार लगातार प्रभावित हो रही है।

Survey says global warming will effect Chocolate production | जल्द ही दुनिया से खत्म हो जाएगी आपकी पसंदीदा चॉकलेट

जल्द ही दुनिया से खत्म हो जाएगी आपकी पसंदीदा चॉकलेट

खाने में चॉकलेट पसंद है तो ये आपके लिए बुरी खबर हो सकती है। पूरी दुनिया से जल्द ही चॉकलेट खत्म होने की आशंका जताई जा रही है। जी हां, ठीक सुना आपने। अगले 40 सालों में चॉकलेट का नामोनिशान नहीं रहेगा, जिसकी वजह है ग्लोबल वॉर्मिंग। 'यू एस नेशनल ओशनिक एंड एटमोस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन' के मुताबिक, वैश्विक तापमान के बढ़ने का विपरीत असर चॉकलेट इंडस्ट्री पर पड़ेगा। कोको के उत्पादन के लिए तापमान 20 डिग्री से कम होना जरूरी है और तापमान के तेजी से बढ़ने की संभावना कोको के उत्पादन के लिए खतरा बन रही है। 

ग्लोबल वॉर्मिंग है वजह

ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि आने वाले 30 साल में यह तापमान मौजूदा से 2.1 डिग्री तक बढ़ जाएगा। जिसका सीधा असर कोको (चॉकलेट की मुख्य सामग्री) प्लांट पर पड़ेगा। कोको प्लांट के लिए निम्न तापमान की जरूरत होती है, और इसी वजह से वह ठप पड़ जाएगा।

90 फीसदी उत्पादन पुराने तरीके से
चॉकलेट पर मंडराते खतरे का एक कारण कोको के उत्पादन का तरीका भी है। विशेषज्ञों की मानें तो आज भी कोको की 90 फीसदी खेती पुरानी तकनीक से की जाती है। जिसकी वजह से पैदावार लगातार प्रभावित हो रही है और फसल में बढ़ोतरी की उम्मीद नाम मात्र की है। विशेषज्ञ हॉकिंस की मानें तो पिछले कई साल से खेती के तरीके में बदलाव नहीं आने की वजह से कोको के उत्पादन पर खतरा मंडराने लगा है।

40 साल के बाद खत्म

विशेषज्ञों की मानें तो बढ़ते हुए तापमान के साथ चॉकलेट इंडस्ट्री बामुश्किल दस साल निकाल पाएगी। साफ शब्दों में 40 साल के बाद चॉकलेट का नामोनिशान भी नहीं रहेगा। इस समस्या से अगर कोई निजात दिला सकता है तो वह है बारिश। आने वाले सालों में यदि जमीन को भरपूर बारिश मिला तो जल स्तर सुधरेगा और तापमान में कमी आने लगेगी।

आंत के रोगों में मददगार साबित होती है चॉकलेट

प्रोटीन से भरपूर चॉकलेट खाने से आंत के रोग से परेशान लोगों को राहत मिल सकती है। हाल ही में हुए शोध में यह बात सामने आई है। शोध का निष्कर्ष बताता है कि जिन खाद्य पदार्थो में ट्रिप्टोफैन की पर्याप्त मात्रा होती है, उसमें मौजूद अमीनो एसिड प्रोटीन का निर्माण करता है। अमेरिका के सेंट लुइस स्थित वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसीन के द रार्बट रॉक बेलिवेऊ के प्रोफेसर मार्को कोलोना का कहना है, "हमने जीवाणुओं की प्रजाति के बीच में एक संबंध जोड़ने में सफलता प्राप्त की है। लैक्टोबारिसल रेयूटेरी पेट में पाए जानवाले जीवाणुओं में काफी सामान्य है और इसकी संख्या बढ़ने पर आंत संबंधी रोगों से बचाव होता है।"

Web Title: Survey says global warming will effect Chocolate production

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