पाकिस्तान ने 'गुलाब जामुन' को राष्ट्रीय मिठाई घोषित किया है। इसके लिए पाकिस्तान सरकार ने ट्विटर पर सवाल किया और 47 फीसदी लोगों ने गुलाब जामुन को राष्ट्रीय मिठाई घोषित करने के लिए हां कहा जबकि 34 फीसदी लोगों ने जलेबी और 19 फीसदी लोगों ने बर्फी को पसंद किया। लेकिन सवाल यह है कि पाकिस्तान गुलाब जामुन पर दावा कैसे कर सकता है? गुलाब जामुन कि खोज भारत के सम्राट शाहजहां के रसोइयों द्वारा की गई थी।
गुलाब जामुन को पाकिस्तान सहित भारत, बांग्लादेश और नेपाल के आलावा पूरे उप महाद्वीप में पसंद किया जाता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या भारत की गुलाब जामुन पाकिस्तान की गुलाब जामुन की तरह होती है? वास्तव में गुलाब जामुन की कई रेसिपी हैं। कई जगह इसे खोया और फुल क्रीम दूध से बनाता है। कई ऐसी रेसिपी हैं जिसमें दही का भी इस्तेमाल किया जाता है। पाकिस्तान की कई रेसिपी में अंडा भी इस्तेमाल किया जाता है।
खैर, पाकिस्तानियों ने भी इशारा किया है कि गुलाब जामुन 'भारतीय' नहीं है। पाकिस्तान इसे विदेशी खोज मानते हैं। उसका कहना है कि गुलाब जामुन को मध्य एशियाई तुर्क आक्रमणकारियों द्वारा उपमहाद्वीप में पेश किया गया था। हालांकि कुछ लोग यह मानते हैं कि गुलाब जामुन की शाहजहां के निजी रसोइयों ने गलती से खोज की थी। दरसल वो फारसी मिठाई के साथ प्रयोग कर रहे थे लेकिन गलती से उन्होंने गुलाब जामुन बना दी।
'गुलाब' (गुलाब) शब्द फारसी है और 'जामुन' (बेर) एक गहरे उपमहाद्वीपीय फल को दर्शाता है। तो, मिठाई पर स्पष्ट रूप से कई प्रभाव पड़े हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है।
पाक इतिहासकार माइकल क्रोनडल ने अपनी पुस्तक द डोनट: हिस्ट्री, रेसिपीज, एंड लोर में गुलाब जामुन को "गोल फ्रिटर जो अंततः गुलाब जामुन बन गया" के रूप में वर्णित किया। एक अन्य सिद्धांत का दावा है कि गुलाब जामुन वैसे ही हैं जैसे कि लोकमा (तुर्की) और लोक्मा (अरबी) नामक मिठाई।
इसके अलावा, यह कोलकाता में 'लेडिकेनी' के रूप में एक ही मिठाई का उपनाम है - लेडी कैनिंग एक ब्रिटिश आर्टिस्ट थी जिन्हें मिठाई से प्यार था। इनके नाम की यहां कई मिठाई मिलती हैं।
कराची हलवा क्यों नहीं?
सवाल यह भी है कि पाकिस्तान सरकार ने अपने सवाल में सिर्फ तीन मिठाई ही क्यों शामिल की? जबकि पाकिस्तान में कराची का हलवा पूरी दुनिया में फेमस है। क्यों कराची हलवे को इसमें शामिल नहीं किया गया?