महाभारत काल से जुड़ा है पानी पूरी का इतिहास, आज भी है देश का पसंदीदा स्ट्रीट फूड

By मेघना वर्मा | Published: February 17, 2018 03:49 PM2018-02-17T15:49:11+5:302018-02-17T16:20:23+5:30

इसे सिर्फ स्वाद और जायके लिए नहीं खाया जाता है। इसके कई फायदे भी हैं। इसे खाने से मुंह के छालों से राहत मिल सकती है।

History of Gol Gappe, Phuchka and Pani Puri, HISTORY OF BEHIND PANIPURI | महाभारत काल से जुड़ा है पानी पूरी का इतिहास, आज भी है देश का पसंदीदा स्ट्रीट फूड

महाभारत काल से जुड़ा है पानी पूरी का इतिहास, आज भी है देश का पसंदीदा स्ट्रीट फूड

भारत खाने पीने की चीजों के लिए पूरे विश्व में मशहूर है। ऐसी ही एक मशहूर चीज पानी पूरी है, जिसका नाम सुनते ही किसी के भी मुंह में पानी आ सकता है। यह देश के सबसे मशहूर स्ट्रीट फूड में से एक है। बेशक बाजार में पिज्जा, बर्गर और हाई क्लास फास्ट फूड आ चुके हैं लेकिन आज भी लोगों के बीच पानी पूरी की दीवानगी कम नहीं है। तो चलिए आज हम आपको पानी पूरी से जुड़े कुछ मजेदार तथ्य बताते हैं।

मगध से आई है ये पानी पूरी

पानी पूरी की शुरुआत मगध क्षेत्र से हुई थी, जिसे आज दक्षिणी बिहार के नाम से जाना जाता है। पानी पूरी को पहली बार मगध में ही बनाया गया था। अलग-अलग राज्यों में पानी पूरी का अलग-अलग नाम से जाना जाता है। इसका पुराना नाम क्या रहा होगा ये कहना थोड़ा मुश्किल है लेकिन इसका प्राचीन नाम 'फुल्की' बताया जाता है। कहीं पर पानी बताशे के नाम से तो कहीं इसे पताशी कहा जाता है। कुछ जगहों पर गुपचुप, गोलगप्पे, फुल्की और पकौड़ी भी कहा जाता है। 

महाभारत में मिलता है इसका इतिहास

प्राचीन समय की बात करें तो मान्यता ऐसी भी है कि एक बार कुंती अपनी नयी बहू द्रौपदी का परीक्षण करना चाहती थीं। इसी के चलते उन्होंने द्रौपदी को थोड़ा सा आटा और आलू देकर कहा था की इससे कुछ ऐसा बनाओ की पांडवों का पेट भर जाए। ऐसा माना जाता है कि द्रौपदी ने कम सामग्री का इस्तेमाल करके पानी पूरी बनाया था। 

समय के साथ बदला है स्वाद 

वैसे तो समय के साथ परिवर्तन प्रकृति का नियम है और इसी नियम के चलते पूरे देश में पानी पूरी का स्वाद भी लगातार बदला है। पानी पूरी मार्गरीटा, चॉकलेट पानी पूरी और पानी पूरी  शॉट्स आज काफी पॉपुलर हो रहे हैं। इतना ही नहीं पानी पूरी आइसक्रीम भी मार्केट में आ चुकी है। पानी पूरी को आप हाई कैलोरी फूड की कैटेगरी में रख सकते हैं। एक प्लेट में 4-6 पीस होते हैं, जिसमें लगभग 100 कैलोरी होती है।

एसिडिटी से देता है राहत

इसे सिर्फ स्वाद और जायके लिए नहीं खाया जाता है। इसके कई फायदे भी हैं। इसे खाने से मुंह के छालों में काफी राहत मिलती है। अगर पानी को हींग के साथ तैयार किया जाए, तो यह एसिडिटी को भी खत्म कर देता है। फायदे के साथ इसके नुकसान भी है। इसे हद से ज्यादा खाना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं है। वजन कम करने वाले इसे न खाएं तो ही बेहतर है। क्योंकि इससे आपका वजन बढ़ा सकता है। 

Web Title: History of Gol Gappe, Phuchka and Pani Puri, HISTORY OF BEHIND PANIPURI

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