केंद्र सरकार का बड़ा फैसला-जनवरी और फरवरी में CBSE सहित कोई बोर्ड परीक्षा नहीं कराई जाएगी
By सतीश कुमार सिंह | Updated: December 22, 2020 18:37 IST2020-12-22T17:34:25+5:302020-12-22T18:37:24+5:30
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि परीक्षा की तारीखों को लेकर बाद में ऐलान किया जाएगा। कोरोना संकट काल के दौरान समय-समय पर छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों में संवाद होना चाहिए।

नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के उद्देश्य से खुद में बदलाव किया और खुद को प्रशिक्षित किया। (photo-ani)
नई दिल्लीः केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि जनवरी और फरवरी में कोई बोर्ड परीक्षा नहीं कराई जाएगी। परीक्षा कराने को लेकर फैसला बाद में लिया जाएगा। अगले साल फरवरी तक बोर्ड परीक्षाएं नहीं होंगी।
केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अगले वर्ष होने वाली बोर्ड परीक्षा के आयोजन के बारे में शिक्षकों के साथ शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का संवाद किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने आगामी बोर्ड परीक्षा आयोजित करने को लेकर 10 दिसंबर को छात्रों के साथ उनकी विभिन्न चिंताओं एवं सवालों पर चर्चा की थी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को कहा कि 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा जनवरी-फरवरी 2021 तक नहीं होगी और फरवरी के बाद परीक्षाएं कब कराईं जा सकती हैं, इस पर विचार विशर्म करेंगे। बोर्ड परीक्षा के आयोजन के बारे में डिजिटल माध्यम से शिक्षकों के साथ संवाद करते हुए निशंक ने कहा कि जनवरी- फरवरी माह तक बोर्ड परीक्षा कराना संभव नहीं होगा।
फरवरी के बाद परीक्षाएं कब कराईं जा सकती हैं, इस पर विचार-विमर्श करेंगे और आगे सूचना दी जाएगी। डिजिटल संवाद के दौरान एक शिक्षिका ने पूछा था कि क्या बोर्ड परीक्षा का स्थगन संभव है ? क्या इसमें तीन माह की देरी हो सकती है ? इसके जवाब में शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा कि मोदी सरकार छात्रों के साथ है और हम लगातार छात्रों के साथ बात कर रहे हैं।
No Board examinations will be conducted in January or February. A decision on the conduct of examinations will be taken later: Union Education Minister Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank pic.twitter.com/83dappAdOZ
— ANI (@ANI) December 22, 2020
बिहार चुनाव में इन परीक्षाओं का उदाहरण लिया गया
उन्होंने कहा कि हमने कोरोना काल में जेईई मेन और नीट जैसी बड़ी परीक्षाएं कराईं और बिहार चुनाव में इन परीक्षाओं का उदाहरण लिया गया। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि छात्रों पर कोविड डिग्रीधारी का ठप्पा लगे और यह भी नहीं चाहते कि कोई यह कहे कि कोविड के समय डिग्री मिली, इसलिये आवेदन न करें।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बिहार चुनाव के संदर्भ में चुनाव आयुक्त ने कहा था कि जेईई, नीट के मानकों का पालन करते हुए हम चुनाव करायेंगे और यह सफल चुनाव रहा था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ जनवरी-फरवरी में बोर्ड परीक्षाएं नहीं होंगी। फरवरी माह तक इसे कराना संभव नहीं होगा। फरवरी के बाद परीक्षाएं कब कराई जा सकती है, इस पर विचार विमर्श करेंगे और आगे जानकारी दी जायेगी।’’
आनलाइन पढ़ाई करायी जा सकती है तब आनलाइन परीक्षा क्यों नहीं ली जा सकती
एक शिक्षक ने पूछा कि जब आनलाइन पढ़ाई करायी जा सकती है तब आनलाइन परीक्षा क्यों नहीं ली जा सकती, इस पर निशंक ने कहा कि अभी भी कुछ संख्या में छात्रों को शिक्षा तक एक समान पहुंच उपलब्ध नहीं है, ऐसे छात्रों के लिये लैपटाप और स्थिर इंटरनेट उपलब्ध कराना होगा और ऐसे में इस तरीके से परीक्षा लेना उचित नहीं होगा।
शिक्षकों के प्रशिक्षण से जुड़े एक सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने निष्ठा कार्यक्रम के जरिये शिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम शुरू किया है । सीबीएसई ने अप्रैल से अगस्त के बीच करीब 4 लाख 80 हजार शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया है, वहीं केवीएस ने 15 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जबकि जवाहर नवोदय विद्यालय ने 9 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया है । शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को सही रखने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने काफी काम किया है।
ऑनलाइन कार्यक्रमों सहित तमाम कार्यों को शामिल किया गया
इसके लिए मंत्रालय ने फिट इंडिया मूवमेंट, ऑनलाइन योगा सेशन, ऑनलाइन कार्यक्रमों सहित तमाम कार्यों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इसी सिलसिले में ‘मनोदर्पण’ कार्यक्रम शुरू किया गया है जिसके तहत चिकित्सक सुझाव देने के लिये उपलब्ध रहते हैं। शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि दुनिया के हम पहले देश होंगे जो कि स्कूली शिक्षा के स्तर पर ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत होगी । यह नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किया जा रहा है।
व्यावसायिक शिक्षा के बारे में शिक्षा मंत्री ने कहा वर्तमान में हजारों सीबीएसई स्कूलों में 6ठीं कक्षा से व्यासायिक शिक्षा दी जा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इस चीज को महत्त्व दिया जा रहा है । सिर्फ किताबी नहीं बल्कि व्यवहारकि ज्ञान पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब छठी कक्षा से इंटर्नशिप के साथ व्यवसायिक शिक्षा की पढ़ाई होगी। ये ज्ञान केवल पुस्तक तक सीमित नहीं होगा। हम चाहते हैं कि सभी माध्यमिक स्कूलों में इसकी पढ़ाई शुरू हो। हमारा प्रयास है कि उद्योगों और कृषि में बच्चों को प्रशिक्षण मिले।