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NEET, JEE Row: आईआईटी दिल्ली के निदेशक बोले- जेईई, एनईईटी परीक्षा में और देरी के गंभीर परिणाम हो सकते हैं

By भाषा | Updated: August 26, 2020 17:10 IST

कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दोनों महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित करने की तेज होती मांगों के मद्देनजर राव का बयान आया है। उन्होंने कहा, ‘‘इन परीक्षाओं में और देरी करने से आईआईटी के अकादमिक कैलेंडर और अभ्यर्थियों के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं। लाखों विद्यार्थियों के लिए यह अकादमिक सत्र बेकार चला जाएगा।’’

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ठळक मुद्देअगर हम सितंबर में परीक्षाएं कराते हैं तो हम कम से कम दिसंबर में तो आईआईटी में सत्र (ऑनलाइन ही सही) शुरू कर सकते हैं।ऐसे समय में परीक्षा के पैटर्न या प्रवेश प्रक्रिया से छेड़छाड़ भी सभी के लिए नुकसानदेह और अनुचित होगी।छात्रों से भी अपील की कि वे संस्थानों पर भरोसा करें और कोविड-19 के सुरक्षा दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए प्रवेश परीक्षाओं में बैठें।

नई दिल्लीः भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के निदेशक वी रामगोपाल राव ने कहा कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) की परीक्षाओं में और देरी का ना केवल अकादमिक कैलेंडर पर बल्कि प्रतिभाशाली छात्रों के कॅरियर पर भी गंभीर असर पड़ेगा।

कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दोनों महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाओं को स्थगित करने की तेज होती मांगों के मद्देनजर राव का बयान आया है। उन्होंने कहा, ‘‘इन परीक्षाओं में और देरी करने से आईआईटी के अकादमिक कैलेंडर और अभ्यर्थियों के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं। लाखों विद्यार्थियों के लिए यह अकादमिक सत्र बेकार चला जाएगा।’’

उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘‘हम पहले ही छह महीने गंवा चुके हैं। अगर हम सितंबर में परीक्षाएं कराते हैं तो हम कम से कम दिसंबर में तो आईआईटी में सत्र (ऑनलाइन ही सही) शुरू कर सकते हैं। ऐसे समय में परीक्षा के पैटर्न या प्रवेश प्रक्रिया से छेड़छाड़ भी सभी के लिए नुकसानदेह और अनुचित होगी।’’

राव ने कहा कि कोरोना वायरस कम से कम एक साल तक तो खत्म नहीं होने वाला और हम हर समय तक लॉकडाउन के मोड में नहीं रह सकते। उन्होंने छात्रों से भी अपील की कि वे संस्थानों पर भरोसा करें और कोविड-19 के सुरक्षा दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए प्रवेश परीक्षाओं में बैठें।

कोविड-19 महामारी के बीच परीक्षाओं को स्थगित करने की मांगों के बीच शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि जेईई मुख्य परीक्षा और राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) सितंबर में तय कार्यक्रम के अनुसार होंगी।

सोनिया के साथ बैठक में मुख्यमंत्रियों ने कहा: नीट और जेईई की परीक्षाएं स्थगित की जाएं

सोनिया गांधी के साथ डिजिटल बैठक में सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को देखते हुए मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए ली जाने वाली नीट और जेईई की परीक्षाएं स्थगित होनी चाहिए। बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि इन परीक्षाओं को रोकने के लिए राज्यों को उच्चतम न्यायालय का रुख करना चाहिए।

हालांकि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि न्यायालय जाने से पहले मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर परीक्षाओं को टालने की मांग करनी चाहिए। जीएसटी के मुआवजे की मांग से जुड़े मुद्दे पर हुई इस बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि सभी राज्य सरकारों से आग्रह है कि हालात के सामान्य होने तक इन परीक्षाओं को स्थगित कराने के लिए उच्चतम न्यायालय में जाना चाहिए। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी इसका समर्थन किया और कहा कि सितंबर में कोरोना के मामले और बढ़ सकते हैं, ऐसी स्थिति ये परीक्षाएं कैसे कराई जा सकती हैं?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सवाल किया कि आज कोरोना फैल रहा है और संकट बढ़ गया है तो परीक्षाएं कैसे ले सकते हैं? राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने भी इन परीक्षाओं को स्थगित करने की पैरवी की। गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मेन) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) तय कार्यक्रम के अनुसार सितंबर में ही आयोजित की जाएंगी। 

टॅग्स :नीटशिक्षा मंत्रालयरमेश पोखरियाल निशंकसुप्रीम कोर्ट
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