MPPSC में टॉप करने वाली निकिता ने ऐसे संवारा 21 साल की उम्र में करियर, उन्हीं की जुबानी में पढ़ें और सुनें सफलता का राज

By रामदीप मिश्रा | Published: February 5, 2019 06:18 PM2019-02-05T18:18:24+5:302019-02-05T19:12:11+5:30

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोगः निकिता ने पहली बार में ही पीसीएस की परीक्षा पास की। कड़ी मेहनत और लगन से उन्हें डिप्टी कलेक्टर के पद के लिए चुना गया। उनकी कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम है कि उन्होंने इतनी कम उम्र में बड़ी सफलता हासिल की।

MPPSC Topper Nikita Mandloi Exclusive Interview madhya pradesh | MPPSC में टॉप करने वाली निकिता ने ऐसे संवारा 21 साल की उम्र में करियर, उन्हीं की जुबानी में पढ़ें और सुनें सफलता का राज

MPPSC में टॉप करने वाली निकिता ने ऐसे संवारा 21 साल की उम्र में करियर, उन्हीं की जुबानी में पढ़ें और सुनें सफलता का राज

Highlightsमध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में खरगोन जिले के सुखपुरी गांव की रहने वाली 21 वर्षीय निकिता मंडलोई ने एसटी वर्ग में टॉप किया।निकिता ने प्रदेश में 23वी रैंक हासिल की है। एमपीपीएससी 2018 की परीक्षा में 286 अफसरों को चयनित किया गया था। निकिता ने पहली बार में ही पीसीएस की परीक्षा पास की। कड़ी मेहनत और लगन से उन्हें डिप्टी कलेक्टर के पद के लिए चुना गया।

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) में खरगोन जिले के सुखपुरी गांव की रहने वाली 21 वर्षीय निकिता मंडलोई ने एसटी वर्ग में अपने प्रदेश में टॉप किया। निकिता ने प्रदेश में 23वी रैंक हासिल की है। एमपीपीएससी 2018 की परीक्षा में 286 अफसरों को चयनित किया गया था। निकिता ने पहली बार में ही पीसीएस की परीक्षा पास की। कड़ी मेहनत और लगन से उन्हें डिप्टी कलेक्टर के पद के लिए चुना गया। उनकी कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम है कि उन्होंने इतनी कम उम्र में बड़ी सफलता हासिल की। इस दौरान लोकमत न्यूज हिन्दी ने उनसे खास बातचीत की है...  

1- आपका कौन सा अटैम्ट था? 

ये मेरा पहला अटैम्ट था। 

2- आपने पढ़ाई कैसे की?

पढ़ाई के लिए मैंन पूरा फोकस सिलेबस और पुराने पेपर्स पर रखा और ज्यादा न पढ़ते हुए कुछ ही पढ़ा, लेकिन 100 फीसदी दिया। जैसे कई बार लोग कोशिश करते हैं कि बहुत सारा पढ़ लें, लेकिन परीक्षा में थोड़ा ही आता है। मैंने कोशिश की थी कि मैं कम ही पढ़ूं और उसी में से आया।   

3- पीसीएस परीक्षा के लिए आपने कितने सालों तक पढ़ाई की? 

मैंने इस परीक्षा के लिए मुश्किल से दो साल पढ़ाई की है। मेरा 2017 में ही ग्रेजुएशन पूरा हुआ। मैंने बायो मेडिकल में इंजीनीयरिंग की है। 

4- आपके माता-पिता क्या करते हैं?

मेरे पापा सरकारी अध्यापक थे। उन्हीं का सपना था कि मैं अफसर बनूं। लेकिन, दुर्भाग्यवश वो इस दुनिया में नहीं हैं। उन्हीं का सपना पूरा करने के लिए मां ने मुझे सपोर्ट किया। मेरे पिता का देहान्त उस समय हुआ जब मैं 12वीं कक्षा में थी। मुझे बोर्ड की परीक्षा देनी थी और मेरे साथ ये सब कुछ (पिता का देहान्त) हो गया। मां ने बहुत सपोर्ट किया, जिसके बाद मैं 12वीं में भी अच्छे अंक लेकर पास हुई। 

5- घर में कौन-कौन है?

मेरे बड़े भाई हैं राहुल मंडलोई, जोकि कृषि विभाग में गुणवत्ता नियंत्रक अधिकारी हैं। उनसे छोटे भाई अंकित मंडलोई सरकारी अध्यापक हैं। 

6- इस बड़ी सफलता का श्रेय किसको देती हैं आप?

इस सफलता का श्रेय मेरी मां को जाता है और पापा को जो यहां भले ही आज नहीं हैं, लेकिन उनका विश्वास था और आशीर्वाद था। जिसकी वजह से मैं यहां पहुंची हूं। मेरे एक आशू सर हैं इंदौर में उन्होंने भी मुझे बहुत मोटिवेट किया है और उन्हें भी श्रेय देती हूं।

7- आपने इससे पहले कहीं प्राइवेट जॉब के लिए भी ट्राई किया है?

मैंने प्राइवेट जॉब के लिए कभी ट्राई नहीं किया है, लेकिन कैंपस प्लेसमेंट हुआ था क्योंकि बायो मेडिकल इंजीनियरिंग का स्कोप है। मेरे पास विदेश में भी नौकरी करने का ऑफर था। लाखों का पैकेज था। इस सैलरी से डबल पैकेज था, जिसे मैंने ठुकरा दिया। एक दो सरकारी नौकरियां भी लगी थीं लेकिन मुझे डिप्टी कलेक्टर ही बनना था, जिसकी वजह से उन पर ध्यान नहीं दिया। 

8- आपकी हॉबी क्या है?

मेरी हॉबी सिंगिंग और डांसिंग हैं। डांसिंग में मुझे कथ्थक पसंद है। कथ्थक में डिप्लोमा भी किया है। कविताएं पढ़ने और लिखने का भी शौक है। 

9- आप सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती हैं या नहीं?

सोशल मीडिया पर अभी तक एक्टिव नहीं थी क्योंकि यह बहुत डिस्ट्रेक्टिंग लगता है, तो मेरी कोशिश थी कि पढ़ते समय सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखी जाए। अभी हाल ही में फेसबुक पर अकाउंट बनाया है और वॉट्सएप रिजल्ट आने के बाद ही इंस्टॉल किया है। 

10- आपका आइडिल कौन है?

मेरी आइडियल मां हैं। उन्हीं के जैसे बनना चाहती हूं। 

11- पॉलिटिकल करप्शन पर कैसे डील करेंगी?

पॉलिटिकल करप्शन की बात करूं तो मेरे कार्य क्षेत्र से यह सब बाहर होगा। मेरी कोशिश रहेगी कि मुझे जो ट्रेनिंग में सिखाया जाए उसे प्रक्टिकल जीवन में उतारना चाहती हूं। मैं कार्यपालिका में रहकर ही काम करूंगी। 

12- आपने प्रशासनिक सेवा को ही क्यों चुना?

मेरा प्रशासनिक सेवा चुनने का एक अलग ही मोटिव था। अगर किसी को जॉब करनी होती है तो पहला होता है पैसा और दूसरा होता है सम्मान। पैसा मैं बायो मेडिकल इंजीनियर बनकर कमा लेती। सम्मान एनजीयो या फिर समाजसेवा करके कमा लेती। लेकिन मेरे लिए तीसरा आत्मसंतुष्टि का फैक्टर काम किया है, जिसकी वजह से प्रशासनिक सेवा को चुना है।  

13- आज आप युवाओं को क्या संदेश देना चाहेंगी और वह अपनी पढ़ाई कैसे करें जिससे उन्हें सफलता मिल सके?

मैं कहना चाहूंगी कि सोशल मीडिया, इंटरनेट या फिर फोन हो ये बहुत ही अच्छी चीजें हैं। लेकिन, ये फोन तभी तक अच्छा है जब तक इसे हम उंगलियों से चलाएं। एक समय आता है जब यह हमें चलाने लगता है और हमारा समय भी बर्बाद कर देता है। उससे बचने की कोशिश करें। जरूरत पड़ने पर फोन चलाएं। इंटरनेट से हमें बहुत सारी चीजें मिलती हैं। मेरी तो कोशिश रहती थी कि मैं किताबों में ज्यादा समय व्यतीत करूं। मेरी कोशिश इंटरनेट से दूर रहने की रही है। समय पड़ने पर जरूर इसका इस्तेमाल किया है। लेकिन, सभी युवाओं को संदेश है कि एक ही लक्ष्य बनाएं। जिस तरीके से आज प्रतियोगी परीक्षाओं का दौर चला है उसमें डिस्ट्रेक्ट न हों। एक ही गोल बनाएं। उसी के पीछे जी-जान लगा दें और बहुत ईमानदारी से पढ़ाई करें तो जरूर सफलता मिलेगी। मैं हमेशा मोटिवेट होती हूं कि जिसके पास इरादे होते हैं उसके पास बहाने नहीं होते हैं। 

Web Title: MPPSC Topper Nikita Mandloi Exclusive Interview madhya pradesh

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