डॉक्टर बनने के लिए देनी पड़ेगी एक और परीक्षा, विदेश में पढ़ने वालों को है राहत
By रामदीप मिश्रा | Published: January 3, 2018 04:21 PM2018-01-03T16:21:47+5:302018-01-03T16:27:25+5:30
'सरकार जो बिल लाने की तैयारी में है, उसकी शर्तों से चिकित्सकीय पेशे पर जहां संकट आएगा, वहीं भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा।'
बैचलर ऑफ मेडिसीन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) पास करने के बाद आप सीधे डॉक्टर नहीं बन पाएंगे। दरअसल, केंद्र सरकार इस साल नेशनल मेडिकल कमीशन बिल पास करने जा रही है, जिसमें एमबीबीएस पास करने के बाद एक और विशेष परीक्षा देनी पड़ेगी। परीक्षा में पास होने के बाद ही प्रैक्टिस के लिए क्वालिफाई कर सकेंगे। इस नियम का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन विरोध कर रही है।
अगर छात्र ने परीक्षा पास नहीं कर पाई है तो इस सूरत में प्रैक्टिस नहीं करने दी जाएगी। छात्र ने विदेश से डॉक्टरी की पढ़ाई की है तो उसे इस परीक्षा का सामना नहीं करना पड़ेगा और सीधे प्रैक्टिस कर सकेगा। इस नियम का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लगातार विरोध कर रही है। उनका कहना है कि सरकार जो बिल लाने की तैयारी में है, उसकी शर्तों से चिकित्सकीय पेशे पर जहां संकट आएगा, वहीं भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा।
उनके अनुसार, एमबीबीएस पर लगने वाले यह बंदिशें और क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट निश्चित तौर पर दुखदायी होगा। इससे डॉक्टरों की कमी बढ़ेगी। कहीं न कहीं इस तरह के नियम से मेडिकल कॉलेज और छात्रों के अलावा जनता के लिए भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।