जादवपुर विश्वविद्यालय: माँगे न माने जाने से नाराज छात्रों ने प्रो वीसी को 24 घण्टे तक दफ्तर में किया बंद, 19 फ़रवरी से छात्र कर रहे हैं हड़ताल

By भाषा | Updated: February 23, 2019 20:55 IST2019-02-23T20:55:40+5:302019-02-23T20:55:40+5:30

इन तीनों यूनियन के छात्र गत 19 फरवरी से ही धरने पर हैं जब छात्रों के दो समूहों के बीच झड़प हो गयी थी जो विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक के बाद कुलपति सुरंजन दास से मिलना चाह रहे थे।

jadavpur university student kept pro vice chancellor captive for 24 hours | जादवपुर विश्वविद्यालय: माँगे न माने जाने से नाराज छात्रों ने प्रो वीसी को 24 घण्टे तक दफ्तर में किया बंद, 19 फ़रवरी से छात्र कर रहे हैं हड़ताल

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीक के तौर पर किया गया है।

कोलकाता, 23 फरवरी: जादवपुर विश्वविद्यालय के आंदोलनरत छात्रों के एक वर्ग ने प्रो वाइस चांसलर प्रदीप कुमार घोष को 24 घंटे से अधिक समय तक उनके कार्यालय में बंद कर दिया। 

विश्वविद्यालय सूत्रों ने शनिवार को बताया कि आर्ट्स फैकल्टी स्टूडेंट्स यूनियन (एएफएसयू), साइंस फैकल्टी स्टूडेंट्स यूनियन (एसएफएसयू) और फैकल्टी आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी स्टूडेंट्स यूनियन (एफईटीएसयू) के सदस्य विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार से ही घोष के कार्यालय के बाहर जमा थे।

ये छात्र तृणमूल कांग्रेस समर्थित उन छात्रों को दंड की मांग कर रहे हैं जो उन्हें कथित रूप से ‘‘विश्वविद्यालय परिसर में सभी तरह की लोकतांत्रिक गतिविधियां’’ रोकने की धमकी दे रहे थे।

इन यूनियनों ने विश्वविद्यालय प्राधिकारियों से मांग की कि वे बतायें कि मुद्दे को उच्च शिक्षा विभाग के साथ उठाने के लिए क्या कदम उठाये गए हैं और अभी तक इस संबंध में क्या प्रगति हुई है। एएफएसयू सदस्य देवराज देवनाथ ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम धरना तब तक समाप्त नहीं करेंगे जब तक इन दो मुद्दों पर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल जाता।’’ 

शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने शनिवार को कहा कि छात्रों को समझना चाहिए कि किसी संस्थान में ऐसे में चुनाव नहीं हो सकता जब लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और सरकार इस पर ऐसे समय कोई निर्णय नहीं कर सकती।

इस पर देवनाथ ने कहा, ‘‘हम इस मुद्दे पर लंबे समय से निर्णय के लिए इंतजार कर रहे हैं। इस सरकार ने पिछले सात वर्षों में हमारे सभी लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिये हैं।’’ 

इन तीनों यूनियन के छात्र गत 19 फरवरी से ही धरने पर हैं जब छात्रों के दो समूहों के बीच झड़प हो गयी थी जो विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक के बाद कुलपति सुरंजन दास से मिलना चाह रहे थे।

एएफएसयू और एफईटीएसयू चुनाव के लिए अपनी मांगें रखना चाहते थे जबकि तृणमूल छात्र परिषद ने उस दिन परिसर में गैरकानूनी गतिविधियों का आरोप लगाया।

दास झड़प के दौरान जमीन पर गिर गए और उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
 

Web Title: jadavpur university student kept pro vice chancellor captive for 24 hours

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