भारत के प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) के लिए अब एकेडेमिया या पीएचडी अनिवार्य नहीं होगी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस हफ्ते नया आईआईएम एक्ट लागू किया गया है। इसके मुताबिक आईआईएम का डायरेक्टर बनने के लिए कोई सीनियर एग्जिक्यूटिव भी आवेदन कर सकता है जिसका 15 सालों के मैनेजमेंट रोल का अनुभव हो।
आईआईएम में पहले भी कॉरपोरेट एग्जीक्यूटिव को प्रमुख बनाया जा चुका है लेकिन ऐसे उदाहरण बेहद कम हैं। 1965 में आईआईएम अहमदाबाद के पहले पूर्ण कालिक डायरेक्टर रवि जे. मथाई और 1990 में आईआईएम कलकत्ता के सुबीर चौधरी ऐसे ही दो उदाहरण हैं।
इंडियन एक्सप्रेस ने आईआईएम के एक डायरेक्टर के हवाले से लिखा है कि संस्थानों के शुरुआती दिनों में टैलेंट पूल बहुत सीमित होता है ऐसे में एग्जीक्यूटिव के हाथ में कमान दी जाती थी। इस साल जनवरी में आईआईएम एक्ट आने से पहले डायरेक्टर पद की नियुक्ति के लिए कुछ नियम थे। इसमें अध्यापन अनुभव के साथ पीएचडी अनिवार्य शर्त थी।
नए नियमों के मुताबिक आवेदक के पास पीएचडी अथवा 15 साल का अध्यापन अनुभव अथवा प्रतिष्ठित संस्थान में सात साल तक फुल प्रोफेसर अथवा 15 सालों का इंडस्ट्री अनुभव हो। ये नियम सभी 20 आईआईएम संस्थानों में लागू होता है।