घरों में बंद छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई के समय में बदलाव किया गया है. केंद्रीय विद्यालयों में जो कक्षाएं सुबह 9 बजे से शुरू हो रही थीं, वे अब दोपहर में 3 बजे से शुरू होकर शाम 5.40 बजे तक चल रही हैं. अन्य कक्षाओं के शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं किया गया है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के ट्विटर पर और सोशल मीडिया एकांउट पर लगातार ऐसे सुझाव आ रहे थे कि कक्षा पांचवीं तक के छात्रों की कक्षाएं दोपहर में हों. इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि गृहणियां सुबह के समय काम में व्यस्त रहती हैं और मोबाइल पर हो रही ऑनलाइन क्लासेज में भाग नहीं ले पातीं जिससे बच्चों को होमवर्क कराने में भी परेशानी आती है.
एक महीने पहले एनसीईआरटी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को ऑनलाइन पढ़ाई की गाइडलाइन सौंपी थीं. एनसीईआरटी के निदेशक डा. ऋ षिकेश सेनापति ने 'लोकमत' से विशेष बातचीत में कहा कि 14 साल तक बच्चों को मोबाइल देने की मनाही है. इस उम्र के छात्रों को मोबाइल की लत से बचाने के लिए केंद्र सरकार को यह सुझाव दिए गए थे कि बच्चों को मोबाइल के इस्तेमाल से दूर रखा जाए. अगर ऑनलाइन पढ़ाई हो भी रही है तो उसमें अभिभावक बच्चे को मोबाइल पर दी जा रही टीचिंग में हिस्सेदार बनें और उन्हें पढ़ाएं.
इसके अलावा टीवी पर प्रसारित कक्षावार प्रोग्राम के जरिए भी छात्रों को पढ़ाया जा सकता है. केंद्रीय विद्यालय के एक प्रिंसिपल ने कहा कि अभिभावकों की ओर से लगातार यह संदेश भेजे जा रहे थे कि अगर कक्षाएं दोपहर में होंगी तो बच्चों के लिए ज्यादा अच्छा होगा, क्योंकि मोबाइल पर ऑनलाइन क्लासेज के नाम पर बच्चे मोबाइल की लत के शिकार हो रहे हैं. दोपहर के समय क्लासेज होने से गृहणयिां छोटे बच्चों के साथ बैठकर समझेंगी तो उन्हें बच्चे को समझाने में आसानी भी होगी.