नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण लागू हुए देशव्यापी लॉकडाउन को देखते हुए देश भर में हो रही तमाम बोर्ड परीक्षाओं को रोक दिया गया था। ऐसे में जहां एक ओर सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने कुछ समय पहले कहा था कि लॉकडाउन के बाद 12वीं कक्षा के उन्हीं विषयों के एग्जाम होंगे, जो कि जरुरी हैं। मगर 12वीं के पेपर कब होंगे, इसपर अभी सस्पेंस बना हुआ है। वहीं, एक बार फिर सीबीएसई ने साफ किया है कि 10वीं की बची हुई परीक्षा नहीं ली जाएगी और छात्रों को इंटरनल एग्जाम के आधार पर पास कर दिया जाएगा।
बता दें कि सीबीएसई द्वारा एक ट्वीट किया गया है, जिसमें यह बताया गया कि 10वीं बोर्ड की बची हुई परीक्षाओं को लेकर पिछले कुछ दिनों से कई बातें सामने आ रही हैं। इसलिए एक बार फिर ये दोहराया जा रहा है कि कक्षा 10वीं और 12वीं के 29 विषयों के लिए परीक्षा देने का बोर्ड का निर्णय, 1 अप्रैल 2020 के परिपत्र में जैसा उल्लिखित है, ठीक वैसा ही आगे किया जाएगा।
मालूम हो, बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम को लेकर सीबीएसई ने एक नई नीति बनाई थी। इस नीति के तहत बोर्ड ने तय किया था कि लॉकडाउन खुलने के बाद 10वीं और 12वीं के उन्हीं विषयों के एग्जाम कराएगा जो कि जरूरी हैं। इस तरीके से अब सिर्फ 12वीं के 29 विषयों के पेपर होंगे। लॉकडाउन खत्म होने के बाद ये तय किया जाएगा की एग्जाम कब से शुरू होंगे।
खबरों के अनुसार, 10वीं के जो एग्जाम रह गए थे उनमें कुछ ऐसे थे जो जरूरी विषयों के नहीं थे। वहीं 12वीं के कुछ जरुरी एग्जाम होने बाकी हैं। यही वजह है की बोर्ड ने तय किया है कि 12वीं के 29 विषयों के ही एग्जाम लॉकडाउन के बाद करवाए जाएंगे। हालांकि, सीबीएसई ने ये कहा है कि पेपर कब होंगे इसकी जानकारी 10 दिन पहले छात्रों को दे दी जाएगी।
बोर्ड ने बदला परीक्षाओं का पैटर्न
शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए बोर्ड ने परीक्षाओं का पैटर्न बदल दिया है। अब इस नए पैटर्न के मुताबिक, कक्षा 9 से 12 तक में ऑब्जेक्टिव टाइप सवाल 20 प्रतिशत होंगे। इसकी जानकारी सीबीएसई द्वारा मार्च में जारी किए गए एक सर्कुलर में दी गई थी। इस सर्कुलर के अनुसार, थ्योरी पेपर में 20 फीसदी ऑब्जेक्टिव टाइप सवालों में मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन (MCQ) को शामिल किया गया है। इस तरीके से पेपर में 20 प्रतिशत ऑब्जेक्टिव टाइप सवाल तो 10 प्रतिशत केस बेस्ड या सोर्स बेस्ड इंटीग्रेटेड सवाल पूछे जाएंगे।