सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं होंगी और भी आसान, पूछे जाएंगे 40 से 50 फीसदी ऑब्जेक्टिव प्रश्न

By एसके गुप्ता | Updated: April 25, 2020 16:27 IST2020-04-25T16:27:47+5:302020-04-25T16:27:47+5:30

सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि बोर्ड ने इस साल दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में 20-20 फीसदी ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे हैं।

CBSE board exams will be even easier, 40 to 50 percent objective questions will be asked | सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं होंगी और भी आसान, पूछे जाएंगे 40 से 50 फीसदी ऑब्जेक्टिव प्रश्न

सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं होंगी और भी आसान, पूछे जाएंगे 40 से 50 फीसदी ऑब्जेक्टिव प्रश्न

Highlightsकेंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बोर्ड की ओर से परीक्षाओं के पैटर्न में बदलाव का प्रस्ताव भेजा गया है। नए बदलावों के तहत अगले साल के लिए इन प्रश्नों की संख्या 40 से 50 फीसदी किए जाने की अनुमति मंत्रालय से मांगी गई है।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए नया ब्लू प्रिंट तैयार किया है। जिससे बोर्ड परीक्षाओं का पैटर्न आसान हो जाएगा। नए बदलाव के तहत दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में अगले साल यानि 2021 से 40 से 50 फीसदी प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप पूछे जाएंगे। फिलहाल परीक्षा में बदलाव का प्रस्ताव बोर्ड ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजा है। जिससे कोविड-19 जैसी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर परीक्षा पैटर्न में महत्वपूर्ण बदलाव की अनुमति मांगी गई हैं।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बोर्ड की ओर से परीक्षाओं के पैटर्न में बदलाव का प्रस्ताव भेजा गया है। फिलहाल इस पर विस्तृत चर्चा की जरूरत है। जिसके बाद बोर्ड परीक्षा का पैटर्न पूरी तरह से बदल जाएगा। 

सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि बोर्ड ने इस साल दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में 20-20 फीसदी ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे हैं। नए बदलावों के तहत अगले साल के लिए इन प्रश्नों की संख्या 40 से 50 फीसदी किए जाने की अनुमति मंत्रालय से मांगी गई है।

इसके अलावा एक अन्य प्रस्ताव में भविष्य में केवल भाषाई विषयों के लिए ही लिखित परीक्षाएं कराने और अन्य विषयों की परीक्षाएं ऑब्जेक्टिव पैटर्न पर करने का विचार भी शामिल है। इसके संबंध में तर्क दिया गया है कि छात्रों के जो प्री-बोर्ड या होम टेस्ट होंगे उन परीक्षाओं में छात्र के प्रदर्शन को इंटरनल अस्समेंट के तहत बोर्ड परीक्षा में 20 से 30 फीसदी वैटेज देने का सुझाव भी दिया गया है। जिससे छात्रों की ओवरऑल परफोरमेंस काउंट हो सके।

छात्रों के लिए क्यों है फायदा :

-छात्रों को बोर्ड परीक्षा के बाद जेईई मेन, एडवांस या नीट जैसी परीक्षाएं भी आब्जेक्टिव पैटर्न पर देनी होती हैं। इससे बोर्ड के बाद अचानक परीक्षाओं के पैटर्न में होने वाले बदलावों से छात्र अंजान नहीं होंगे। ऐसे में बोर्ड परीक्षा के विस्तृत जवाब लिखने की बजाए छात्रों को चार में से एक सही जवाब देकर आगे बढना होगा।

-इससे परीक्षा का पैटर्न आसान बनेगा और छात्र बोर्ड परीक्षा के तनाव से भी मुक्त होंगे।

-जहां तक छात्रों की लिखित क्षमता को जांचने की बात है तो इसका आंकलन भाषाई विषय की लिखित परीक्षा के आधार पर किया जा सकेगा।

बोर्ड को क्या लाभ :

-हर साल बोर्ड परीक्षा में छात्रों की संख्या बढ रही है। इस साल दसवीं बारवहीं में कुल मिलाकार 31 लाख से ज्यादा छात्र पंजीकृत हुए हैं। ऑब्जेक्टिव पैटर्न पर परीक्षाएं होने से रिजल्ट जल्द तैयार होगा।
-100 फीसदी ऑब्जेक्टिव पैटर्न आने पर परीक्षाओं का आयोजन कंप्यूटर बेस्ड हो जाएगा। जैसा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से परीक्षा का आयोजन किया जाता है।
-इससे उत्तर पुस्तिकाओं को जंचवाने के लिए ज्यादा संख्या में स्कूली शिक्षकों की जरूरत नहीं पडेगी और परिणाम भी एरर फ्री और समय से आएंगे। 

Web Title: CBSE board exams will be even easier, 40 to 50 percent objective questions will be asked

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