केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं दो दिन बाद यानी 15 फरवरी से शुरू होने जा रही है. बोर्ड परीक्षा का भय छात्रों के मन से दूर करने के लिए बोर्ड अध्यक्ष अनीता करवाल ने छात्रों के नाम एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने अपने एक सहयोगी की बेटी की बोर्ड परीक्षा की कहानी सुनाते हुए छात्रों को प्रोत्साहित किया है.
पत्र के अनुसार सहयोगी की बेटी ने दिन-रात पढ़ाई की लेकिन जब बोर्ड परीक्षा का परिणाम आया तो बेटी का रिजल्ट सामान्य औसत वाला था. इससे मेरे सहयोगी यानी बच्ची के पिता को काफी तकलीफ हुई, क्योंकि रात-रातभर जागकर पिता बच्ची की परीक्षा तैयारी में मदद करता था. घर आने पर बच्ची ने पिता का उतरा हुआ चेहरा और हाथ में अपना रिपोर्ट कार्ड देखकर कहा कि 'पापा बुरा महसूस मत करो, आपने अपना श्रेष्ठ दिया है.' इस बच्ची की प्रतिक्रिया ने यह साबित कर दिया कि बोर्ड परीक्षा आपकी जिंदगी पर शासन नहीं कर सकती.
छात्र बोर्ड परीक्षा का तनाव छोड़कर अच्छा करियर बनाने के लिए पढें. अंकों को लेकर परेशान न हों सीबीएसई चेयरपर्सन अनीता करवाल ने छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि स्कूली समय जीवन के सबसे सुनहरे लम्हे होते हैं. जहां तक पढ़ाई और बोर्ड परीक्षा का सवाल है तो विभिन्न विषयों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए स्कूली शिक्षा जरू री होती है.
उन्होंने छात्रों को राय देते हुए कहा है कि छात्रों को अपने अंकों के बारे में बहुत ज्यादा परेशान होने की जरू रत नहीं है, क्योंकि भविष्य में रोजगार देने वाला नियोक्ता इन अंकों की बजाए यह देखेगा कि क्या आप रचनात्मक और परिश्रमी हैं?